नई दिल्ली : उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ऐसे मान्यता प्राप्त निवेशकों की परिभाषा पर काम कर रहा है, जिन्हें स्टार्टअप में निवेश करने पर कर प्रोत्साहन दिया जा सकता है. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.
वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला यह विभाग पहले ही परिभाषा का मसौदा तैयार कर चुका है और इस मामले में विभिन्न संबंधित पक्षों से इस पर राय मांग रहा है. अधिकारी ने कहा कि इन मान्यता प्राप्त निवेशकों में न्यास, निजी व्यक्ति, स्टार्टअप के पारिवारिक सदस्य और गैर-सूचीबद्ध कंपनियां शामिल हो सकती हैं. इन्हें 25 करोड़ रुपये की सीमा से अधिक के निवेश पर भी एंजल कर से छूट दी जा सकती है.
वर्तमान में सरकार स्टार्टअप को 25 करोड़ रुपये तक के निवेश पर एंजल कर से पूरी तरह छूट लेने की अनुमति देती है. अधिकारी ने कहा, "हम मान्यता प्राप्त निवेशकों की परिभाषा पर विभिन्न पक्षों की राय मंगा रहे हैं. इन्हें आयकर अधिनियम की धारा 56 (दो) (सातबी) से छूट मिल सकती है. हम इन्हें सूचीबद्ध कंपनियों की तरह एक अलग श्रेणी में परिभाषित करेंगे."
उसने कहा, "स्टार्टअप में निवेश पर प्रोत्साहन दिये जाने की जरूरत है और सरकार इस मामले में सभी बाधाएं दूर करने के लिये प्रतिबद्ध है."
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