नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग के सर्वोच्च नीति नियामक निकाय डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) ने 5.22 लाख करोड़ रुपये की स्पेक्ट्रम नीलामी योजना को शुक्रवार को मंजूरी दी. इसके तहत मार्च-अप्रैल में 22 सर्किलों के लिये 8,300 मेगाहर्टज की रेडियोतंरगों की नीलामी हो सकती है.
दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने संवाददाताओं को बताया, "डिजिटल संचार आयोग ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशों को शुक्रवार को मंजूरी दे दी. हमें उम्मीद है कि नीलामी प्रक्रिया मार्च-अप्रैल में होगी."
उन्होंने कहा कि इस नीलामी में सभी 22 दूरसंचार सर्किलों में फैले 8,300 मेगाहर्टज से अधिक के स्पेक्ट्रम की बिक्री होगी. इसका आरक्षित मूल्य 5,22,850 करोड़ रुपये है. ट्राई ने शुरुआत में रेडियोतरंगों के लिए आरक्षित मूल्य 4.9 लाख करोड़ रुपये रखने की सिफारिश की थी.
हालांकि, दूरसंचार विभाग ने नीलामी में कुछ अतिरिक्त स्पेक्ट्रम शामिल किए हैं. ये स्पेक्ट्रम रिलायंस कम्युनिकेशंस के लाइसेंस, आठ सर्किलों में एयरटेल के लाइसेंस और वोडाफोन-आइडिया के चार-चार सर्किलों में लाइसेंस समाप्त होने से मिले हैं.
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सफल बोलीदाता को एक गीगाहर्टज से कम के स्पेक्ट्रम के लिए अग्रिम राशि के रूप में 25 प्रतिशत का भुगतान करना होगा, जबकि उच्च आवृत्ति बैंडों के लिए शुरू में 50 प्रतिशत का भुगतान करना होगा. बाकी की रकम का भुगतान 16 वर्ष में 16 किस्तों में करना होगा. अग्रिम भुगतान के बाद बोलीदाता को भुगतान के लिए दो साल की मोहलत दी जाएगी.
सरकार की ओर से मांगे गए विचारों के आधार पर, दूरसंचार नियामक ट्राई ने 1 अगस्त, 2018 को 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300-3400 मेगाहर्ट्ज, 3400-3600 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी की सिफारिश की थी.
इस बीच, डीसीसी ने शुक्रवार को बैठक में, कोच्चि और लक्षद्वीप के बीच पनडुब्बी फाइबर केबल कनेक्टिविटी को भी मंजूरी दी.