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डिजिटल भुगतान सुविधा से वंचित रह सकते हैं दुनियाभर के 1.7 बिलियन लोग, क्या है उपाय

आशंका है कि मुद्रा के पारंपरिक माध्यमों की निर्भरता से दुनिया भर के 1.7 बिलियन लोग मुख्यधारा के व्यवसायिक जीवन से अलग हो जाएंगे. वे एक दोयम दर्जे की नकद अर्थव्यवस्था में फंस जाएंगे, जहां वे बिलों का भुगतान नहीं कर पाएंगे और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को आंशिक या पूर्ण रूप से हासिल नहीं कर पाएंगे.

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Published : May 7, 2021, 5:02 PM IST

Updated : May 7, 2021, 5:07 PM IST

डिजिटल भुगतान सुविधा से वंचित रह सकते हैं दुनियाभर के 1.7 बिलियन लोग, क्या है उपाय
डिजिटल भुगतान सुविधा से वंचित रह सकते हैं दुनियाभर के 1.7 बिलियन लोग, क्या है उपाय

हैदराबाद : कोरोना महामारी ने वैश्विक तौर पर लोगों को नकद भुगतान से दूर करके डिजिटल भुगतान करने के लिए प्रेरित किया है. हालांकि दुनिया के 1.7 बिलियन वयस्क इस कैशलेस अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं बन पाएंगे, क्योंकि उनके पास बैंक खाता नहीं है.

कैपजेमिनी वर्ल्ड पेमेंट्स रिपोर्ट 2020 के अनुसार, वैश्विक स्तर पर गैर-नकद लेनदेन 2018-2019 से लगभग 14% बढ़ कर 709 बिलियन लेन-देन तक पहुंच गई है. यूरोप और उत्तरी अमेरिका को पीछे छोड़ एशिया-पैसिफिक एक भारी छलांग के साथ नॉन-कैश लेनदेन वॉल्यूम में लीडर बन गया.

डिजिटल लेने-देन को मिली महामारी से बढ़त

आईबीएम के यूएस रिटेल इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक, महामारी ने भौतिक दुकानों से खरीदारी के मुकाबले डिजिटल खरीदारी को लगभग पांच साल आगे बढ़ा दिया है.

इसके अलावा, सितंबर 2020 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड के एक वैश्विक सर्वेक्षण में पाया गया कि दुनिया भर में लगभग दो-तिहाई (64%) लोग अब उम्मीद करते हैं कि उनका देश पूरी तरह से कैशलेस हो जाएगा. वहीं 44 फीसदी का मानना है कि यह 2030 तक हो जाएगा.

संयुक्त राष्ट्र ने अक्टूबर में कहा कि कोविड-19 ने 'उभरती और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में' ऑनलाइन शॉपिंग व्यवहार को हमेशा के लिए बदल दिया है.

कैशलेस अर्थव्यवस्थाओं पर निर्भरता के संभावित नुकसान

विश्व बैंक के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 1.7 बिलियन वयस्कों की वित्तीय संस्था या मोबाइल मनी प्रदाता के माध्यम से बैंक खाते तक पहुंच नहीं है.

इसमें से आधे केवल बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, नाइजीरिया और पाकिस्तान जैसे सात देशों में रहते हैं.

यहां तक ​​कि अगर उनके पास एक मोबाइल फोन है, फिर भी अधिकांश अपने दैनिक जीवन में नकदी में वापस आते हैं. जैसे-जैसे दुनिया नकदी लेन-देन से दूर हो रही है और ई-कॉमर्स को पहली प्राथमिकता बना रही है, ये समूह आर्थिक रूप से हाशिए पर आ जाएंगे.

इनमें से अधिकांश निम्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से हैं, जो कि कम-भुगतान, अनौपचारिक नौकरियों या श्रम बल से बाहर काम कर रहे हैं. महिलाओं के विशेष रूप से इससे प्रभावित होने की संभावना है.

ऐसी आशंका है कि मुद्रा के पारंपरिक माध्यमों की निर्भरता से ये लोग मुख्यधारा के व्यवसायिक जीवन से अलग हो जाएंगे. वे एक दोयम दर्जे की नकद अर्थव्यवस्था में फंस जाएंगे, जहां वे बिलों का भुगतान नहीं कर पाएंगे और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को आंशिक या पूर्ण रूप से हासिल नहीं कर पाएंगे.

गरीब स्ट्रीट वेंडर्स जो डिजिटल भुगतान नहीं ले सकते गायब हो जाएंगे.

कैशलेस अर्थव्यवस्थाओं की समस्याओं को दूर करने के लिए समाधान

सभी के लिए बैंक खातों की उपलब्धता और अधिक सुलभ बनाने के लिए फिनटेक मदद की कोशिश कर रहा है.

मैक्सिको में, बिना बैंक खातों के लोगों को डिजिटल भुगतान अर्थव्यवस्था में लाने के लिए एक अनूठी विधि का पालन किया जा रहा है. वहां केवल 37% वयस्कों के पास बैंक खाते हैं और अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को उनका वेतन नकद में मिलता है. नतीजतन, वे दिन-प्रतिदिन की खरीदारी के लिए भुगतान करने के लिए कैशलेस भुगतान विकल्पों का उपयोग नहीं कर सकते हैं.

मेक्सिको में व्यापारी एक हाइब्रिड मॉडल को अपना रहे हैं जो ग्राहकों को ऑनलाइन खरीदने की अनुमति देता है लेकिन नकद में भुगतान करता है. यह लोगों को ऑनलाइन किसी उत्पाद या सेवा को चुनने की अनुमति देता है, और फिर नकद भुगतान के माध्यम से भुगतान करने का विकल्प चुनने की अनुमति देता है. भुगतान पृष्ठ पर उनकी व्यक्तिगत जानकारी (पूरा नाम और ईमेल) की पुष्टि करने के बाद, उन्हें इसे प्रिंट करने के लिए एक वाउचर के साथ जारी किया जाता है. लेन-देन 24 घंटे के भीतर पूरा हो जाता है और जब भुगतान सफलतापूर्वक संसाधित हो जाता है, तो ऑर्डर की स्थिति भुगतान में बदल जाएगी और उपयोगकर्ताओं को अपना उत्पाद प्राप्त होगा.

कैसे इस तकनीक ने मैक्सिको को बदल दिया

यह हाइब्रिड सिस्टम मैक्सिको में अच्छी तरह से काम कर रहा है. वास्तव में, नकद भुगतान वाउचर मेक्सिको में ऑनलाइन खरीद को संभालने का तीसरा सबसे लोकप्रिय तरीका है.

यह समावेशी दृष्टिकोण देश में ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है. यह व्यवस्था अब लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े ई-कॉमर्स बाजार ब्राजील में भी है.

ये भी पढ़ें : कोरोना महामारी ने 23 करोड़ भारतीयों को गरीबी में धकेला : रिपोर्ट

हैदराबाद : कोरोना महामारी ने वैश्विक तौर पर लोगों को नकद भुगतान से दूर करके डिजिटल भुगतान करने के लिए प्रेरित किया है. हालांकि दुनिया के 1.7 बिलियन वयस्क इस कैशलेस अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं बन पाएंगे, क्योंकि उनके पास बैंक खाता नहीं है.

कैपजेमिनी वर्ल्ड पेमेंट्स रिपोर्ट 2020 के अनुसार, वैश्विक स्तर पर गैर-नकद लेनदेन 2018-2019 से लगभग 14% बढ़ कर 709 बिलियन लेन-देन तक पहुंच गई है. यूरोप और उत्तरी अमेरिका को पीछे छोड़ एशिया-पैसिफिक एक भारी छलांग के साथ नॉन-कैश लेनदेन वॉल्यूम में लीडर बन गया.

डिजिटल लेने-देन को मिली महामारी से बढ़त

आईबीएम के यूएस रिटेल इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक, महामारी ने भौतिक दुकानों से खरीदारी के मुकाबले डिजिटल खरीदारी को लगभग पांच साल आगे बढ़ा दिया है.

इसके अलावा, सितंबर 2020 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड के एक वैश्विक सर्वेक्षण में पाया गया कि दुनिया भर में लगभग दो-तिहाई (64%) लोग अब उम्मीद करते हैं कि उनका देश पूरी तरह से कैशलेस हो जाएगा. वहीं 44 फीसदी का मानना है कि यह 2030 तक हो जाएगा.

संयुक्त राष्ट्र ने अक्टूबर में कहा कि कोविड-19 ने 'उभरती और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में' ऑनलाइन शॉपिंग व्यवहार को हमेशा के लिए बदल दिया है.

कैशलेस अर्थव्यवस्थाओं पर निर्भरता के संभावित नुकसान

विश्व बैंक के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 1.7 बिलियन वयस्कों की वित्तीय संस्था या मोबाइल मनी प्रदाता के माध्यम से बैंक खाते तक पहुंच नहीं है.

इसमें से आधे केवल बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको, नाइजीरिया और पाकिस्तान जैसे सात देशों में रहते हैं.

यहां तक ​​कि अगर उनके पास एक मोबाइल फोन है, फिर भी अधिकांश अपने दैनिक जीवन में नकदी में वापस आते हैं. जैसे-जैसे दुनिया नकदी लेन-देन से दूर हो रही है और ई-कॉमर्स को पहली प्राथमिकता बना रही है, ये समूह आर्थिक रूप से हाशिए पर आ जाएंगे.

इनमें से अधिकांश निम्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से हैं, जो कि कम-भुगतान, अनौपचारिक नौकरियों या श्रम बल से बाहर काम कर रहे हैं. महिलाओं के विशेष रूप से इससे प्रभावित होने की संभावना है.

ऐसी आशंका है कि मुद्रा के पारंपरिक माध्यमों की निर्भरता से ये लोग मुख्यधारा के व्यवसायिक जीवन से अलग हो जाएंगे. वे एक दोयम दर्जे की नकद अर्थव्यवस्था में फंस जाएंगे, जहां वे बिलों का भुगतान नहीं कर पाएंगे और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को आंशिक या पूर्ण रूप से हासिल नहीं कर पाएंगे.

गरीब स्ट्रीट वेंडर्स जो डिजिटल भुगतान नहीं ले सकते गायब हो जाएंगे.

कैशलेस अर्थव्यवस्थाओं की समस्याओं को दूर करने के लिए समाधान

सभी के लिए बैंक खातों की उपलब्धता और अधिक सुलभ बनाने के लिए फिनटेक मदद की कोशिश कर रहा है.

मैक्सिको में, बिना बैंक खातों के लोगों को डिजिटल भुगतान अर्थव्यवस्था में लाने के लिए एक अनूठी विधि का पालन किया जा रहा है. वहां केवल 37% वयस्कों के पास बैंक खाते हैं और अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को उनका वेतन नकद में मिलता है. नतीजतन, वे दिन-प्रतिदिन की खरीदारी के लिए भुगतान करने के लिए कैशलेस भुगतान विकल्पों का उपयोग नहीं कर सकते हैं.

मेक्सिको में व्यापारी एक हाइब्रिड मॉडल को अपना रहे हैं जो ग्राहकों को ऑनलाइन खरीदने की अनुमति देता है लेकिन नकद में भुगतान करता है. यह लोगों को ऑनलाइन किसी उत्पाद या सेवा को चुनने की अनुमति देता है, और फिर नकद भुगतान के माध्यम से भुगतान करने का विकल्प चुनने की अनुमति देता है. भुगतान पृष्ठ पर उनकी व्यक्तिगत जानकारी (पूरा नाम और ईमेल) की पुष्टि करने के बाद, उन्हें इसे प्रिंट करने के लिए एक वाउचर के साथ जारी किया जाता है. लेन-देन 24 घंटे के भीतर पूरा हो जाता है और जब भुगतान सफलतापूर्वक संसाधित हो जाता है, तो ऑर्डर की स्थिति भुगतान में बदल जाएगी और उपयोगकर्ताओं को अपना उत्पाद प्राप्त होगा.

कैसे इस तकनीक ने मैक्सिको को बदल दिया

यह हाइब्रिड सिस्टम मैक्सिको में अच्छी तरह से काम कर रहा है. वास्तव में, नकद भुगतान वाउचर मेक्सिको में ऑनलाइन खरीद को संभालने का तीसरा सबसे लोकप्रिय तरीका है.

यह समावेशी दृष्टिकोण देश में ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है. यह व्यवस्था अब लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े ई-कॉमर्स बाजार ब्राजील में भी है.

ये भी पढ़ें : कोरोना महामारी ने 23 करोड़ भारतीयों को गरीबी में धकेला : रिपोर्ट

Last Updated : May 7, 2021, 5:07 PM IST
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