नई दिल्ली: दिल्ली की ऐतिहासिक लोक सभा सीट माने जाने वाले चांदनी चौक को पिछले 48 सालों में कोई महिला महिला सांसद नहीं मिली. महिलाओं की पुरुषों के मुकाबले राजनीति में कम भागीदारी को लेकर ईटीवी भारत ने चांदनी चौक की महिलाओं से बातचीत की.
अधिकतर महिलाओं ने कहा कि उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया जाता. जब हर समय घर के कामों में लगे रहेंगे तो दूसरे कामों के लिए कहां से समय मिलेगा. साथ ही महिलाओं ने यह भी कहा कि निम्न वर्ग से आने के कारण सारा जीवन जरूरतें पूरी करने और पेट की आग बुझाने में निकल जाता है.
बाकी जीवन अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने में जैसे आज भी हमारी बस्ती में न तो पानी है और ना ही शौचालय. अपनी आवाज तो नेताओं तक पंहुचाने में हम असमर्थ हैं तो औरों की आवाज कैसे उठाएंगे.
चांदनी चौक से आखिरी महिला सांसद
सन 1971 में सुभद्रा जोशी चांदनी चौक से आखिरी महिला सांसद रहीं. जोशी ने उस वक्त भारतीय जन संघ के उम्मीदवार राम गोपाल शालवाले को 44 हजार वोटों से हराया था.
चांदनी चौक लोक सभा क्षेत्र में दस विधानसभा हैं, लेकिन इन 10 विधान सभा सीटों पर केवल दो महिला विधायक हैं. चांदनी चौक विधान सभा सीट से अलका लांबा और शालीमार बाग विधानसभा सीट से वंदना कुमारी हैं.
चांदनी चौक लोक सभा सीट पर मतदाता
अगर 2014 के चुनावी आकड़ों पर नज़र डालें तो चांदनी चौक लोक सभा सीट पर कुल 1447230 मतदाता हैं. जिसमे से 791318 पुरुष मतदाता हैं और 658854 महिलाऐं.
दोनों में लगभग नौ प्रतिशत का अंतर है फिर भी यहां से 1971 के बाद कोई महिला संसद तक नहीं पहुंच पाई.
सन 2005 में बीजेपी ने चांदनी चौक लोकसभा सीट से मौजूदा एनडीए सरकार में मंत्री, स्मृति ईरानी को चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन कांग्रेस उमीदवार कपिल सिब्बल ने सत्तर हजार वोटों से ईरानी को हराया था.