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ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नए नियम लागू, बताना होगा किस देश में बना सामान

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Published : Jul 25, 2020, 6:40 PM IST

उपभोक्ता संरक्षण (ई-वाणिज्य) नियम, 2020 को बृहस्पतिवार को अधिसूचित कर दिया गया. नया नियम भारत या विदेश में पंजीकृत लेकिन भारतीय ग्राहकों को सामान और सेवांए देने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक खुदरा बिक्रेताओं पर लागू होगा नये नियमों के अनुसार ई-वाणिज्य कंपनियों को बिक्री के लिये रखे गये सामानों और सेवाओं की कुल कीमत के साथ अन्य शुल्कों का पूरा ब्योरा देना होगा.

ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नए नियम लागू, बताना होगा किस देश में बना सामान
ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नए नियम लागू, बताना होगा किस देश में बना सामान

नई दिल्ली: सरकार ने ई-वाणिज्य कंपनियों के लिये नये नियमों को अधिसूचित कर दिया है. इसमें अन्य बातों के अलावा अपने उत्पादों पर उत्पति वाले देश का नाम देना शामिल हैं. नियमों का अनुपालन नहीं करना दंडानीय अपराध है.

उपभोक्ता संरक्षण (ई-वाणिज्य) नियम, 2020 को बृहस्पतिवार को अधिसूचित कर दिया गया. नया नियम भारत या विदेश में पंजीकृत लेकिन भारतीय ग्राहकों को सामान और सेवांए देने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक खुदरा बिक्रेताओं पर लागू होगा नये नियमों के अनुसार ई-वाणिज्य कंपनियों को बिक्री के लिये रखे गये सामानों और सेवाओं की कुल कीमत के साथ अन्य शुल्कों का पूरा ब्योरा देना होगा.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान चिकन बिरयानी के 5.5 लाख आर्डर मिले: स्विगी

साथ ही उन्हें यह भी बताना होगा कि वस्तु की मियाद कब समाप्त होगी यानी यानी उसकी एक्सपायरी तारीख क्या है. इसके अलावा वस्तु और सेवाओं की उत्पत्ति किस देश में हुई, इसके बारे में भी प्रमुखता से जानकारी देनी होगी ताकि ग्राहक समान या सेवाएं खरीदने से पहले पूरी जानकारी के साथ निर्णय कर सके.

नियमों के तहत ई-वाणिज्य कंपनियों को रिटर्न, रिफंड, समान को बदलने, वारंटी और गारंटी, आपूर्ति तथा अन्य सूचनाएं देनी होगी जो ग्राहकों के लिये सामान की खरीद को लेकर निर्णय करने को लेकर जरूरत हो सकती है. जो विक्रेता ई-वाणिज्य कंपनियों के जरिये वस्तु और सेवाओं की बिक्री की पेशकश करते हैं, उन्हें यह जानकारी ई-वाणिज्य कंपनी को देनी होगी ताकि उसकी वेबसाइट पर इसे प्रमुखता से प्रदर्शित किया जा सके.

ई-वाणिज्य कंपनियों को अनुचित तरीके से लाभ कमाने के लिये उनके मंच पर पेश वस्तुओं और सेवाओं के दाम में गड़बडी करने और ग्राहकों के साथ भेदभाव करने या मनमाने तरीके से ग्राहकों के वर्गीकरण करने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा ई-वाणिज्य कंपनियों को भुगतान के उपलब्ध तरीकों और उसकी सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी.

नये कानून के तहत ई-वाणिज्य कंपनियों को विक्रेता के बारे में जानकारी, उसका पता, ग्राहक के लिये संपर्क को लेकर नंबर समेत विक्रेता की अगर कोई रेटिंग है तो उसके बारे में सूचना समेत अन्य जानकारी देनी होगी. उन्हें किसी प्रकार की शिकायत को लेकर टिकट संख्या भी देनी होगी जिसके जरिये ग्राहक अपनी शिकायत की स्थिति का पता लगा सकता है. नियमों का उल्लंघन होने पर उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 के तहत दंडनीय कार्रवाई होगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकार ने ई-वाणिज्य कंपनियों के लिये नये नियमों को अधिसूचित कर दिया है. इसमें अन्य बातों के अलावा अपने उत्पादों पर उत्पति वाले देश का नाम देना शामिल हैं. नियमों का अनुपालन नहीं करना दंडानीय अपराध है.

उपभोक्ता संरक्षण (ई-वाणिज्य) नियम, 2020 को बृहस्पतिवार को अधिसूचित कर दिया गया. नया नियम भारत या विदेश में पंजीकृत लेकिन भारतीय ग्राहकों को सामान और सेवांए देने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक खुदरा बिक्रेताओं पर लागू होगा नये नियमों के अनुसार ई-वाणिज्य कंपनियों को बिक्री के लिये रखे गये सामानों और सेवाओं की कुल कीमत के साथ अन्य शुल्कों का पूरा ब्योरा देना होगा.

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साथ ही उन्हें यह भी बताना होगा कि वस्तु की मियाद कब समाप्त होगी यानी यानी उसकी एक्सपायरी तारीख क्या है. इसके अलावा वस्तु और सेवाओं की उत्पत्ति किस देश में हुई, इसके बारे में भी प्रमुखता से जानकारी देनी होगी ताकि ग्राहक समान या सेवाएं खरीदने से पहले पूरी जानकारी के साथ निर्णय कर सके.

नियमों के तहत ई-वाणिज्य कंपनियों को रिटर्न, रिफंड, समान को बदलने, वारंटी और गारंटी, आपूर्ति तथा अन्य सूचनाएं देनी होगी जो ग्राहकों के लिये सामान की खरीद को लेकर निर्णय करने को लेकर जरूरत हो सकती है. जो विक्रेता ई-वाणिज्य कंपनियों के जरिये वस्तु और सेवाओं की बिक्री की पेशकश करते हैं, उन्हें यह जानकारी ई-वाणिज्य कंपनी को देनी होगी ताकि उसकी वेबसाइट पर इसे प्रमुखता से प्रदर्शित किया जा सके.

ई-वाणिज्य कंपनियों को अनुचित तरीके से लाभ कमाने के लिये उनके मंच पर पेश वस्तुओं और सेवाओं के दाम में गड़बडी करने और ग्राहकों के साथ भेदभाव करने या मनमाने तरीके से ग्राहकों के वर्गीकरण करने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा ई-वाणिज्य कंपनियों को भुगतान के उपलब्ध तरीकों और उसकी सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी.

नये कानून के तहत ई-वाणिज्य कंपनियों को विक्रेता के बारे में जानकारी, उसका पता, ग्राहक के लिये संपर्क को लेकर नंबर समेत विक्रेता की अगर कोई रेटिंग है तो उसके बारे में सूचना समेत अन्य जानकारी देनी होगी. उन्हें किसी प्रकार की शिकायत को लेकर टिकट संख्या भी देनी होगी जिसके जरिये ग्राहक अपनी शिकायत की स्थिति का पता लगा सकता है. नियमों का उल्लंघन होने पर उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 के तहत दंडनीय कार्रवाई होगी.

(पीटीआई-भाषा)

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