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अरविंदो फार्मा ने कोविड- 19 टीके के लिये कोवाक्स के साथ समझौता किया - कोविड 19

अरबिंदो फार्मा ने कहा है कि उसने भारत और यूनीसेफ के लिये कोविड- 19 के इलाज के लिये यूबी- 612 टीके को विकसित करने, उसका वाणिज्यिकरण और विनिर्माण के लिये एक विशिष्ट लाइसेंस समझौता किया है.

अरविंदो फार्मा ने कोविड- 19 टीके के लिये कोवाक्स के साथ समझौता किया
अरविंदो फार्मा ने कोविड- 19 टीके के लिये कोवाक्स के साथ समझौता किया
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Published : Dec 24, 2020, 3:18 PM IST

नई दिल्ली: अरबिंदो फार्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने कोविड- 19 टीके को विकसित करने और उसका कारोबार करने के लिये अमेरिका की कंपनी कोवाक्स के साथ लाइसेंसिग समझौता किया है. अरविंदो फार्मा ने एक नियामकीय सूचना में इसकी जानकारी दी है.

कंपनी ने कहा है कि उसने भारत और यूनीसेफ के लिये कोविड- 19 के इलाज के लिये यूबी- 612 टीके को विकसित करने, उसका वाणिज्यिकरण और विनिर्माण के लिये एक विशिष्ट लाइसेंस समझौता किया है. कोवाक्स टीके का फिलहाल पहले चरण का चिकित्सीय परीक्षण चल रहा है.

अरबिंदो फार्मा के प्रबंध निदेशक एन गोविंदराजन ने कहा, "इस टीके में वायरस को अपनी जगह बनाने से रोकने की काफी क्षमता है और इसके चलते यह महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने में काफी कारगर साबित होगा."

ये भी पढ़ें: केयर्न एनर्जी के मामले में भारत को झटका, लौटाना पड़ेगा 1.4 अरब डॉलर

समझौते के तहत हैदराबाद स्थित कंपनी अरबिंदो फार्म ने अमेरिकी कंपनी कोवाक्स के यूबी-612 टीके को भारत और यूनिसेफ के लिये विकसित करने, विनिर्माण और बेचने का विशिष्ट अधिकार हासिल किया है. इसके साथ ही अन्य उभरते और विकासशील बाजारों में के लिये भी इसे विकसित करने और बेचने के सामान्य अधिकार होंगे.

कंपनी दवा के अंतिम स्वरूप को अपने हैदराबाद कारखाने में तैयार करेगी. कंपनी की 22 करोड खुराक दवा तैयार करने की क्षमता है. वह अतिरिक्त विनिर्माण क्षमता भी विकसित कर रही है. जून 2021 तक उसकी यह क्षमता 48 करोड़ खुराक तक पहुंच जायेगी.

नई दिल्ली: अरबिंदो फार्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने कोविड- 19 टीके को विकसित करने और उसका कारोबार करने के लिये अमेरिका की कंपनी कोवाक्स के साथ लाइसेंसिग समझौता किया है. अरविंदो फार्मा ने एक नियामकीय सूचना में इसकी जानकारी दी है.

कंपनी ने कहा है कि उसने भारत और यूनीसेफ के लिये कोविड- 19 के इलाज के लिये यूबी- 612 टीके को विकसित करने, उसका वाणिज्यिकरण और विनिर्माण के लिये एक विशिष्ट लाइसेंस समझौता किया है. कोवाक्स टीके का फिलहाल पहले चरण का चिकित्सीय परीक्षण चल रहा है.

अरबिंदो फार्मा के प्रबंध निदेशक एन गोविंदराजन ने कहा, "इस टीके में वायरस को अपनी जगह बनाने से रोकने की काफी क्षमता है और इसके चलते यह महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने में काफी कारगर साबित होगा."

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समझौते के तहत हैदराबाद स्थित कंपनी अरबिंदो फार्म ने अमेरिकी कंपनी कोवाक्स के यूबी-612 टीके को भारत और यूनिसेफ के लिये विकसित करने, विनिर्माण और बेचने का विशिष्ट अधिकार हासिल किया है. इसके साथ ही अन्य उभरते और विकासशील बाजारों में के लिये भी इसे विकसित करने और बेचने के सामान्य अधिकार होंगे.

कंपनी दवा के अंतिम स्वरूप को अपने हैदराबाद कारखाने में तैयार करेगी. कंपनी की 22 करोड खुराक दवा तैयार करने की क्षमता है. वह अतिरिक्त विनिर्माण क्षमता भी विकसित कर रही है. जून 2021 तक उसकी यह क्षमता 48 करोड़ खुराक तक पहुंच जायेगी.

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