नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को आश्वासन दिया कि धन शोधन के मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के साथ किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जायेगी.
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय की पीठ को सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया कि एजेन्सी आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन समूह कर्ज प्रकरण में दर्ज मामले में कोई दंडात्मक कदम नहीं उठायेगी.
पीठ ने कहा कि इस मामले में चंदा कोचर द्वारा अपने पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर दो याचिकाओं पर बाद में सुनवाई की जायेगी.
प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में कोचर, दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत के खिलाफ धन शोधन के आरोपों में आरोप पत्र दाखिल किया है. सरकारी सूत्रों ने पहले बताया था कि कोचर, धूत और अन्य ने इन आरोपों से इंकार किया था.
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यह आरोपपत्र या मुकदमा चलाने की शिकायत धन शोधन रोकथाम कानून के तहत मुंबई में विशेष अदालत में दायर की गयी है. प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई द्वारा कोचर, धूत और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद धनशोधन का मामला दर्ज किया और फिर दीपक कोचर को उसने गिरफ्तार किया था.
प्रवर्तन निदेशालय ने कोचर और उनके कारोबारी सहयोगियों के खिलाफ वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 1,875 करोड़ रूपए का गैर कानूनी तरीके से कर्ज मंजूर किये जाने के लिये धन शोधन के आरोप लगाये थे.
(पीटीआई-भाषा)