नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के समाधान के तहत राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) द्वारा जारी सिक्योरिटी रिसीट्स पर सरकारी गारंटी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने सरकार की गारंटी लगभग 31,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है. आईबीए को 'बैड बैंक' स्थापित करने का काम सौंपा गया है.
प्रस्तावित बैड बैंक या एनएआरसीएल ऋण के लिए सहमत मूल्य का 15 प्रतिशत नकद में भुगतान करेगा और बाकी 85 प्रतिशत सरकार की गारंटी वाली सिक्योरिटी रिसीट्स में होगा. सीमा मूल्य के मुकाबले नुकसान होने पर सरकार की गारंटी लागू की जाएगी.
पिछले महीने आईबीए ने 6,000 करोड़ रुपये के एनएआरसीएल की स्थापना के लिए लाइसेंस हासिल करने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक के पास आवेदन दिया था.
सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरी थी क्योंकि एनएआरसीएल द्वारा जारी सिक्योरिटी रिसीट्स के लिए सॉवरेन गारंटी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की मंजूरी से बैड बैंक चालू करने का रास्ता साफ होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के बजट में बैड बैंक की स्थापना को लेकर घोषणा की थी.
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इस बीच, सरकार के स्वामित्व वाले केनरा बैंक ने 12 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ एनएआरसीएल का प्रमुख प्रायोजक बनने की इच्छा जतायी है. प्रस्तावित एनएआरसीएल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी और बाकी हिस्सेदारी निजी क्षेत्र के बैंकों के पास होगी.
(पीटीआई-भाषा)