ETV Bharat / business

नए पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों पर हवाई अड्डे की तरह जन सुविधा शुल्क वसूली जाएगी: रेलवे बोर्ड अध्यक्ष

यूडीएफ विभिन्न हवाई अड्डों पर वसूला जाता है और इसकी दरें विभिन्न पहलुओं पर निर्भर होने की वजह से अलग-अलग है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने पत्रकारों को बताया कि नये विकसित रेलवे स्टेशनों पर शुल्क वहां आने वाले यात्रियों की संख्या के आधार पर अलग-अलग होगी.

author img

By

Published : Feb 12, 2020, 8:03 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 3:15 AM IST

business news, indian railways, private trains, कारोबार न्यूज, भारतीय रेलवे, निजी रेलवे
नए पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों पर हवाई अड्डे की तरह जन सुविधा शुल्क वसूली जाएगी: रेलवे बोर्ड अध्यक्ष

नई दिल्ली: रेलवे पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध जनसुविधाओं के लिए हवाई अड्डों की तरह शुल्क वसूल करेगा. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि हवाई यात्रा में जनसुविधा विकास शुल्क (यूडीएफ) कर का हिस्सा होता है जिसका हवाई यात्री भुगतान करते हैं.

यूडीएफ विभिन्न हवाई अड्डों पर वसूला जाता है और इसकी दरें विभिन्न पहलुओं पर निर्भर होने की वजह से अलग-अलग है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने पत्रकारों को बताया कि नये विकसित रेलवे स्टेशनों पर शुल्क वहां आने वाले यात्रियों की संख्या के आधार पर अलग-अलग होगी.

उन्होंने बताया कि मंत्रालय जल्द ही शुल्क के रूप में वसूली जाने वाली राशि से संबंधित अधिसूचना जारी करेगा. उन्होंने बताया कि 1,296 करोड़ रुपये की अुनमानित लागत से अमृतसर, नागपुर, ग्वालियर और साबरमती रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने के लिए रेलवे ने प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने भारतीय रेलवे स्टेशन पुनर्विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) के जरिये 2020-2021 में पूरे देश में 50 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए निविदा जारी करने की योजना बनाई है और इसपर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश का प्रस्ताव है.

ये भी पढ़ें: खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 7.59 प्रतिशत पर पहुंची

यादव ने बताया, "जनसुविधा विकास शुल्क हवाई अड्डा परिचालकों की ओर से लिए जा रहे शुल्क के अनुरूप ही होंगे. इससे स्टेशनों के उन्नयन के लिए धन की व्यवस्था होगी। यह शुल्क बहुत मामूली होगा."

उन्होंने कहा कि सुविधा शुल्क की वजह से किराए में मामूली बढ़ोतरी होगी लेकिन इससे यात्रियों को विश्व स्तरीय स्टेशनों की सुविधा का एहसास होगा. उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक सरकार ने पहले कार्यकाल में 400 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने की घोषणा की थी.

योजना के तहत स्टेशनों के विकास पर व्यय होने वाला धन स्टेशन के आसपास की जमीन को विकसित कर एकत्र किया जाएगा. रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास वित्तीय व्यावहारिकता के आधार पर किया जा रहा है.

सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने अक्टूबर में स्टेशन पुनर्विकास योजना में देरी होने पर रेल मंत्रालय की खिचांई की थी. आयोग ने 50 स्टेशनों को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्विकास करने के लिए शीर्ष नौकरशाहों की अधिकार प्राप्त समूह बनाने की सिफारिश की थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: रेलवे पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध जनसुविधाओं के लिए हवाई अड्डों की तरह शुल्क वसूल करेगा. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि हवाई यात्रा में जनसुविधा विकास शुल्क (यूडीएफ) कर का हिस्सा होता है जिसका हवाई यात्री भुगतान करते हैं.

यूडीएफ विभिन्न हवाई अड्डों पर वसूला जाता है और इसकी दरें विभिन्न पहलुओं पर निर्भर होने की वजह से अलग-अलग है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने पत्रकारों को बताया कि नये विकसित रेलवे स्टेशनों पर शुल्क वहां आने वाले यात्रियों की संख्या के आधार पर अलग-अलग होगी.

उन्होंने बताया कि मंत्रालय जल्द ही शुल्क के रूप में वसूली जाने वाली राशि से संबंधित अधिसूचना जारी करेगा. उन्होंने बताया कि 1,296 करोड़ रुपये की अुनमानित लागत से अमृतसर, नागपुर, ग्वालियर और साबरमती रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने के लिए रेलवे ने प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने भारतीय रेलवे स्टेशन पुनर्विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) के जरिये 2020-2021 में पूरे देश में 50 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए निविदा जारी करने की योजना बनाई है और इसपर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश का प्रस्ताव है.

ये भी पढ़ें: खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 7.59 प्रतिशत पर पहुंची

यादव ने बताया, "जनसुविधा विकास शुल्क हवाई अड्डा परिचालकों की ओर से लिए जा रहे शुल्क के अनुरूप ही होंगे. इससे स्टेशनों के उन्नयन के लिए धन की व्यवस्था होगी। यह शुल्क बहुत मामूली होगा."

उन्होंने कहा कि सुविधा शुल्क की वजह से किराए में मामूली बढ़ोतरी होगी लेकिन इससे यात्रियों को विश्व स्तरीय स्टेशनों की सुविधा का एहसास होगा. उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक सरकार ने पहले कार्यकाल में 400 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने की घोषणा की थी.

योजना के तहत स्टेशनों के विकास पर व्यय होने वाला धन स्टेशन के आसपास की जमीन को विकसित कर एकत्र किया जाएगा. रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास वित्तीय व्यावहारिकता के आधार पर किया जा रहा है.

सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने अक्टूबर में स्टेशन पुनर्विकास योजना में देरी होने पर रेल मंत्रालय की खिचांई की थी. आयोग ने 50 स्टेशनों को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्विकास करने के लिए शीर्ष नौकरशाहों की अधिकार प्राप्त समूह बनाने की सिफारिश की थी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 1, 2020, 3:15 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.