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16 तनावग्रस्त सहकारी बैंकों के ग्राहकों को मिलेगा पांच लाख रुपये का जमा बीमा कवर - डीआईसीजीसी

आरबीआई की अनुषंगी इकाई डीआईसीजीसी से संबंधित एक नए कानून के तहत 16 तनावग्रस्त सहकारी बैंकों के ग्राहकों को आज से से पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा कवर मिलने लगेगा.

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रुपये (फाइल फोटो)
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Published : Nov 29, 2021, 3:46 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अनुषंगी इकाई डीआईसीजीसी से संबंधित एक नए कानून के तहत 16 तनावग्रस्त सहकारी बैंकों के ग्राहकों को सोमवार से पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा कवर मिलेगा.

जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (DICGC) ने इसके लिए पहले 21 बैंकों की एक सूची बनाई थी. लेकिन पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक समेत पांच अन्य सहकारी बैंकों को समाधान प्रक्रिया से गुजरने के कारण इस सूची से बाहर कर दिया गया.

संसद ने पिछले महीने जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया था, जिसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आरबीआई द्वारा बैंकों पर निषेध लगाने के 90 दिनों के भीतर खाताधारकों को पांच लाख रुपये मिलें.

ये भी पढ़ें - आरबीआई समिति ने कहा- निजी बैंक प्रोमोटर्स की हिस्सेदारी 26 फीसद तक बढ़ सकती है

यह कानून एक सितंबर 2021 से लागू हुआ है, और इससे 90 दिनों की समयावधि 30 नवंबर 2021 को पूरी होगी तथा पहले चरण में भुगतान के लिए 90 दिनों की अवधि 30 नवंबर को पूरा हो रही है.

डीआईसीजीसी की तरफ से जारी एक नोटिस के अनुसार इन बैंकों के जिन जमाकर्ताओं ने अभी तक अपने दावे जमा नहीं किए हैं, वे अपने संबंधित बैंकों से संपर्क कर सकते हैं. उसने कहा, 'जमाकर्ताओं को पहचान के लिए आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज तथा उनके खाते में जमा राशि प्राप्त करने के लिए लिखित सहमति देनी होगी, जो अधिकतम पांच लाख रुपये हो सकती है. ग्राहकों को अपने एक अलग बैंक खाते की जानकारी भी देनी होगी जिसमें पैसे भेजे जा सकें.'

डीआईसीजीसी के अनुसार वैध दस्तावेज जमा करने वाले जमाकर्ताओं को आधार कार्ड से जुड़े दूसरे बैंक खाते में राशि भेजी जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अनुषंगी इकाई डीआईसीजीसी से संबंधित एक नए कानून के तहत 16 तनावग्रस्त सहकारी बैंकों के ग्राहकों को सोमवार से पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा कवर मिलेगा.

जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (DICGC) ने इसके लिए पहले 21 बैंकों की एक सूची बनाई थी. लेकिन पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक समेत पांच अन्य सहकारी बैंकों को समाधान प्रक्रिया से गुजरने के कारण इस सूची से बाहर कर दिया गया.

संसद ने पिछले महीने जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया था, जिसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आरबीआई द्वारा बैंकों पर निषेध लगाने के 90 दिनों के भीतर खाताधारकों को पांच लाख रुपये मिलें.

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यह कानून एक सितंबर 2021 से लागू हुआ है, और इससे 90 दिनों की समयावधि 30 नवंबर 2021 को पूरी होगी तथा पहले चरण में भुगतान के लिए 90 दिनों की अवधि 30 नवंबर को पूरा हो रही है.

डीआईसीजीसी की तरफ से जारी एक नोटिस के अनुसार इन बैंकों के जिन जमाकर्ताओं ने अभी तक अपने दावे जमा नहीं किए हैं, वे अपने संबंधित बैंकों से संपर्क कर सकते हैं. उसने कहा, 'जमाकर्ताओं को पहचान के लिए आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज तथा उनके खाते में जमा राशि प्राप्त करने के लिए लिखित सहमति देनी होगी, जो अधिकतम पांच लाख रुपये हो सकती है. ग्राहकों को अपने एक अलग बैंक खाते की जानकारी भी देनी होगी जिसमें पैसे भेजे जा सकें.'

डीआईसीजीसी के अनुसार वैध दस्तावेज जमा करने वाले जमाकर्ताओं को आधार कार्ड से जुड़े दूसरे बैंक खाते में राशि भेजी जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

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