नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों मालविंदर और शिविंदर सिंह को सिंगापुर ट्रिब्यूनल के 3,500 करोड़ रुपये के जुर्माने के अनुपालन के बारे में अपने सलाहकारों से परामर्श करने को कहा.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की एक पीठ ने अदालत में मौजूद सिंह बंधुओं से कहा कि वे अपने वित्तीय और कानूनी सलाहकारों से परामर्श करें की वे ट्रिब्यूनल के आदेश का अनुपालन कैसे करेंगे और इस पर एक ठोस योजना दें.
पीठ ने कहा, "यह किसी के व्यक्तिगत सम्मान का सवाल नहीं है लेकिन यह देश के सम्मान के लिए सही नहीं है. आप फार्मेसी उद्योग के जाने-माने नाम हैं और यह अच्छा नहीं लगता की आप अदालत में पेश हों."
न्यायामूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायामूर्ति संजीव खन्ना भी इस पीठ में शामिल थे. पीठ ने सिंह बंधुओं से अपने सलाहकारों से परामर्श करने के बाद 28 मई को अदालत में पेश होने का आदेश देते हुए कहा, "संभवत: अदालत में यह आपकी आखिरी पेशी होगी."
अदालत जापानी कम्पनी दाइची सैंको की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो मालविंदर और शिविंदर सिंह के खिलाफ अपने एक मामले में सिंगापुर के एक न्यायाधिकरण द्वारा लगाए 3,500 करोड़ रुपये के जुर्माने की मांग कर रही है.
(भाषा)
पढ़ें : भारत का रूस से हथियारों का आयात 24 प्रतिशत घट…