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चुनावी वादे पूरे न होने पर हो सकती है कार्रवाई, किसान यूनियन ने आयोग को सौंपा ज्ञापन

चुनाव में लोकलुभावन वादे करने वाले उम्मीदवारों और पार्टियों पर कार्रवाई कर सकता है चुनाव आयोग. किसान यूनियन ने चुनाव आयोग को सौंपा ज्ञापन. लोकसभा चुनाव-2019 के लिए आगामी 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में मतदान होगा.

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Published : Mar 18, 2019, 8:07 PM IST

Updated : Mar 19, 2019, 8:09 PM IST

किसान यूनियन

नई दिल्ली: हर बार चुनाव में राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े वादे करती हैं. वादे पूरे न कर सकने पर सभी दल और उम्मीदवार सफाई भी देते हैं.हालांकि, अब चुनाव आयोग ऐसे रवैये पर सख्त रूख अपना सकता है. चुनावी वादों के संबंधमेंआज किसान यूनियन ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा. इसमें उम्मीदवारों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है.

किसान यूनियन का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद राजनीतिक दलों द्वारा जनता से किए गए वादे अक्सर धुएंकी तरह उड़ जाते हैं. फिर अगले चुनाव में राजनीतिक पार्टियां जनता के सामने और वादों का पिटारा लेकर आती है. यह सिलसिला इसी तरह आगे बढ़ता चला जाता है.

इसी बीच राजनीतिक और चुनावी वादों से तंग आकर आज किसान यूनियन के नेताआज चुनाव आयोग पहुंचे. उन्होंने आयोग सेभविष्य में ऐसे राजनीतिक दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है जो चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहते हों.

भारतीय किसान यूनियन ने मांग की है कि चुनावी घोषणा पत्र को कानूनी दस्तावेज माना जाए.

अपने ज्ञापन मेंयूनियनने कहा है किअगर कोई राजनीतिक पार्टी चुनाव के दौरान किए गए वादेपूरा करने में फेल होजाए तो उस पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 और अन्य आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.

पढ़ें-पूर्व IAS अधिकारी शाह फैसल ने लॉन्च की राजनीतिक पार्टी

साथ ही यूनियन ने यह भी मांग की है कि इस तरह कि राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार को भी भविष्य में चुनाव लड़ने की इजाजत न दी जाए.

मीडिया से बात करते हुए किसान यूनियन के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादयान ने कहा कि सभी पार्टियां घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने में असफल रहती हैं.

कादयान ने कहा कि चाहे किसानों के कर्ज माफी का मामला हो या फिर युवाओं को रोजगार देने का मामला राजनीतिक दल हमेशा जनता को धोखा देते हैं. उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि ऐसे दलों पर कानूनी कार्रवाई कीजाए.

नई दिल्ली: हर बार चुनाव में राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े वादे करती हैं. वादे पूरे न कर सकने पर सभी दल और उम्मीदवार सफाई भी देते हैं.हालांकि, अब चुनाव आयोग ऐसे रवैये पर सख्त रूख अपना सकता है. चुनावी वादों के संबंधमेंआज किसान यूनियन ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा. इसमें उम्मीदवारों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है.

किसान यूनियन का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद राजनीतिक दलों द्वारा जनता से किए गए वादे अक्सर धुएंकी तरह उड़ जाते हैं. फिर अगले चुनाव में राजनीतिक पार्टियां जनता के सामने और वादों का पिटारा लेकर आती है. यह सिलसिला इसी तरह आगे बढ़ता चला जाता है.

इसी बीच राजनीतिक और चुनावी वादों से तंग आकर आज किसान यूनियन के नेताआज चुनाव आयोग पहुंचे. उन्होंने आयोग सेभविष्य में ऐसे राजनीतिक दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है जो चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहते हों.

भारतीय किसान यूनियन ने मांग की है कि चुनावी घोषणा पत्र को कानूनी दस्तावेज माना जाए.

अपने ज्ञापन मेंयूनियनने कहा है किअगर कोई राजनीतिक पार्टी चुनाव के दौरान किए गए वादेपूरा करने में फेल होजाए तो उस पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 और अन्य आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.

पढ़ें-पूर्व IAS अधिकारी शाह फैसल ने लॉन्च की राजनीतिक पार्टी

साथ ही यूनियन ने यह भी मांग की है कि इस तरह कि राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार को भी भविष्य में चुनाव लड़ने की इजाजत न दी जाए.

मीडिया से बात करते हुए किसान यूनियन के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादयान ने कहा कि सभी पार्टियां घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने में असफल रहती हैं.

कादयान ने कहा कि चाहे किसानों के कर्ज माफी का मामला हो या फिर युवाओं को रोजगार देने का मामला राजनीतिक दल हमेशा जनता को धोखा देते हैं. उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि ऐसे दलों पर कानूनी कार्रवाई कीजाए.

Intro:New Delhi: Demanding Election Commission, to take actions against the political parties who fails to deliver their promises, a farmers union, today, approached the Chief Election Commissioner and asked him to bar such political parties from contesting future elections.


Body:Bharti Kissan Union demanded that election Manifesto should be considered as legal documents so that if any political party fails to fulfill their promises, they should be booked under IPS 420 and other criminal acts and should be dethroned from the post. The Union also demanded that such political parties or candidates should be barred from contesting future elections.


Conclusion:Speaking to media, Harmeet Singh Kadian, President of Bharti Kissan Union, said, "Almost every political party do not deliver what they promised during their election manifesto. Whether they promised about loan waiving for farmers or to provide jobs to the youth, political parties cheat voters every time. We've given a demand letter to the Election Commission, asking them to take legal actions against such parties. We also talked to the political parties to fulfill their promises which were made in their past election manifestos, before promising more in the upcoming elections."
Last Updated : Mar 19, 2019, 8:09 PM IST
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