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रामचंद्र के ट्वीट से भड़की सीतारमण, कहा- सुरक्षित हाथों में है अर्थव्यवस्था - कहा- सुरक्षित हाथों में है अर्थव्यवस्था

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इतिहासकार रामचंद्र गुहा के बीच गुरुवार को टि्वटर वॉर देखने को मिला. वित्त मंत्री ने रामचंद्र गुहा से कहा कि उन्हें अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह सुरक्षित हाथों में है.

रामचंद्र के ट्वीट से भड़की सीतारमण, कहा- सुरक्षित हाथों में है अर्थव्यवस्था
रामचंद्र के ट्वीट से भड़की सीतारमण, कहा- सुरक्षित हाथों में है अर्थव्यवस्था
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Published : Jun 12, 2020, 10:47 AM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इतिहासकार रामचंद्र गुहा के बीच बृहस्पतिवार को टि्वटर पर शब्दों के बाण चले. मंत्री ने गुहा से कहा कि उन्हें अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह सुरक्षित हाथों में है.

इससे पहले, दिन में इस इतिहासकार ने ब्रिटिश लेखक फिलिप स्प्राट की 1939 की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि गुजरात आर्थिक रूप से मजबूत था ‘सांस्कृतिक रूप से पिछड़ा था.

ये भी पढ़ें-जीएसटी काउंसिल की बैठक आज, राहत चाहते हैं जीएसटी भुगतानकर्ता

उसके बाद सीतारमण ने एक लेख का वेबलिंक पोस्ट किया जो सितंबर 2018 में प्रकाशित हुआ था. यह लेख पोलैंड सरकार द्वारा जामनगर के पूर्व नरेश महाराज जाम साहेब दिग्विजय सिंह जी जडेजा के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम से संबद्ध था. उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के 1,000 बच्चों को शरण दी थी.

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी गुहा के ट्वीट पर कहा कि भारत के नागरिक विभाजित करने के उनकी चालकी में नहीं फंसेंगे.

उसके तुरंत बाद गुहा ने ट्वीट किया, "मुझे लगता कि केवल गुजरात के मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की लेकिन अब ऐसा लगता है कि वित्त मंत्री को भी एक साधारण इतिहासकार का ट्वीट सता रहा है. अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से सुरक्षित हाथों में है."

इसको लेकर गुहा पर कटाक्ष करते हुए सीतारमण ने कहा, "अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से सुरक्षित हाथों में है. चिंता करने की जरूरत नहीं है श्रीमान गुहा."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इतिहासकार रामचंद्र गुहा के बीच बृहस्पतिवार को टि्वटर पर शब्दों के बाण चले. मंत्री ने गुहा से कहा कि उन्हें अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह सुरक्षित हाथों में है.

इससे पहले, दिन में इस इतिहासकार ने ब्रिटिश लेखक फिलिप स्प्राट की 1939 की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि गुजरात आर्थिक रूप से मजबूत था ‘सांस्कृतिक रूप से पिछड़ा था.

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उसके बाद सीतारमण ने एक लेख का वेबलिंक पोस्ट किया जो सितंबर 2018 में प्रकाशित हुआ था. यह लेख पोलैंड सरकार द्वारा जामनगर के पूर्व नरेश महाराज जाम साहेब दिग्विजय सिंह जी जडेजा के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम से संबद्ध था. उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के 1,000 बच्चों को शरण दी थी.

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी गुहा के ट्वीट पर कहा कि भारत के नागरिक विभाजित करने के उनकी चालकी में नहीं फंसेंगे.

उसके तुरंत बाद गुहा ने ट्वीट किया, "मुझे लगता कि केवल गुजरात के मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की लेकिन अब ऐसा लगता है कि वित्त मंत्री को भी एक साधारण इतिहासकार का ट्वीट सता रहा है. अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से सुरक्षित हाथों में है."

इसको लेकर गुहा पर कटाक्ष करते हुए सीतारमण ने कहा, "अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से सुरक्षित हाथों में है. चिंता करने की जरूरत नहीं है श्रीमान गुहा."

(पीटीआई-भाषा)

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