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सौतेले पिता ने अपनी12 साल की बच्ची को बेचा, DCW ने छुड़वाया

दिल्ली में मानव तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इसको लेकर दिल्ली महिला आयोग काम कर रही है.

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Published : Jul 2, 2019, 11:21 PM IST

swati maliwal


नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी मे एक 12 साल की बच्ची से नौकरानी का काम करवाया जा रहा था . लड़की असम से है और उसके सौतेले पिता ने उसे दिल्ली में एक प्लेसमेंट एजेंसी को बेच दिया था, जहां से वो अपने भाई के साथ दिल्ली आई थी.

मानव तस्करी का गंदा सच आया सामने


12 साल की बच्ची के साथ की गई मारपीट
दिल्ली के शकूरपुर इलाके में मार्च 2019 को एक प्लेसमेंट एजेंसी को द्वारा बच्ची को यहां लाया गया. जहां से उसे रोहिणी के एक व्यवसायी परिवार में नौकरानी बना कर भेज दिया गया. महज 12 साल की उम्र में लड़की से घर के तमाम काम करवाए गए, उसको मारा पीटा गया,जलाया गया. 3 महीने तक घर में बंद कर रखा गया.


इतना हीन नहीं उसे अपने भाई से बात भी नहीं करने दी गई. जब लड़की यह सभी अत्याचार सह नहीं पाई तो उसने 6 जून 2019 को फिनाइल पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की.


दिल्ली महिला आयोग को मिली थी जानकारी
23 जून को दिल्ली महिला आयोग को इसकी जानकारी एक अनजान व्यक्ति ने दी. जब उसने उस लड़की को अस्पताल में देखा जिसके बाद महिला आयोग की टीम तुरंत अस्पताल पहुंची और उस लड़की के शरीर पर मारने-पीटने के निशान देखकर उसका बयान दर्ज करवाया. लड़की का बयान दर्ज कर मामले की एफआईआर दर्ज कर ली गई. जिसके बाद उसे दिल्ली महिला आयोग द्वारा एक शेल्टर होम में भेज दिया गया.


डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस
दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. आयोग ने पुलिस से 4 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है.

'दिल्ली सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत'
इस पूरे मामले पर दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली घरेलू नौकरों को मानवीय परिस्थिति में रखने के लिए कुख्यात होती जा रही है.दिल्ली पुलिस बच्ची के मालिक के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी.


नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी मे एक 12 साल की बच्ची से नौकरानी का काम करवाया जा रहा था . लड़की असम से है और उसके सौतेले पिता ने उसे दिल्ली में एक प्लेसमेंट एजेंसी को बेच दिया था, जहां से वो अपने भाई के साथ दिल्ली आई थी.

मानव तस्करी का गंदा सच आया सामने


12 साल की बच्ची के साथ की गई मारपीट
दिल्ली के शकूरपुर इलाके में मार्च 2019 को एक प्लेसमेंट एजेंसी को द्वारा बच्ची को यहां लाया गया. जहां से उसे रोहिणी के एक व्यवसायी परिवार में नौकरानी बना कर भेज दिया गया. महज 12 साल की उम्र में लड़की से घर के तमाम काम करवाए गए, उसको मारा पीटा गया,जलाया गया. 3 महीने तक घर में बंद कर रखा गया.


इतना हीन नहीं उसे अपने भाई से बात भी नहीं करने दी गई. जब लड़की यह सभी अत्याचार सह नहीं पाई तो उसने 6 जून 2019 को फिनाइल पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की.


दिल्ली महिला आयोग को मिली थी जानकारी
23 जून को दिल्ली महिला आयोग को इसकी जानकारी एक अनजान व्यक्ति ने दी. जब उसने उस लड़की को अस्पताल में देखा जिसके बाद महिला आयोग की टीम तुरंत अस्पताल पहुंची और उस लड़की के शरीर पर मारने-पीटने के निशान देखकर उसका बयान दर्ज करवाया. लड़की का बयान दर्ज कर मामले की एफआईआर दर्ज कर ली गई. जिसके बाद उसे दिल्ली महिला आयोग द्वारा एक शेल्टर होम में भेज दिया गया.


डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस
दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. आयोग ने पुलिस से 4 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है.

'दिल्ली सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत'
इस पूरे मामले पर दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली घरेलू नौकरों को मानवीय परिस्थिति में रखने के लिए कुख्यात होती जा रही है.दिल्ली पुलिस बच्ची के मालिक के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी.

Intro:दिल्ली में मानव तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इसको लेकर दिल्ली महिला आयोग भी काम कर रहा है ताजा मामला दिल्ली के रोहिणी का है जहां से दिल्ली महिला आयोग ने एक 12 साल की बच्ची को घर से रसिया जहां और से नौकरानी का काम करवाया जा रहा था बताया जा रहा है कि लड़की असम से है और उसके सौतेले पिता ने उसको दिल्ली में एक प्लेसमेंट एजेंसी को बेच दिया था जहां से वह अपने भाई के साथ दिल्ली आई,


Body:12 साल की बच्ची के साथ की गई मारपीट
दिल्ली के शकूरपुर इलाके में मार्च 2019 को एक प्लेसमेंट एजेंसी के यहां लाया गया जहां से उसे रोहिणी के एक व्यवसाई परिवार में नौकरानी बना कर भेज दिया गया, महज 12 साल की उम्र में उस लड़की से घर के तमाम काम करवाए गए, उसको मारा पीटा गया,जलाया गया, 3 महीने तक घर में बंद कर रखा गया उसके भाई से बात भी नहीं करने दी गई, उसके मालिक ने उसका फोन तक छीन लिया, जब लड़की यह सभी अत्याचार नहीं पाई तो उसने 6 जून 2019 को फिनाइल पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की.

अनजान शख्स ने दी दिल्ली महिला आयोग को जानकारी
जिसके बाद प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा उसे भगवान महावीर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 23 जून को दिल्ली महिला आयोग को इसकी जानकारी एक अनजान व्यक्ति ने दी, जब उसने उस लड़की को अस्पताल में देखा जिसके बाद महिला आयोग की टीम तुरंत अस्पताल पहुंची और उस लड़की के शरीर पर मारने पीटने के निशान देखकर उसका बयान दर्ज करवाया, लड़की का बयान दर्ज कर मामले की एफ आई आर दर्ज कर ली गई, जिसके बाद उसे दिल्ली महिला आयोग द्वारा एक शेल्टर होम में भेज दिया गया.

डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस
जिसके बाद अब दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए इस पर जवाब मांगा है नोटिस में दिल्ली महिला आयोग ने एफ आई आर की कॉपी, बाल कल्याण समिति के आदेश की कॉपी, बच्ची की एमएलसी रिपोर्ट की कॉपी, साथ ही पुलिस से मामले में की गई कार्रवाई और गिरफ्तार किए गए आरोपियों की जानकारी मांगी है आयोग ने पुलिस से 4 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है


Conclusion:'दिल्ली सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत'
इस पूरे मामले पर दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली घरेलू नौकरों को मानवीय परिस्थिति में रखने के लिए कुख्यात होती जा रही है और प्लेसमेंट एजेंसी दिल्ली में रैकेट चला रही हैं दिल्ली सरकार को तुरंत इन एजेंसियों को नियंत्रित करना चाहिए साथ ही दिल्ली पुलिस को बच्ची के मालिक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
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