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जामिया के प्रोफेसर ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया देश का नाम रौशन, मिला यह पुरस्कार - delhi ncr breaking news

इस मॉडल को परखने के बाद डॉक्टर और उनकी टीम को विजेता घोषित कर दिया गया और रिसर्च टीम को बतौर पुरस्कार एचआईएल- 402 नाम की मशीन दी गई

जामिया के प्रोफेसर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीता पुरस्कार
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Published : Apr 22, 2019, 1:12 AM IST

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में स्थित एडवांस पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च लैबोरेट्री के इंचार्ज डॉ एहतेशामुल हक और उनकी रिसर्च टीम ने देश का नाम विदेश में रौशन किया है.

डॉ एहतेशामुल हक और उनकी रिसर्च टीम ने स्विट्जरलैंड की विश्व प्रसिद्ध कंपनी टाइफून एचआईएल द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीत हासिल की और इनाम के तौर पर करीब 20 लाख रुपए के मूल्य का पुरस्कार जीता.

स्विट्जरलैंड की विश्व प्रसिद्ध कंपनी टाइफून एचआईएल द्वारा '10 फ़ॉर 10' प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. यह प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय स्तर की थी जिसमें अमेरिका, एशिया, यूरोप, अफ्रीका जैसी टीमों ने भी हिस्सा लिया था.

वहीं भारत के जामिया मिलिया इस्लामिया की तरफ से डॉक्टर एहतेशामुल हक और उनकी रिसर्च टीम ने भी हिस्सा लिया था. इस रिसर्च टीम में जामिया के बीटेक, एमटेक और पीएचडी के छात्र शामिल थे. डॉक्टर एहतेशामुल हक की अगुवाई में उनकी टीम ने एक स्मार्ट सोलर इनवर्टर का मॉडल बनाया था जिसे इस प्रतियोगिता में भेजा गया.

इस मॉडल को परखने के बाद डॉक्टर और उनकी टीम को विजेता घोषित कर दिया गया और रिसर्च टीम को बतौर पुरस्कार एचआईएल- 402 नाम की मशीन दी गई. इस मशीन की कीमत भारतीय बाजार में 20 लाख रुपए है.

बता दें कि एच आई एल 402 एक रियल टाइम सिम्युलेटर है जिसका इस्तेमाल पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रोग्रिड और रिन्यूएबल एनर्जी एप्लीकेशन में होता है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीतने पर जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नज़मा अख्तर ने प्रोफेसर ज़ेड. ए. जाफरी, डॉ. एहतेशामुल हक और उनकी पूरी रिसर्च टीम को बधाई दी.

प्रोफेसर नज़मा अख्तर ने ही कहा कि इस तरह के शोध से यह प्रमाणित होता है कि जामिया में उच्च स्तरीय शोध कार्य लगातार चल रहा है जिसका लोहा आज सारा विश्व मान रहा है. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि जामिया इसी तरह रिसर्च के क्षेत्र में ऊंचाइयों को छुएगा.

बता दें कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ज़ेड. ए. जाफरी ने डॉ. एहतेशामुल हक और उनकी पूरी टीम का मनोबल बढ़ा कर उन्हें प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया था.

ग़ौरतलब है कि हाल ही में डॉ. एहतेशामुल हक को मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई स्पार्क स्कीम के तहत रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ग्रांट भी मिली है.

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में स्थित एडवांस पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च लैबोरेट्री के इंचार्ज डॉ एहतेशामुल हक और उनकी रिसर्च टीम ने देश का नाम विदेश में रौशन किया है.

डॉ एहतेशामुल हक और उनकी रिसर्च टीम ने स्विट्जरलैंड की विश्व प्रसिद्ध कंपनी टाइफून एचआईएल द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीत हासिल की और इनाम के तौर पर करीब 20 लाख रुपए के मूल्य का पुरस्कार जीता.

स्विट्जरलैंड की विश्व प्रसिद्ध कंपनी टाइफून एचआईएल द्वारा '10 फ़ॉर 10' प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. यह प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय स्तर की थी जिसमें अमेरिका, एशिया, यूरोप, अफ्रीका जैसी टीमों ने भी हिस्सा लिया था.

वहीं भारत के जामिया मिलिया इस्लामिया की तरफ से डॉक्टर एहतेशामुल हक और उनकी रिसर्च टीम ने भी हिस्सा लिया था. इस रिसर्च टीम में जामिया के बीटेक, एमटेक और पीएचडी के छात्र शामिल थे. डॉक्टर एहतेशामुल हक की अगुवाई में उनकी टीम ने एक स्मार्ट सोलर इनवर्टर का मॉडल बनाया था जिसे इस प्रतियोगिता में भेजा गया.

इस मॉडल को परखने के बाद डॉक्टर और उनकी टीम को विजेता घोषित कर दिया गया और रिसर्च टीम को बतौर पुरस्कार एचआईएल- 402 नाम की मशीन दी गई. इस मशीन की कीमत भारतीय बाजार में 20 लाख रुपए है.

बता दें कि एच आई एल 402 एक रियल टाइम सिम्युलेटर है जिसका इस्तेमाल पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रोग्रिड और रिन्यूएबल एनर्जी एप्लीकेशन में होता है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीतने पर जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नज़मा अख्तर ने प्रोफेसर ज़ेड. ए. जाफरी, डॉ. एहतेशामुल हक और उनकी पूरी रिसर्च टीम को बधाई दी.

प्रोफेसर नज़मा अख्तर ने ही कहा कि इस तरह के शोध से यह प्रमाणित होता है कि जामिया में उच्च स्तरीय शोध कार्य लगातार चल रहा है जिसका लोहा आज सारा विश्व मान रहा है. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि जामिया इसी तरह रिसर्च के क्षेत्र में ऊंचाइयों को छुएगा.

बता दें कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ज़ेड. ए. जाफरी ने डॉ. एहतेशामुल हक और उनकी पूरी टीम का मनोबल बढ़ा कर उन्हें प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया था.

ग़ौरतलब है कि हाल ही में डॉ. एहतेशामुल हक को मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई स्पार्क स्कीम के तहत रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ग्रांट भी मिली है.

Intro:फ़ोटो मेल से सेंड की है ।

दक्षिणी दिल्ली ।


जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में स्थित एडवांस पावर इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च लैबोरेट्री के इंचार्ज डॉ एहतेशामुल हक और उनकी रिसर्च टीम ने स्विट्जरलैंड की विश्व प्रसिद्ध कंपनी टाइफून एचआईएल द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीत हासिल की और इनाम के तौर पर करीब 20 लाख रुपए के मूल्य का पुरस्कार जीता. बता दें कि इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अमेरिका, एशिया, यूरोप और अफ्रीका की टीमों ने भी हिस्सा लिया था.


Body:स्विट्जरलैंड की विश्व प्रसिद्ध कंपनी टाइफून एचआईएल द्वारा '10 फ़ॉर 10' प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. यह प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय स्तर की थी जिसमें अमेरिका, एशिया, यूरोप, अफ्रीका जैसी टीमों ने भी हिस्सा लिया था. वहीं भारत के जामिया मिलिया इस्लामिया की तरफ से डॉक्टर एहतेशामुल हक और उनकी रिसर्च टीम ने हिस्सा लिया था. इस रिसर्च टीम में जामिया के बीटेक, एमटेक और पीएचडी के छात्र शामिल थे. डॉक्टर एहतेशामुल हक की अगुवाई में उनकी टीम ने एक स्मार्ट सोलर इनवर्टर का मॉडल बनाया था जिसे इस प्रतियोगिता में भेजा गया. इस मॉडल को परखने के बाद डॉक्टर और उनकी टीम को विजेता घोषित कर दिया गया और रिसर्च टीम को बतौर पुरस्कार एचआईएल- 402 नाम की मशीन दी गई. इस मशीन की कीमत भारतीय बाजार में 20 लाख रुपए हैं.

बता दें कि एच आई एल 402 एक रियल टाइम सिम्युलेटर है जिसका इस्तेमाल पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रोग्रिड और रिन्यूएबल एनर्जी एप्लीकेशन में होता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीतने पर जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नज़मा अख्तर ने प्रोफेसर ज़ेड. ए. जाफरी, डॉ. एहतेशामुल हक और उनकी पूरी रिसर्च टीम को बधाई दी. साथ ही कहा कि इस तरह के शोध से यह प्रमाणित होता है कि जामिया में उच्च स्तरीय शोध कार्य लगातार चल रहा है जिसका लोहा आज सारा विश्व मान रहा है. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि जामिया इसी तरह रिसर्च के क्षेत्र में ऊंचाइयों को छुएगा. बता दें कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ज़ेड. ए. जाफरी ने डॉ. एहतेशामुल हक और उनकी पूरी टीम का मनोबल बढ़ा कर उन्हें प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया था.

ज्ञात हो कि हाल ही में डॉ. एहतेशामुल हक को मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई स्पार्क स्कीम के तहत रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ग्रांट भी मिली है.


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