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पेट्रोरसायन क्षेत्र में विस्तार की तैयारी में गेल

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड पेट्रोरसायन क्षेत्र में विस्तार की तैयारी कर रही है.

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Published : Jul 4, 2021, 3:27 PM IST

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन मनोज जैन (Manoj Jain, Chairman, GAIL India Limited) ने कहा कि स्पेशियल्टी रसायन और नवीकरणीय ऊर्जा उसकी नई रणनीति है जिसके जरिये कंपनी प्राकृतिक गैस से आगे अपने कारोबार का विस्तार कर सकती है. गेल के चेयरमैन ने साक्षात्कार में कहा कि कंपनी ने भविष्य की संशोधित रूपरेखा 'रणनीति 2030' को अपनाया है. यह कंपनी की अगले दशक की यात्रा को परिभाषित करेगी.

देश की सबसे बड़ी गैस विपणन कंपनी के प्रमुख ने कहा कि इस रणनीतिक योजना से हमें बदलते उद्योग परिदृश्य में चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी और भौगोलिक विस्तार के साथ हमें वृद्धि का नया क्षेत्र उपलब्ध होगा.
गेल ने अपने 13,340 किलोमीटर के प्राकृतिक गैस ट्रंक पाइपलाइन के नेटवर्क के जरिये देश में कुल गैस में से 70 प्रतिशत का परिवहन किया है.

कंपनी देश में बिकने वाली कुल प्राकृतिक गैस में से 55 प्रतिशत की बिक्री करती है. कंपनी के उत्तर प्रदेश के पाता तथा असम के लेपेटकाटा में पेट्रोरसायन संयंत्र (petrochemical plant) हैं. कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 17.5 प्रतिशत है. जैन ने कहा कि कंपनी महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के उसार में मौजूदा एलपीजी संयंत्र (lpg plant) को 2023-24 तक 8,800 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 5,00,000 टन सालाना के पोलीप्रोपोलीन परिसर में बदलेगी.

उन्होंने कहा कि भविष्य में पोलिथिलीन और पोलीप्रोपोलीन (polyethylene and polypropylene) की भारी मांग को पूरा करने के लिए कंपनी पेट्रोरसायन क्षेत्र में अवसर तलाशेगी. उन्होंने कहा कि हम भारत में चुनिंदा स्पेशियल्टी रसायनों के लिए अवसरों का आकलन कर रहे हैं.

गेल के पास पवन और सौर बिजली उत्पादन क्षमता का 120 मेगावॉट का छोटा पोर्टफोलियो है. कंपनी का इरादा अगले तीन से चार साल में 4,000 करोड़ रुपये के निवेश से इसे बढ़ाकर एक गीगावॉट (1हजार मेगावाट)करने का है.

इसे भी पढ़ें : टेस्ला ने दूसरी तिमाही में दो लाख से अधिक वाहन वितरित किए

जैन ने कहा कि गैस हमारा प्रमुख खंड रहेगा, लेकिन हम पेट्रोरसायन, स्पेशियल्टी रसायन, नवीकरणीय ऊर्जा और जल जैसे क्षेत्रों में भी वृद्धि के अवसर तलाशेंगे. गेल राष्ट्रीय गैस ग्रिड के महत्वपूर्ण खंडों को बिडाने के लिए 32,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है.
(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन मनोज जैन (Manoj Jain, Chairman, GAIL India Limited) ने कहा कि स्पेशियल्टी रसायन और नवीकरणीय ऊर्जा उसकी नई रणनीति है जिसके जरिये कंपनी प्राकृतिक गैस से आगे अपने कारोबार का विस्तार कर सकती है. गेल के चेयरमैन ने साक्षात्कार में कहा कि कंपनी ने भविष्य की संशोधित रूपरेखा 'रणनीति 2030' को अपनाया है. यह कंपनी की अगले दशक की यात्रा को परिभाषित करेगी.

देश की सबसे बड़ी गैस विपणन कंपनी के प्रमुख ने कहा कि इस रणनीतिक योजना से हमें बदलते उद्योग परिदृश्य में चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी और भौगोलिक विस्तार के साथ हमें वृद्धि का नया क्षेत्र उपलब्ध होगा.
गेल ने अपने 13,340 किलोमीटर के प्राकृतिक गैस ट्रंक पाइपलाइन के नेटवर्क के जरिये देश में कुल गैस में से 70 प्रतिशत का परिवहन किया है.

कंपनी देश में बिकने वाली कुल प्राकृतिक गैस में से 55 प्रतिशत की बिक्री करती है. कंपनी के उत्तर प्रदेश के पाता तथा असम के लेपेटकाटा में पेट्रोरसायन संयंत्र (petrochemical plant) हैं. कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 17.5 प्रतिशत है. जैन ने कहा कि कंपनी महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के उसार में मौजूदा एलपीजी संयंत्र (lpg plant) को 2023-24 तक 8,800 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 5,00,000 टन सालाना के पोलीप्रोपोलीन परिसर में बदलेगी.

उन्होंने कहा कि भविष्य में पोलिथिलीन और पोलीप्रोपोलीन (polyethylene and polypropylene) की भारी मांग को पूरा करने के लिए कंपनी पेट्रोरसायन क्षेत्र में अवसर तलाशेगी. उन्होंने कहा कि हम भारत में चुनिंदा स्पेशियल्टी रसायनों के लिए अवसरों का आकलन कर रहे हैं.

गेल के पास पवन और सौर बिजली उत्पादन क्षमता का 120 मेगावॉट का छोटा पोर्टफोलियो है. कंपनी का इरादा अगले तीन से चार साल में 4,000 करोड़ रुपये के निवेश से इसे बढ़ाकर एक गीगावॉट (1हजार मेगावाट)करने का है.

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जैन ने कहा कि गैस हमारा प्रमुख खंड रहेगा, लेकिन हम पेट्रोरसायन, स्पेशियल्टी रसायन, नवीकरणीय ऊर्जा और जल जैसे क्षेत्रों में भी वृद्धि के अवसर तलाशेंगे. गेल राष्ट्रीय गैस ग्रिड के महत्वपूर्ण खंडों को बिडाने के लिए 32,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है.
(पीटीआई-भाषा)

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