नई दिल्ली: पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि मोदी सरकार ने कोरोना वायरस संकट से उत्पन्न परिस्थितियों में बृहस्पतिवार को जिस 1.7 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की उसका फायदा उन लोगों तक नहीं पहुचेगा जो इस संकट से निपटने के लिए लगाई गई पाबंदियों से सचमुच प्रभावित हुये हैं.
गर्ग की राय में इन पाबंदियों से असंगठित क्षेत्र के कारोबारी और दस करोड़ मजदूर वास्तव में प्रभावित हैं और उनके लिए एक लाख करोड़ रुपये की मदद की जरूरत है.
गर्ग ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित पैकेज पर एक ट्वीट में कहा, "आज घोषित पैकज से उन लोगों को मदद मिलेगी जो नौकरी से बाहर हुये है. कोविड-19 और पाबंदी से आर्थिक गतिविधियां छिन्न भिन्न होने से वास्तव में प्रभावित हुए लोगों तक इसका फायदा नहीं पहुंचेगा. असंगठित क्षेत्र की आठ करोड से अधिक इकइयों और 10 करोड़ प्रभावित श्रमिकों को एक लाख करोड़ रुपये की मदद की जरूरत है."
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सरकार के प्रोत्साहन पैकेज के तहत 80 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को राशन कार्ड पर 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल अगले 3 महीने तक मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी . इसी तरह 20.14 करोड़ महिलाएं जिनके पास जनधन खाते हैं उन्हें इन 3 महीने की अवधि में किस्तों में कुल मिलाकर एकबारगी 1500 रुपये की सहायता नकद सहायता दी जाएगी.
पैकेज में उन 8.3 करोड़ गरीब महिलाओं को, जिन्हें 2016 से अब तक मुक्त रसोई गैस के कनेक्शन दिए गए हैं, अगले 3 महीने तक रसोई गैस के सिलेंडर मुफ्त दिये जाएंगे. इसी तरह से गरीब वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और अपाहिज लोगों को 1000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. इस पैकेज में सरकार ने पीएम किसान योजना के तहत किसानों को सालाना 6000 रुपए सहायता की पहली 2000 रुपये की किस्त अप्रैल के शुरू में देने की घोषणा की है.
इसके साथ ही छोटी कंपनियों और उनके कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में तीन माह तक योगदान की भी केन्द्र सरकार ने घोषणा की है.
(पीटीआई-भाषा)