सरकार ने कहा है कि पहले अग्रिम अनुमानों के आधार पर वर्ष 2019-20 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5 प्रतिशत दर्ज की जाएगी. यह वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही में जीडीपी की वृद्धि दर में बढ़ोत्तरी को दर्शाती है. वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थिक समीक्षा, 2019-20 पेश की. इसमें कहा गया है कि जीडीपी की वृद्धि में कमी को विकास के धीमी गति के चक्र के भीतर समझा जा सकता है. वित्तीय क्षेत्र रीयल सेक्टर के विकास में बाधा बन रहा है.
इस वर्ष पहली बार निफ्टी में तेजी आना, शेयर बाजार में उछाल, एफडीआई की आवक में वृद्धि होना, वस्तुओं की मांग बढ़ना, ग्रामीण क्षेत्रों में खपत का अनुकूल माहौल, औद्योगिक गतिविधियों में फिर से तेजी आना, विनिर्माण में निरंतर सुधार होना, वाणिज्यिक या वस्तुओं का निर्यात बढ़ना, विदेशी मुद्रा भंडार में और अधिक वृद्धि होना और जीएसटी राजस्व के संग्रह की उल्लेखनीय वृद्धि दर इन 10 क्षेत्रों में शामिल हैं.