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कोरोना और लॉकडाउन की वजह से जा सकती हैं 2 लाख से ज्यादा नौकरियां: फाडा

फाडा का मानना है कि डीलरों के स्तर पर काम करने वालों को बड़ी संख्या में रोजगार से हाथ धोना पड़ सकता है. यह स्थिति पिछले साल से अधिक बुरी होने वाली है जबकि वाहन बाजार में लंबे समय तक जारी सुस्ती की वजह से करीब दो लाख लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी थी.

कोरोना और लॉकडाउन की वजह से जा सकती हैं 2 लाख से ज्यादा नौकरियां: फाडा
कोरोना और लॉकडाउन की वजह से जा सकती हैं 2 लाख से ज्यादा नौकरियां: फाडा
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Published : Jun 14, 2020, 4:32 PM IST

नई दिल्ली: वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने आशंका जताई है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से डीलरों के स्तर पर बड़े पैमाने पर नौकरियां जा सकती हैं.

फाडा का मानना है कि डीलरों के स्तर पर काम करने वालों को बड़ी संख्या में रोजगार से हाथ धोना पड़ सकता है. यह स्थिति पिछले साल से अधिक बुरी होने वाली है जबकि वाहन बाजार में लंबे समय तक जारी सुस्ती की वजह से करीब दो लाख लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी थी.

फाडा ने हालांकि, कहा कि इस बारे में सही तस्वीर इस महीने के अंत तक उभरकर सामने आएगी. उस समय एसोसिएशन एक सर्वे कराएगी जिससे पता चलेगा कि उसके डीलर सदस्य अपने आउटलेट्स और श्रमबल में कमी को लेकर क्या योजना बना रहे हैं.

ये भी पढ़ें-फेसबुक कर्मी ने जुकरबर्ग के खिलाफ किया ट्वीट, नौकरी गई

यह पूछे जाने पर कि क्या इस बात की आशंका है कि डीलरशिप में कोविड-19 के प्रभाव की वजह से 2019 की तुलना में अधिक नौकरियां जा सकती हैं, फाडा के अध्यक्ष हर्षराज काले ने पीटीआई-भाषा से कहा, "यदि मांग नहीं सुधरती है, तो निश्चित रूप से ऐसा होगा."

बिक्री में भारी गिरावट के बीच पिछले साल मई से जून के दौरान देश भर में वाहन डीलरशिप द्वारा करीब दो लाख नौकरियों की कटौती की गई थी.

हालांकि, काले ने इसके साथ ही कहा कि कोविड-19 की वजह से किस तरह की नौकिरयों में कमी आएगी, इसकी स्पष्ट तस्वीर इस महीने के अंत तक ही सामने आएगी. अप्रैल और मई में पूरी तरह लॉकडाउन रहा, ऐसे में आप यह अंदाजा नहीं लगा सकते कि मांग की स्थिति अब क्या रहेगी.

उन्होंने कहा कि जून के अंत तक ही यह पता चलेगा कि इस महामारी ने अर्थव्यवस्था को कितनी चोट पहुंचाई है. कौन सा बाजार क्षेत्र, शहरी और ग्रामीण में से, अधिक प्रभावित हुआ है. या फिर दोनों पर असर पड़ा है. साथ ही यह भी पता चलेगा कि उच्च वर्ग या मध्यम वर्ग पर कोविड-19 की मार अधिक पड़ी है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने आशंका जताई है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से डीलरों के स्तर पर बड़े पैमाने पर नौकरियां जा सकती हैं.

फाडा का मानना है कि डीलरों के स्तर पर काम करने वालों को बड़ी संख्या में रोजगार से हाथ धोना पड़ सकता है. यह स्थिति पिछले साल से अधिक बुरी होने वाली है जबकि वाहन बाजार में लंबे समय तक जारी सुस्ती की वजह से करीब दो लाख लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी थी.

फाडा ने हालांकि, कहा कि इस बारे में सही तस्वीर इस महीने के अंत तक उभरकर सामने आएगी. उस समय एसोसिएशन एक सर्वे कराएगी जिससे पता चलेगा कि उसके डीलर सदस्य अपने आउटलेट्स और श्रमबल में कमी को लेकर क्या योजना बना रहे हैं.

ये भी पढ़ें-फेसबुक कर्मी ने जुकरबर्ग के खिलाफ किया ट्वीट, नौकरी गई

यह पूछे जाने पर कि क्या इस बात की आशंका है कि डीलरशिप में कोविड-19 के प्रभाव की वजह से 2019 की तुलना में अधिक नौकरियां जा सकती हैं, फाडा के अध्यक्ष हर्षराज काले ने पीटीआई-भाषा से कहा, "यदि मांग नहीं सुधरती है, तो निश्चित रूप से ऐसा होगा."

बिक्री में भारी गिरावट के बीच पिछले साल मई से जून के दौरान देश भर में वाहन डीलरशिप द्वारा करीब दो लाख नौकरियों की कटौती की गई थी.

हालांकि, काले ने इसके साथ ही कहा कि कोविड-19 की वजह से किस तरह की नौकिरयों में कमी आएगी, इसकी स्पष्ट तस्वीर इस महीने के अंत तक ही सामने आएगी. अप्रैल और मई में पूरी तरह लॉकडाउन रहा, ऐसे में आप यह अंदाजा नहीं लगा सकते कि मांग की स्थिति अब क्या रहेगी.

उन्होंने कहा कि जून के अंत तक ही यह पता चलेगा कि इस महामारी ने अर्थव्यवस्था को कितनी चोट पहुंचाई है. कौन सा बाजार क्षेत्र, शहरी और ग्रामीण में से, अधिक प्रभावित हुआ है. या फिर दोनों पर असर पड़ा है. साथ ही यह भी पता चलेगा कि उच्च वर्ग या मध्यम वर्ग पर कोविड-19 की मार अधिक पड़ी है.

(पीटीआई-भाषा)

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