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सरकार के सुधार कार्यक्रमों से बेहतर हुई देश की कारोबार सुगमता रैंकिंग: उद्योग

उद्योग जगत ने विश्वास जताया कि देश जल्द ही इस सूची में दुनिया के 50 शीर्ष देशों में शामिल हो जाएगा जैसा प्रधानमंत्री ने सपना देखा है.

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Published : Oct 24, 2019, 8:00 PM IST

सरकार के सुधार कार्यक्रमों से बेहतर हुई देश की कारोबार सुगमता रैंकिंग: उद्योग

नई दिल्ली: भारतीय उद्योग जगत ने विश्वबैंक कारोबार सुगमता सूची में देश की रैकिंग 14 स्थान सुधरकर 63 होने पर बृहस्पतिवार को खुशी जाहिर की. उद्योग जगत ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के सुधारों का एक संकेतक है.

उद्योग जगत ने विश्वास जताया कि देश जल्द ही इस सूची में दुनिया के 50 शीर्ष देशों में शामिल हो जाएगा जैसा प्रधानमंत्री ने सपना देखा है.

भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "सरकार की डिजिटलीकरण, नियमन एवं प्रक्रियाओं को तार्किक और सरल बनाने की पहलों से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. साथ ही बेहतर पारदर्शिता, लेनदेन की लागत कम होने और प्रक्रियाएं तेज होने से भी निवेशकों की धारणाा में बड़ा बदलाव आया है."

उन्होंने कहा कि रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार कई सालों के कारोबारी सुधारों के बाद आया है.

बनर्जी ने कहा, "मैं आश्वस्त हूं कि हम इसी रफ्तार से कारोबारी सुधारों के दम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने के अनुरूप 50 सबसे अधिक कारोबार सुगमता वाले देशों में शामिल हो जाएंगे."

ये भी पढ़ें- फिच ने 2019-20 के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 5.5 प्रतिशत किया

एसोचैम के बालकृष्ण गोयनका ने ट्वीट किया, "नरेंद्र मोदी सरकार के सुधारात्मक कार्यों की बदौलत हमने एक और पायदान छू लिया है. हम 142वें स्थान (2014 की रैंकिंग) से 63वें स्थान तक आ गए हैं. यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह विदेश व्यापार बढ़ाने के लिए एक बेहतर अवसर है."

रैंकिंग पर पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डी. के. अग्रवाल ने कहा कि सरकार को भूमि अधिग्रहण और सभी राज्यों में तय अवधि के रोजगार, कड़े श्रम कानून के चलते व्यापारियों के अपराधीकरण से मुक्ति इत्यादि सुधारों पर ध्यान देना चाहिए. यह अर्थव्यवस्था की उत्पादन क्षमता और रोजगार सृजन को बढ़ाने में मदद करेंगे.

विश्वबैंक की कारोबार सुगतमा सूची-2020 में भारत की रैंकिंग 63वीं रही है. पिछली सूची में भारत का स्थान 77वां था. यह सूची 190 देशों की रैंकिंग करती है.

विश्वबैंक की रपट में इस रैंकिंग सुधार की अहम वजह सरकार का 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम और निवेश आकर्षित करने के लिए अन्य सुधार करना बतायी गयी. इसके अलावा दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता को सफलता पूर्वक लागू करने के चलते भी भारत की रैंकिंग सुधरी है.

भारत उन शीर्ष दस देशों में शामिल है जिन्होंने इस सूची में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है. यह तीसरी दफा है जब भारत सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाले देशों में शीर्ष दस में शामिल रहा है.

नई दिल्ली: भारतीय उद्योग जगत ने विश्वबैंक कारोबार सुगमता सूची में देश की रैकिंग 14 स्थान सुधरकर 63 होने पर बृहस्पतिवार को खुशी जाहिर की. उद्योग जगत ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के सुधारों का एक संकेतक है.

उद्योग जगत ने विश्वास जताया कि देश जल्द ही इस सूची में दुनिया के 50 शीर्ष देशों में शामिल हो जाएगा जैसा प्रधानमंत्री ने सपना देखा है.

भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "सरकार की डिजिटलीकरण, नियमन एवं प्रक्रियाओं को तार्किक और सरल बनाने की पहलों से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. साथ ही बेहतर पारदर्शिता, लेनदेन की लागत कम होने और प्रक्रियाएं तेज होने से भी निवेशकों की धारणाा में बड़ा बदलाव आया है."

उन्होंने कहा कि रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार कई सालों के कारोबारी सुधारों के बाद आया है.

बनर्जी ने कहा, "मैं आश्वस्त हूं कि हम इसी रफ्तार से कारोबारी सुधारों के दम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने के अनुरूप 50 सबसे अधिक कारोबार सुगमता वाले देशों में शामिल हो जाएंगे."

ये भी पढ़ें- फिच ने 2019-20 के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 5.5 प्रतिशत किया

एसोचैम के बालकृष्ण गोयनका ने ट्वीट किया, "नरेंद्र मोदी सरकार के सुधारात्मक कार्यों की बदौलत हमने एक और पायदान छू लिया है. हम 142वें स्थान (2014 की रैंकिंग) से 63वें स्थान तक आ गए हैं. यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह विदेश व्यापार बढ़ाने के लिए एक बेहतर अवसर है."

रैंकिंग पर पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डी. के. अग्रवाल ने कहा कि सरकार को भूमि अधिग्रहण और सभी राज्यों में तय अवधि के रोजगार, कड़े श्रम कानून के चलते व्यापारियों के अपराधीकरण से मुक्ति इत्यादि सुधारों पर ध्यान देना चाहिए. यह अर्थव्यवस्था की उत्पादन क्षमता और रोजगार सृजन को बढ़ाने में मदद करेंगे.

विश्वबैंक की कारोबार सुगतमा सूची-2020 में भारत की रैंकिंग 63वीं रही है. पिछली सूची में भारत का स्थान 77वां था. यह सूची 190 देशों की रैंकिंग करती है.

विश्वबैंक की रपट में इस रैंकिंग सुधार की अहम वजह सरकार का 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम और निवेश आकर्षित करने के लिए अन्य सुधार करना बतायी गयी. इसके अलावा दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता को सफलता पूर्वक लागू करने के चलते भी भारत की रैंकिंग सुधरी है.

भारत उन शीर्ष दस देशों में शामिल है जिन्होंने इस सूची में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है. यह तीसरी दफा है जब भारत सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाले देशों में शीर्ष दस में शामिल रहा है.

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