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दो बैंक कर्मचारी संघ के हड़ताल बुलाने से बैंकिंग सेवाएं आंशिक तौर पर प्रभावित

हड़ताल की वजह से बैंक काउंटर पर नकदी के जमा और निकासी के साथ-साथ चेक भुगतान की सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं. देश के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की शाखाएं सुचारू रूप से चल रही हैं. इसकी वजह इन शाखाओं के अधिकारियों का हड़ताल का हिस्सा नहीं होना है.

दो बैंक कर्मचारी संघ के हड़ताल बुलाने से बैंकिंग सेवाएं आंशिक तौर पर प्रभावित
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Published : Oct 22, 2019, 12:36 PM IST

Updated : Oct 22, 2019, 2:46 PM IST

नई दिल्ली: बैंक कर्मचारियों के दो संगठनों के देशव्यापी हड़ताल बुलाने से मंगलवार को देश के कुछ हिस्सों में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित चल रही हैं.

दो बैंक कर्मचारी संघ के हड़ताल बुलाने से बैंकिंग सेवाएं आंशिक तौर पर प्रभावित

हड़ताल की वजह से बैंक काउंटर पर नकदी के जमा और निकासी के साथ-साथ चेक भुगतान की सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं.

देश के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की शाखाएं सुचारू रूप से चल रही हैं. इसकी वजह इन शाखाओं के अधिकारियों का हड़ताल का हिस्सा नहीं होना है.

ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज एसोसिएशन (एआईबीईए) और बैंक एंप्लॉयीज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) के इस हड़ताल बुलाने के बारे में भारतीय स्टेट बैंक समेत अधिकतर बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही जानकारी दे दी थी.

ये भी पढ़ें: मुद्रास्फीति पर सरकार की सख्ती से कृषि क्षेत्र संकट में: बनर्जी

संगठनों ने यह हड़ताल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय करने और जमा दर में कमी आने के खिलाफ बुलायी है.

एआईबीईए के महासचिव सी. एच. वेंकटचालम ने कहा कि देश को बैंकों के विलय की बिलकुल जरूरत नहीं है क्योंकि हमें और बैंकिंग सेवाओं की जरूरत है तथा लोगों को सेवाएं देने के लिए और शाखाएं खोलनी हैं.

उन्होंने कहा कि विलय के परिणामस्वरूप कई शाखाएं बंद हो जाएंगी, इसलिए यह एक गलत नीति है. भारी मात्रा में फंसे कर्ज की वसूली बैंकों की प्राथमिकता होनी चाहिए और विलय उनकी इस प्राथमिकता को बदल देगा. इसलिए यह एक बुरा विचार है.

नई दिल्ली: बैंक कर्मचारियों के दो संगठनों के देशव्यापी हड़ताल बुलाने से मंगलवार को देश के कुछ हिस्सों में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित चल रही हैं.

दो बैंक कर्मचारी संघ के हड़ताल बुलाने से बैंकिंग सेवाएं आंशिक तौर पर प्रभावित

हड़ताल की वजह से बैंक काउंटर पर नकदी के जमा और निकासी के साथ-साथ चेक भुगतान की सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं.

देश के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की शाखाएं सुचारू रूप से चल रही हैं. इसकी वजह इन शाखाओं के अधिकारियों का हड़ताल का हिस्सा नहीं होना है.

ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज एसोसिएशन (एआईबीईए) और बैंक एंप्लॉयीज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) के इस हड़ताल बुलाने के बारे में भारतीय स्टेट बैंक समेत अधिकतर बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही जानकारी दे दी थी.

ये भी पढ़ें: मुद्रास्फीति पर सरकार की सख्ती से कृषि क्षेत्र संकट में: बनर्जी

संगठनों ने यह हड़ताल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय करने और जमा दर में कमी आने के खिलाफ बुलायी है.

एआईबीईए के महासचिव सी. एच. वेंकटचालम ने कहा कि देश को बैंकों के विलय की बिलकुल जरूरत नहीं है क्योंकि हमें और बैंकिंग सेवाओं की जरूरत है तथा लोगों को सेवाएं देने के लिए और शाखाएं खोलनी हैं.

उन्होंने कहा कि विलय के परिणामस्वरूप कई शाखाएं बंद हो जाएंगी, इसलिए यह एक गलत नीति है. भारी मात्रा में फंसे कर्ज की वसूली बैंकों की प्राथमिकता होनी चाहिए और विलय उनकी इस प्राथमिकता को बदल देगा. इसलिए यह एक बुरा विचार है.

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नई दिल्ली: दो बैंक कर्मचारी यूनियनों के देशव्यापी हड़ताल के चलते मंगलवार को देश के कुछ हिस्सों में बैंकिंग परिचालन प्रभावित है.

बैंकिंग कर्मचारियों द्वारा हड़ताल के कारण कैश डिपॉजिट और काउंटर पर निकासी और चेक क्लीयरेंस जैसी कुछ सेवाएं प्रभावित हुई हैं.

हालांकि देश के शहरी क्षेत्र की बैंक शाखाएं परिचालित है, क्योंकि इसके अधिकारी इस हड़ताल का हिस्सा नहीं है.

एसबीआई सहित अधिकांश बैंकों ने अपने ग्राहक को बैंक विलय और जमा दरों में गिरावट के विरोध में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) और बैंक कर्मचारी महासंघ (बीईएफआई) द्वारा दी गई हड़ताल के बारे में सूचित किया था.

एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि भारत में बैंकों का विलय पूरी तरह से अनुचित है क्योंकि हमें अधिक बैंकिंग सेवाओं और लोगों की सेवा के लिए अधिक शाखाएं खोलने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, "विलय से अब तक शाखाएं बंद हो गई हैं और इसलिए यह एक गलत नीति है. बड़े बैड लोन की वसूली बैंकों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है और विलय से प्राथमिकता बदल जाएगी. इसलिए यह एक बुरा विचार है."


Conclusion:
Last Updated : Oct 22, 2019, 2:46 PM IST
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