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वाणिज्य मंत्रालय ने चीनी टायरों पर आयात शुल्क लगाने की सिफारिश की - वित्त मंत्रालय

मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने जांच में पाया कि सस्ते आयात से बचने के लिये प्रतिपूरक शुल्क लगाना जरूरी है.

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Published : Mar 29, 2019, 10:39 AM IST

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने बसों और ट्रकों (लॉरी) के लिये चीनी टायरों पर प्रतिपूरक शुल्क लगाने की सिफारिश की है. इस कदम का मकसद घरेलू कंपनियों को पड़ोसी देश से होने वाले सस्ते आयात से बचाना है.

मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने जांच में पाया कि सस्ते आयात से बचने के लिये प्रतिपूरक शुल्क लगाना जरूरी है.

डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा, "प्राधिकरण चीन से बसों और लॉरी के न्यूमेटिक टायरों के आयात पर प्रतिपूरक शुल्क लगाने की सिफारिश करता है."

इसमें कहा गया है कि चूंकि उत्पाद पर पहले से डंपिंग रोधी शुल्क लगाया जा रहा है, ऐसे में प्रतिपूरक शुल्क डंपिंग रोधी शुल्क को घटाकर लगाया जाएगा. इस बारे में अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय करेगा। आटोमोटिव टायर मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन की शिकायत के बाद डीजीटीआर ने जांच की.

संगठन ने घरेलू उत्पादकों की तरफ से इन उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाने का आवेदन दिया था. इन टायरों का चीन से आयात 2016-17 में बढ़कर 81,896 टन हो गया जो 2014-15 में 30,665 टन था.
ये भी पढ़ें : राष्ट्रपति कोविंद ने क्रोएशियाई उद्योगों को भारत में निवेश का न्यौता दिया

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने बसों और ट्रकों (लॉरी) के लिये चीनी टायरों पर प्रतिपूरक शुल्क लगाने की सिफारिश की है. इस कदम का मकसद घरेलू कंपनियों को पड़ोसी देश से होने वाले सस्ते आयात से बचाना है.

मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने जांच में पाया कि सस्ते आयात से बचने के लिये प्रतिपूरक शुल्क लगाना जरूरी है.

डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा, "प्राधिकरण चीन से बसों और लॉरी के न्यूमेटिक टायरों के आयात पर प्रतिपूरक शुल्क लगाने की सिफारिश करता है."

इसमें कहा गया है कि चूंकि उत्पाद पर पहले से डंपिंग रोधी शुल्क लगाया जा रहा है, ऐसे में प्रतिपूरक शुल्क डंपिंग रोधी शुल्क को घटाकर लगाया जाएगा. इस बारे में अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय करेगा। आटोमोटिव टायर मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन की शिकायत के बाद डीजीटीआर ने जांच की.

संगठन ने घरेलू उत्पादकों की तरफ से इन उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाने का आवेदन दिया था. इन टायरों का चीन से आयात 2016-17 में बढ़कर 81,896 टन हो गया जो 2014-15 में 30,665 टन था.
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नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने बसों और ट्रकों (लॉरी) के लिये चीनी टायरों पर प्रतिपूरक शुल्क लगाने की सिफारिश की है. इस कदम का मकसद घरेलू कंपनियों को पड़ोसी देश से होने वाले सस्ते आयात से बचाना है.

मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने जांच में पाया कि सस्ते आयात से बचने के लिये प्रतिपूरक शुल्क लगाना जरूरी है.

डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा, "प्राधिकरण चीन से बसों और लॉरी के न्यूमेटिक टायरों के आयात पर प्रतिपूरक शुल्क लगाने की सिफारिश करता है."

इसमें कहा गया है कि चूंकि उत्पाद पर पहले से डंपिंग रोधी शुल्क लगाया जा रहा है, ऐसे में प्रतिपूरक शुल्क डंपिंग रोधी शुल्क को घटाकर लगाया जाएगा. इस बारे में अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय करेगा। आटोमोटिव टायर मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन की शिकायत के बाद डीजीटीआर ने जांच की.

संगठन ने घरेलू उत्पादकों की तरफ से इन उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाने का आवेदन दिया था. इन टायरों का चीन से आयात 2016-17 में बढ़कर 81,896 टन हो गया जो 2014-15 में 30,665 टन था.

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