वाशिंगटन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार की नीति का विवरण बहुत जल्द उपलब्ध होगा. उन्होंने पर्यटन, हस्तशिल्प, रेशम, केसर और सेब के उत्पादन जैसे क्षेत्रों में निवेशकों के संभावित निवेशों को रेखांकित किया.
सीतारमण ने बुधवार को यहां आईएमएफ मुख्यालय में निवेशकों के साथ संवाद सत्र में एक सवाल का जवाब देते हुये यह बात कही. यह कार्यक्रम भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और अमेरिका भारत सामरिक एवं भागीदारी मंच द्वारा आयोजित किया गया था.
ये भी पढ़ें- निवेश के लिए भारत से अच्छा कोई स्थान नहीं, सरकार सुधार लाने के लिए प्रयासरत: सीतारमण
सीतारमण ने कहा, "हमने यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है कि विभिन्न पहलुओं से जम्मू-कश्मीर की पूरी क्षमता उभर सके." मंत्री ने पर्यटन, ललित कला, हस्तशिल्प, लकड़ी के काम, कालीन, रेशम, केसर और सेब के उत्पादन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को सूचीबद्ध किया.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जल्द ही इसका विवरण (नई नीति) उपलब्ध होगा."
उल्लेखनीय है कि भारत ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने का निर्णय लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द किये जाने के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि राज्य की सरकारी कंपनियों के साथ-साथ निजी कंपनियों को भी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
सीतारमण ने कहा, "बहुत सारी चीजें एक साथ की जा रही हैं कि कैसे इसके लिए एक उत्कृष्ट योजना बनाई जा सके." जल्द ही, केंद्रीय गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच एक खास तरह के पैटर्न पर काम किया जाएगा और उसकी घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा, "इस दिशा में काम जारी है."
जम्मू-कश्मीर में निवेश का विवरण बहुत जल्द उपलब्ध होगा: सीतारमण
सीतारमण ने बुधवार को यहां आईएमएफ मुख्यालय में निवेशकों के साथ संवाद सत्र में एक सवाल का जवाब देते हुये यह बात कही. यह कार्यक्रम भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और अमेरिका भारत सामरिक एवं भागीदारी मंच द्वारा आयोजित किया गया था.
वाशिंगटन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार की नीति का विवरण बहुत जल्द उपलब्ध होगा. उन्होंने पर्यटन, हस्तशिल्प, रेशम, केसर और सेब के उत्पादन जैसे क्षेत्रों में निवेशकों के संभावित निवेशों को रेखांकित किया.
सीतारमण ने बुधवार को यहां आईएमएफ मुख्यालय में निवेशकों के साथ संवाद सत्र में एक सवाल का जवाब देते हुये यह बात कही. यह कार्यक्रम भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और अमेरिका भारत सामरिक एवं भागीदारी मंच द्वारा आयोजित किया गया था.
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सीतारमण ने कहा, "हमने यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है कि विभिन्न पहलुओं से जम्मू-कश्मीर की पूरी क्षमता उभर सके." मंत्री ने पर्यटन, ललित कला, हस्तशिल्प, लकड़ी के काम, कालीन, रेशम, केसर और सेब के उत्पादन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को सूचीबद्ध किया.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जल्द ही इसका विवरण (नई नीति) उपलब्ध होगा."
उल्लेखनीय है कि भारत ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने का निर्णय लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द किये जाने के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि राज्य की सरकारी कंपनियों के साथ-साथ निजी कंपनियों को भी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
सीतारमण ने कहा, "बहुत सारी चीजें एक साथ की जा रही हैं कि कैसे इसके लिए एक उत्कृष्ट योजना बनाई जा सके." जल्द ही, केंद्रीय गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच एक खास तरह के पैटर्न पर काम किया जाएगा और उसकी घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा, "इस दिशा में काम जारी है."
जम्मू-कश्मीर में निवेश का विवरण बहुत जल्द उपलब्ध होगा: सीतारमण
वाशिंगटन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार की नीति का विवरण बहुत जल्द उपलब्ध होगा. उन्होंने पर्यटन, हस्तशिल्प, रेशम, केसर और सेब के उत्पादन जैसे क्षेत्रों में निवेशकों के संभावित निवेशों को रेखांकित किया.
सीतारमण ने बुधवार को यहां आईएमएफ मुख्यालय में निवेशकों के साथ संवाद सत्र में एक सवाल का जवाब देते हुये यह बात कही.
यह कार्यक्रम भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और अमेरिका भारत सामरिक एवं भागीदारी मंच द्वारा आयोजित किया गया था.
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सीतारमण ने कहा, "हमने यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है कि विभिन्न पहलुओं से जम्मू-कश्मीर की पूरी क्षमता उभर सके." मंत्री ने पर्यटन, ललित कला, हस्तशिल्प, लकड़ी के काम, कालीन, रेशम, केसर और सेब के उत्पादन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को सूचीबद्ध किया.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जल्द ही इसका विवरण (नई नीति) उपलब्ध होगा."
उल्लेखनीय है कि भारत ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने का निर्णय लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द किये जाने के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि राज्य की सरकारी कंपनियों के साथ-साथ निजी कंपनियों को भी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
सीतारमण ने कहा, "बहुत सारी चीजें एक साथ की जा रही हैं कि कैसे इसके लिए एक उत्कृष्ट योजना बनाई जा सके." जल्द ही, केंद्रीय गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच एक खास तरह के पैटर्न पर काम किया जाएगा और उसकी घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा, "इस दिशा में काम जारी है."
Conclusion: