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फ्रेंकलिन के छह एमएफ योजनाएं बंद करने पर ब्रोकर संगठन ने सेबी, वित्त मंत्रालय से लगाई गुहार

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Published : Apr 24, 2020, 7:23 PM IST

एएनएमआई ने पूंजी बाजार नियामक सेबी और वित्त मंत्रालय को पत्र लिख कर लाखों निवेशकों की मेहनत की कमाई को बचाने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है.

फ्रेंकलिन के छह एमएफ योजनाएं बंद करने पर ब्रोकर संगठन ने सेबी, वित्त मंत्रालय से लगाई गुहार
फ्रेंकलिन के छह एमएफ योजनाएं बंद करने पर ब्रोकर संगठन ने सेबी, वित्त मंत्रालय से लगाई गुहार

मुंबई: फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड (एफटीएमएफ) द्वारा छह ऋण योजनाएं बंद करने को घबड़ाहट पैदा करने वाला अतिवादी कदम बताते हुए ब्रोकरों के एक संगठन ने शुक्रवार को निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए बाजार नियामक सेबी और वित्त मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की.

फ्रेंकलिट टेम्पलटन ने गुरुवार को निवेशकों द्वारा यूनिट वापस लेने के दबाव और कोविड-19 महामारी के चलते बाजार में जारी उतार-चढ़ाव का हवाला देते हुए अपनी छह योजनाओं को बंद कर दिया था. इन योजनाओं में कुल 25,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां जुड़ी हैं. फ्रेंकलिट टेम्पलटन ने कहा कि इस फैसले के बारे में बाजार नियामक सेबी को पहले ही बता दिया गया था और यह फैसला निवेशकों की संपत्ति बचाने के लिए लिया गया.

एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) ने कहा, "एफटीएमएफ के इस तरह एक अतिवादी कदम से उनके निवेशकों के साथ ही दूसरी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों की ऋण योजनाओं के म्यूचुअल फंड निवेशकों में भी डर पैदा हो गया है."

एएनएमआई ने पूंजी बाजार नियामक सेबी और वित्त मंत्रालय को पत्र लिख कर लाखों निवेशकों की मेहनत की कमाई को बचाने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है. ब्रोकर संगठन ने एफटीएमएफ की योजनाओं में समस्या का पता लगाने के लिए म्यूचुअल फंड अधिकारियों की एक विशेषज्ञ समिति के गठन पर भी जोर दिया.

ये भी पढ़ें: वित्तीय और आईटी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से सेंसेक्स 536 अंक टूटा

संगठन ने कहा कि इस घटना से ऋण योजनाओं में लोगों का विश्वास खतरे में पड़ गया है और इस कारण 24 लाख करोड़ रुपये के इस उद्योग में लोगों का विश्वास खत्म नहीं होना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड (एफटीएमएफ) द्वारा छह ऋण योजनाएं बंद करने को घबड़ाहट पैदा करने वाला अतिवादी कदम बताते हुए ब्रोकरों के एक संगठन ने शुक्रवार को निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए बाजार नियामक सेबी और वित्त मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की.

फ्रेंकलिट टेम्पलटन ने गुरुवार को निवेशकों द्वारा यूनिट वापस लेने के दबाव और कोविड-19 महामारी के चलते बाजार में जारी उतार-चढ़ाव का हवाला देते हुए अपनी छह योजनाओं को बंद कर दिया था. इन योजनाओं में कुल 25,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां जुड़ी हैं. फ्रेंकलिट टेम्पलटन ने कहा कि इस फैसले के बारे में बाजार नियामक सेबी को पहले ही बता दिया गया था और यह फैसला निवेशकों की संपत्ति बचाने के लिए लिया गया.

एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) ने कहा, "एफटीएमएफ के इस तरह एक अतिवादी कदम से उनके निवेशकों के साथ ही दूसरी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों की ऋण योजनाओं के म्यूचुअल फंड निवेशकों में भी डर पैदा हो गया है."

एएनएमआई ने पूंजी बाजार नियामक सेबी और वित्त मंत्रालय को पत्र लिख कर लाखों निवेशकों की मेहनत की कमाई को बचाने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है. ब्रोकर संगठन ने एफटीएमएफ की योजनाओं में समस्या का पता लगाने के लिए म्यूचुअल फंड अधिकारियों की एक विशेषज्ञ समिति के गठन पर भी जोर दिया.

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संगठन ने कहा कि इस घटना से ऋण योजनाओं में लोगों का विश्वास खतरे में पड़ गया है और इस कारण 24 लाख करोड़ रुपये के इस उद्योग में लोगों का विश्वास खत्म नहीं होना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

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