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इंटरनेट का इस्तेमाल कर दे रहा था पुलिस को चकमा, जाल बिछा पुलिस ने दबोचा

हत्या की कई वारदातों को अंजाम देने वाले रेहान उर्फ गुल्लू को हाल ही में उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है.पुछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि वह किस तरह से पुलिस से बचने के लिए इंटरनेट का उपयोग करता था.

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Published : May 31, 2019, 7:31 PM IST

पुलिस ने बदमाश को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली: इंटरनेट के आने से जहां पहले बदमाशों को पकड़ना पुलिस के लिए आसान हो गया था, वहीं अब इसकी वजह से उन्हें पकड़ना मुश्किल भी हो गया है. बदमाशों ने अब पुलिस से बचने के लिए इंटरनेट को अपना हथियार बना लिया है.


जेल के अंदर से लेकर बाहर तक बदमाश पुलिस को चकमा देने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर बातचीत कर रहे हैं. उनके इस कारनामे ने पुलिस को चिंता में डाल दिया है.

अमित झा, संवाददाता
हत्या की कई वारदातों को अंजाम देने वाले रेहान उर्फ गुल्लू को हाल ही में उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि वह किस तरह से पुलिस से बचने के लिए इंटरनेट का उपयोग करता था.

तिहाड़ जेल में मिला कॉलिंग कार्ड
रेहान ने पुलिस को बताया कि उसके लिए कॉलिंग कार्ड लेना आसान नहीं था. लेकिन उसके कुछ दोस्त जेल में बंद हैं जिन्होंने उसके लिये खाड़ी देश से कॉलिंग कार्ड का इंतजाम किया. उसने पुलिस को बताया कि जेल में भी काफी बदमाश कालिंग कार्ड का इस्तेमाल करते हैं ताकि उनका सुराग पुलिस या जेल प्रशासन को न लगे.
जानकारी के अनुसार इसके लिए वह विभिन्न सॉफ्टवेयर और कॉलिंग कार्ड का इस्तेमाल करता था. उसने icallmore, Marbook plazma और Marrygold एप्प का इस्तेमाल अपने साथियों को कॉल करने के लिए किया. इन सभी एप्प पर कॉलिंग कार्ड का इस्तेमाल कर इंटरनेट कॉल की जाती है. यह कॉलिंग कार्ड खाड़ी देशों से उपलब्ध होते हैं.
उसने पुलिस को बताया कि उसने तिहाड़ जेल में सीखा कि कैसे वह इंटरनेट और एप्प का इस्तेमाल, पुलिस से बचने के लिए कर सकता है.

10 डॉलर में 1300 मिनट फ्री
पुलिस ने बताया कि यह कॉलिंग कार्ड 10 से 15 डॉलर में मिलता है. इसमें 1300 मिनट फ्री कॉलिंग मिलती है. इससे इंटरनेशनल कॉल की जा सकती है. कॉलिंग कार्ड का नंबर 8 या 9 अंक का होता है. इसे इस्तेमाल करने वाला उसका नंबर अपनी इच्छा अनुसार बदल भी सकता है. कॉलिंग कार्ड से ऐसे मोबाइल फोन पर भी कॉल की जा सकती है जिसमें इंटरनेट नहीं होता.

अमेरिका के नंबर पर चल रहा था व्हाट्सएप
पुलिस के अनुसार रेहान अपने मोबाइल पर व्हाट्सएप चलाता था. यह व्हाट्सएप अमेरिका के नंबर पर चल रहा था. यह नंबर उसने एंड्राइड एप्लीकेशन textnow और 2ndline के माध्यम से लिया था. इसके अलावा वह चोरी के मोबाइल में चोरी की सिम का इस्तेमाल करता था. अपने छिपने की जगह के आसपास भी वह इस मोबाइल को इस्तेमाल नहीं करता था. वह अलग-अलग इलाके की दुकानों से जाकर मोबाइल का सिम कार्ड रिचार्ज करवाता था ताकि पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं मिले.

नई दिल्ली: इंटरनेट के आने से जहां पहले बदमाशों को पकड़ना पुलिस के लिए आसान हो गया था, वहीं अब इसकी वजह से उन्हें पकड़ना मुश्किल भी हो गया है. बदमाशों ने अब पुलिस से बचने के लिए इंटरनेट को अपना हथियार बना लिया है.


जेल के अंदर से लेकर बाहर तक बदमाश पुलिस को चकमा देने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर बातचीत कर रहे हैं. उनके इस कारनामे ने पुलिस को चिंता में डाल दिया है.

अमित झा, संवाददाता
हत्या की कई वारदातों को अंजाम देने वाले रेहान उर्फ गुल्लू को हाल ही में उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि वह किस तरह से पुलिस से बचने के लिए इंटरनेट का उपयोग करता था.

तिहाड़ जेल में मिला कॉलिंग कार्ड
रेहान ने पुलिस को बताया कि उसके लिए कॉलिंग कार्ड लेना आसान नहीं था. लेकिन उसके कुछ दोस्त जेल में बंद हैं जिन्होंने उसके लिये खाड़ी देश से कॉलिंग कार्ड का इंतजाम किया. उसने पुलिस को बताया कि जेल में भी काफी बदमाश कालिंग कार्ड का इस्तेमाल करते हैं ताकि उनका सुराग पुलिस या जेल प्रशासन को न लगे.
जानकारी के अनुसार इसके लिए वह विभिन्न सॉफ्टवेयर और कॉलिंग कार्ड का इस्तेमाल करता था. उसने icallmore, Marbook plazma और Marrygold एप्प का इस्तेमाल अपने साथियों को कॉल करने के लिए किया. इन सभी एप्प पर कॉलिंग कार्ड का इस्तेमाल कर इंटरनेट कॉल की जाती है. यह कॉलिंग कार्ड खाड़ी देशों से उपलब्ध होते हैं.
उसने पुलिस को बताया कि उसने तिहाड़ जेल में सीखा कि कैसे वह इंटरनेट और एप्प का इस्तेमाल, पुलिस से बचने के लिए कर सकता है.

10 डॉलर में 1300 मिनट फ्री
पुलिस ने बताया कि यह कॉलिंग कार्ड 10 से 15 डॉलर में मिलता है. इसमें 1300 मिनट फ्री कॉलिंग मिलती है. इससे इंटरनेशनल कॉल की जा सकती है. कॉलिंग कार्ड का नंबर 8 या 9 अंक का होता है. इसे इस्तेमाल करने वाला उसका नंबर अपनी इच्छा अनुसार बदल भी सकता है. कॉलिंग कार्ड से ऐसे मोबाइल फोन पर भी कॉल की जा सकती है जिसमें इंटरनेट नहीं होता.

अमेरिका के नंबर पर चल रहा था व्हाट्सएप
पुलिस के अनुसार रेहान अपने मोबाइल पर व्हाट्सएप चलाता था. यह व्हाट्सएप अमेरिका के नंबर पर चल रहा था. यह नंबर उसने एंड्राइड एप्लीकेशन textnow और 2ndline के माध्यम से लिया था. इसके अलावा वह चोरी के मोबाइल में चोरी की सिम का इस्तेमाल करता था. अपने छिपने की जगह के आसपास भी वह इस मोबाइल को इस्तेमाल नहीं करता था. वह अलग-अलग इलाके की दुकानों से जाकर मोबाइल का सिम कार्ड रिचार्ज करवाता था ताकि पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं मिले.

Intro:नई दिल्ली

इंटरनेट के आने से जहां पहले बदमाशों को पकड़ना पुलिस के लिए आसान हो गया था, वहीं अब इसकी वजह से उन्हें पकड़ना मुश्किल हो गया है. बदमाशों ने अब पुलिस से बचने के लिए इंटरनेट को अपना हथियार बना लिया है. जेल के अंदर से लेकर बाहर तक बदमाश पुलिस को चकमा देने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर बातचीत कर रहे हैं. उनके इस कारनामे ने पुलिस को चिंता में डाल दिया है.


Body:जानकारी के अनुसार हत्या की कई वारदातों को अंजाम देने वाले रेहान उर्फ गुल्लू को हाल ही में उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसने पुलिस को बताया कि वह पुलिस से बचने के लिए ऐसे उपाय कर रहा था ताकि पुलिस उस तक न पहुंच सके. इसके लिए वह विभिन्न सॉफ्टवेयर एवं कॉलिंग कार्ड का इस्तेमाल करता था. उसने icallmore, Marbook plazma और Marrygold एप्प का इस्तेमाल अपने साथियों को कॉल करने के लिए किया. इन सभी एप्प पर कॉलिंग कार्ड का इस्तेमाल कर इंटरनेट कॉल की जाती है. यह कॉलिंग कार्ड खाड़ी देशों से उपलब्ध होते हैं.



तिहाड़ जेल से दिया गया रेहान को कॉलिंग कार्ड

रेहान ने पुलिस को बताया कि खाड़ी देशों में उसका कोई संपर्क नहीं है. इसलिए उसके लिए कॉलिंग कार्ड लेना आसान नहीं था. लेकिन उसके कुछ दोस्त जेल में बंद हैं जिन्होंने उसके लिये खाड़ी देश से कॉलिंग कार्ड का इंतजाम किया. उसने पुलिस को बताया कि जेल में भी काफी बदमाश कालिंग कार्ड का इस्तेमाल करते हैं ताकि उनका सुराग पुलिस या जेल प्रशासन को न लगे. वह खाड़ी देशों में मौजूद अपने परिचित या रिश्तेदार से कॉलिंग कार्ड लेते हैं. उसने पुलिस को बताया कि उसने तिहाड़ जेल में सीखा कि कैसे वह इंटरनेट एवं एप्प का इस्तेमाल पुलिस से बचने के लिए कर सकता है.



10 डॉलर में 1300 मिनट की बातचीत फ्री
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह कॉलिंग कार्ड 10 से 15 डॉलर में मिलता है. इसमें 1300 मिनट फ्री कॉलिंग मिलती है. इससे इंटरनेशनल कॉल की जा सकती है. कॉलिंग कार्ड का नंबर 8 या 9 अंक का होता है. इसे इस्तेमाल करने वाला उसका नंबर अपनी इच्छा अनुसार बदल भी सकता है. कॉलिंग कार्ड से ऐसे मोबाइल फोन पर भी कॉल की जा सकती है जिसमें इंटरनेट नहीं होता. वहीं अगर पुलिस चाहे तो भी इस कॉलिंग कार्ड की कॉल डिटेल्स नहीं निकाल सकती.


अमेरिका के नंबर पर चल रहा व्हाट्सएप
पुलिस के अनुसार रेहान अपने मोबाइल पर व्हाट्सएप चला रहा था. यह व्हाट्सएप अमेरिका के नंबर पर चल रहा था. यह नंबर उसने एंड्राइड एप्लीकेशन textnow और 2ndline के माध्यम से लिया था. इसके अलावा वह वह चोरी के मोबाइल में चोरी की सिम इस्तेमाल करता था. अपने छिपने की जगह के आसपास भी वह इस मोबाइल को इस्तेमाल नहीं करता था. वह अलग-अलग इलाके की दुकानों से जाकर मोबाइल का सिम कार्ड रिचार्ज करवाता था ताकि पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं मिले.



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