मुंबई: एक रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 37 प्रतिशत भारतीय महिलाओं ने कभी भी सोने के आभूषण नहीं खरीदे लेकिन उनकी यह तमन्ना रहती है कि भविष्य में वह जरूर सोना अथवा सोने के आभूषण खरीदेंगी. विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से ज्यादातर संभावित खरीदार देश के ग्रामीण इलाकों से हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, "करीब 37 प्रतिशत भारतीय महिलायें सोने की संभावित खरीदार हैं और स्वर्ण उद्योग के लिये यह एक बड़ा लक्ष्य बन सकता है. इन जवाब देने वालों में 44 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से हैं जबकि 30 प्रतिशत महिलायें शहरी क्षेत्रों से हैं. यह खुदरा आभूषण कारोबार करने वालों के लिये उल्लेखनीय संभावनायें पैदा करती है."
डब्ल्यूजीसी की "रिटेल गोल्ड इनसाइट: इंडिया ज्वैलरी" रिपोर्ट में यह परिणाम सामने आया है. यह सर्वेक्षण वैश्विक शोध एजेंसी हॉल एण्ड पार्टनर्स के साथ मिलकर किया गया है. इसमें 6,000 से अधिक 18 से 65 आयु वर्ग के लोगों के साथ बातचीत की गई. न केवल भारत में बल्कि चीन और अमेरिका में भी ग्राहकों के साथ बातचीत की गई.
भारतीय महिलायें सामान्य तौर पर सोना खरीदती हैं. यह उनकी पसंद है, यह टिकाऊ है और एक बेहतर वित्तीय निवेश के साथ ही पारिवारिक विरासत और सामाजिक रूप से स्वीकार्य उत्पाद है. इसमें खरीद- बिक्री का अनुभव भी बेहतर रहता है.
ये भी पढ़ें: अन्य देशों की तरह, मोदी सरकार को भी एयरलाइनों के लिए बेलआउट पैकेज देना चाहिए: विशेषज्ञ
सर्वेक्षण में हालांकि, यह बात भी सामने आई है कि यह पीली धातु मौजूदा समय में युवतियों की मान- सम्मान और फैशन जरूरतों पर खरी नहीं उतरतीं हैं. सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि 18 से 24 साल की 33 प्रतिशत युवा महिलायें समय सम पर सोने के आभूषण खरीदती रहती हैं. भविष्य में उनकी इस खरीदारी की इच्छा भी कमजोर है खासतौर से शहरी क्षेत्र की महिलायें ज्यादा नहीं सोचतीं हैं.
रिपोर्ट में यह कहा गया है कि युवा महिलायें सोने के आभूषणों को लेकर ज्यादा संवेदनशील नहीं हैं और यह स्वर्ण उद्योग के लिये भविष्य में संभावित खतरा बन सकता है.
(पीटीआई-भाषा)