दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में दो सौ गांव के आदिवासियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है. दंतेवाड़ा के किरंदुल में आदिवासी समाज के लोग नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(एनएमडीसी) का घेराव करने पहुंच चुके हैं और सुबह से ही किसी भी कर्मचारी को खदान के अंदर घुसने नहीं दिया है. आदिवासियों ने चेक पोस्ट को घेर लिया और एनएमडीसी में काम पूरी तरह से ठप है.
आदिवासियों द्वारा एनएमडीसी के ब्लॉक 13 के लौह अयस्क के खदान का विरोध लंबे समय से चल रहा है. आदिवासी इसे ब्लॉक(नंदराज पर्वत) को देवता मानकर पूजते हैं. इसके खनन का अधिकार अडानी ग्रुप को मिला है. फिलहाल 25 हजार से अधिक ग्रामीण खाने की पोटली लेकर एनएमडीसी का घेराव करने पहुंचे हैं.
दंतेवाड़ा के बैलाडीला पर्वत श्रृंखला के नंदराज पहाड़ पर एनएमडीसी के 13 ब्लॉक को अडानी ग्रुप को दिए जाने और खनन का आदिवासियों ने शुरु से विरोध किया है. उनके इस विरोध में कई श्रमिक संगठनों ने भी अपना समर्थन जताया है.
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अडानी ग्रुप ने 20 सितम्बर 2018 में 'बैलाडीला आयरन ओर माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड' के नाम से एक कंपनी बनाई जो देश में अडानी ग्रुप के लिए खनन का कार्य देखेगी. दिसम्बर 2018 में इसे बैलाडीला के खदान में खनन का कार्य मिला.
अडानी ग्रुप को ब्लॉक 13 में 2 मिलियन टन से लेकर 10 मिलियन टन प्रतिवर्ष खनन की उम्मीद थी, जहां लगभग 300 मिलियन की संभावना है. सरकार ने इसे अडानी ग्रुप को 25 वर्ष की लीज पर दिया था.