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60 फीसदी भारतीय कंपनियां इंटरनेट सुरक्षा को लेकर चिंतित

डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करना : रिइंवेंटिंग द इंटरनेट फॉर ट्रस्ट शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के ज्यादातर प्रतिभागियों (77 फीसदी) का मानना है कि जब तक इंटरनेट सुरक्षा में नाटकीय सुधार नहीं होगा, डिजिटल अर्थव्यवस्था की प्रगति में भारी बाधा आएगी.

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Published : Apr 17, 2019, 11:46 PM IST

नई दिल्ली : भारत में करीब 60 फीसदी संगठनों का मानना है कि साइबर सुरक्षा के दृष्टिकोण से इंटरनेट असुरक्षित होता जा रहा है और वे अनिश्चित हैं कि क्या उपाय करें. एक्सेंचर की एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

'डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करना : रिइंवेंटिंग द इंटरनेट फॉर ट्रस्ट' शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के ज्यादातर प्रतिभागियों (77 फीसदी) का मानना है कि जब तक इंटरनेट सुरक्षा में नाटकीय सुधार नहीं होगा, डिजिटल अर्थव्यवस्था की प्रगति में भारी बाधा आएगी.

रिपोर्ट में कहा गया कि साइबर हमलों के कारण दुनिया भर की कंपनियों को अगले पांच सालों में 5,200 अरब डॉलर के राजस्व नुकसान या अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ेगा.

भारत में एक्सेंचर की भौगोलिक इकाई और देश की वरिष्ठ प्रबंध निदेशक अनिंद्य बसु ने एक बयान में कहा, "साइबर अपराधियों की उन्नत प्रौद्योगिकी की तुलना में इंटरनेट सुरक्षा पिछड़ गई है, जिसके कारण डिजिटल अर्थव्यवस्था से भरोसा उठने का संकट पैदा हो गया है."

ये निष्कर्ष दुनिया भर के 1,700 से अधिक मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और अन्य सी-सूइट अधिकारियों के सर्वेक्षण के आधार पर निकाले गए हैं, जिसमें भारत में बड़ी कंपनियों के 100 प्रतिभागी भी शामिल थे.

रिपोर्ट में कहा गया कि 60 फीसदी से अधिक भारतीय प्रतिभागियों का मानना था कि साइबर सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए संगठित सामूहिक प्रयास की जरूरत होगी, क्योंकि कोई भी संगठन अपने दम पर चुनौती का सामना नहीं कर सकता है.
ये भी पढ़ें : नोटबंदी के बाद 50 लाख लोगों ने गंवाई नौकरी: रिपोर्ट

नई दिल्ली : भारत में करीब 60 फीसदी संगठनों का मानना है कि साइबर सुरक्षा के दृष्टिकोण से इंटरनेट असुरक्षित होता जा रहा है और वे अनिश्चित हैं कि क्या उपाय करें. एक्सेंचर की एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

'डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करना : रिइंवेंटिंग द इंटरनेट फॉर ट्रस्ट' शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के ज्यादातर प्रतिभागियों (77 फीसदी) का मानना है कि जब तक इंटरनेट सुरक्षा में नाटकीय सुधार नहीं होगा, डिजिटल अर्थव्यवस्था की प्रगति में भारी बाधा आएगी.

रिपोर्ट में कहा गया कि साइबर हमलों के कारण दुनिया भर की कंपनियों को अगले पांच सालों में 5,200 अरब डॉलर के राजस्व नुकसान या अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ेगा.

भारत में एक्सेंचर की भौगोलिक इकाई और देश की वरिष्ठ प्रबंध निदेशक अनिंद्य बसु ने एक बयान में कहा, "साइबर अपराधियों की उन्नत प्रौद्योगिकी की तुलना में इंटरनेट सुरक्षा पिछड़ गई है, जिसके कारण डिजिटल अर्थव्यवस्था से भरोसा उठने का संकट पैदा हो गया है."

ये निष्कर्ष दुनिया भर के 1,700 से अधिक मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और अन्य सी-सूइट अधिकारियों के सर्वेक्षण के आधार पर निकाले गए हैं, जिसमें भारत में बड़ी कंपनियों के 100 प्रतिभागी भी शामिल थे.

रिपोर्ट में कहा गया कि 60 फीसदी से अधिक भारतीय प्रतिभागियों का मानना था कि साइबर सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए संगठित सामूहिक प्रयास की जरूरत होगी, क्योंकि कोई भी संगठन अपने दम पर चुनौती का सामना नहीं कर सकता है.
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नई दिल्ली : भारत में करीब 60 फीसदी संगठनों का मानना है कि साइबर सुरक्षा के दृष्टिकोण से इंटरनेट असुरक्षित होता जा रहा है और वे अनिश्चित हैं कि क्या उपाय करें. एक्सेंचर की एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

'डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करना : रिइंवेंटिंग द इंटरनेट फॉर ट्रस्ट' शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के ज्यादातर प्रतिभागियों (77 फीसदी) का मानना है कि जब तक इंटरनेट सुरक्षा में नाटकीय सुधार नहीं होगा, डिजिटल अर्थव्यवस्था की प्रगति में भारी बाधा आएगी.

रिपोर्ट में कहा गया कि साइबर हमलों के कारण दुनिया भर की कंपनियों को अगले पांच सालों में 5,200 अरब डॉलर के राजस्व नुकसान या अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ेगा.

भारत में एक्सेंचर की भौगोलिक इकाई और देश की वरिष्ठ प्रबंध निदेशक अनिंद्य बसु ने एक बयान में कहा, "साइबर अपराधियों की उन्नत प्रौद्योगिकी की तुलना में इंटरनेट सुरक्षा पिछड़ गई है, जिसके कारण डिजिटल अर्थव्यवस्था से भरोसा उठने का संकट पैदा हो गया है."

ये निष्कर्ष दुनिया भर के 1,700 से अधिक मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और अन्य सी-सूइट अधिकारियों के सर्वेक्षण के आधार पर निकाले गए हैं, जिसमें भारत में बड़ी कंपनियों के 100 प्रतिभागी भी शामिल थे.

रिपोर्ट में कहा गया कि 60 फीसदी से अधिक भारतीय प्रतिभागियों का मानना था कि साइबर सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए संगठित सामूहिक प्रयास की जरूरत होगी, क्योंकि कोई भी संगठन अपने दम पर चुनौती का सामना नहीं कर सकता है.

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