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मास्टरप्लान 2041 को लेकर कॉउन्सिल की दूसरी बैठक, महत्वपूर्ण मुद्दों पर हुई चर्चा - मास्टरप्लान कॉउंसिल की बैठक

आज डीडीए की बैठक में विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के 18 सदस्य शामिल हुए. दिल्ली मास्टर प्लान 2041 के ड्राफ्ट के चार भाग में 12 अध्याय हैं.

मास्टरप्लान को लेकर बैठक
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Published : Mar 31, 2021, 8:22 PM IST

नई दिल्ली: डीडीए ने दिल्ली विकास अधिनियम 1957 के प्रावधानों के अनुसार ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2041 तैयार कर लिया है. इसके लिए आगे तेजी से काम चल रहा है. यह पहली बार है जब मास्टर प्लान का ड्राफ्ट समय से पहले ही तैयार कर लिया गया है. मास्टर प्लान 2021 के खत्म होते ही इसे लागू किया जा सकता है. सितंबर 2021 में इस ड्राफ्ट प्लान को मंजूरी के लिए मंत्रालय भेजा जा सकता है.

जानकारी के अनुसार दिल्ली का पहला मास्टर प्लान वर्ष 1962 में दिल्ली के योजनाबद्ध विकास के लिए बनाया गया था. इसके बाद वर्ष 1981 और 2001 में मास्टर प्लान बनाया गया. मास्टर प्लान 2041 एक तरह का फ्रेमवर्क है जिसके जरिए शहर का विकास होगा और पूर्व में किए गए कार्यों में सुधार होगा. इसके लिए सलाहकार परिषद का गठन भी किया गया है. इस परिषद की पहली बैठक बीते 26 मार्च को उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी. इसमें दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, टाउन प्लानर, आर्किटेक्चर की जानकारी रखने वाले व्यक्ति, स्वास्थ्य विभाग, वाणिज्य, उद्योग, श्रम आदि के अधिकारी भी शामिल हुए थे.

बुधवार को परिषद की दूसरी बैठक आयोजित

डीडीए के अनुसार बुधवार को इस परिषद की दूसरी बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के 18 सदस्य शामिल हुए. दिल्ली मास्टर प्लान 2041 के ड्राफ्ट के चार भाग में 12 अध्याय हैं. इसमें विरासत, संस्कृति, सार्वजनिक स्थल, आश्रय एवं सामाजिक आधारिक संरचना, ट्रांसपोर्ट एंड मोबिलिटी, फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर (पानी, सॉलि़ड वेस्ट, बिजली, गैस, टेलीकम्युनिकेशन और डिजास्टर मैनेजमेंट) पर चर्चा की गई. बैठक में मौजूद सदस्यों ने डीडीए एवं एनआईयूए द्वारा किये गए प्रयासों की प्रशंसा की. इसके साथ ही उन्होंने कुछ सुझाव भीन दिए जैसे सभी क्षेत्रों में पीपीपी की भूमिका को महत्व देकर सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देना, सांस्कृतिक विरासत की महत्ता को समझना और आर्थिक व्यवहार्यता का पता लगाना है.

इन महत्वपूर्ण विषयों पर भी हुई चर्चा

सदस्यों ने पार्किंग प्रबंधन एवं जाम की समस्या, कामगारों और प्लेटफार्म वर्कर्स के लिए किफायती निर्माण करने तथा सहायक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर बल दिया. इसमें महिलाओ की सुरक्षा भी शामिल है. सी एवं डी अपशिष्ट, कम्पोस्ट/रीसायकल उत्पादों जैसे वेस्ट बाई प्रोडक्ट को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए एक इको सिस्टम का भी निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा प्रस्तावित योजना के वॉल्यूम-2 में डेवलपमेंट फ्रेम वर्क, एक्शन और मॉनिटरिंग फ्रेम वर्क और मास्टरप्लान 2041 विकास संहिता पर आगामी 5 अप्रैल को होने वाली सलाहकार समिति की बैठक में चर्चा होगी.

नई दिल्ली: डीडीए ने दिल्ली विकास अधिनियम 1957 के प्रावधानों के अनुसार ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2041 तैयार कर लिया है. इसके लिए आगे तेजी से काम चल रहा है. यह पहली बार है जब मास्टर प्लान का ड्राफ्ट समय से पहले ही तैयार कर लिया गया है. मास्टर प्लान 2021 के खत्म होते ही इसे लागू किया जा सकता है. सितंबर 2021 में इस ड्राफ्ट प्लान को मंजूरी के लिए मंत्रालय भेजा जा सकता है.

जानकारी के अनुसार दिल्ली का पहला मास्टर प्लान वर्ष 1962 में दिल्ली के योजनाबद्ध विकास के लिए बनाया गया था. इसके बाद वर्ष 1981 और 2001 में मास्टर प्लान बनाया गया. मास्टर प्लान 2041 एक तरह का फ्रेमवर्क है जिसके जरिए शहर का विकास होगा और पूर्व में किए गए कार्यों में सुधार होगा. इसके लिए सलाहकार परिषद का गठन भी किया गया है. इस परिषद की पहली बैठक बीते 26 मार्च को उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी. इसमें दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, टाउन प्लानर, आर्किटेक्चर की जानकारी रखने वाले व्यक्ति, स्वास्थ्य विभाग, वाणिज्य, उद्योग, श्रम आदि के अधिकारी भी शामिल हुए थे.

बुधवार को परिषद की दूसरी बैठक आयोजित

डीडीए के अनुसार बुधवार को इस परिषद की दूसरी बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के 18 सदस्य शामिल हुए. दिल्ली मास्टर प्लान 2041 के ड्राफ्ट के चार भाग में 12 अध्याय हैं. इसमें विरासत, संस्कृति, सार्वजनिक स्थल, आश्रय एवं सामाजिक आधारिक संरचना, ट्रांसपोर्ट एंड मोबिलिटी, फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर (पानी, सॉलि़ड वेस्ट, बिजली, गैस, टेलीकम्युनिकेशन और डिजास्टर मैनेजमेंट) पर चर्चा की गई. बैठक में मौजूद सदस्यों ने डीडीए एवं एनआईयूए द्वारा किये गए प्रयासों की प्रशंसा की. इसके साथ ही उन्होंने कुछ सुझाव भीन दिए जैसे सभी क्षेत्रों में पीपीपी की भूमिका को महत्व देकर सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देना, सांस्कृतिक विरासत की महत्ता को समझना और आर्थिक व्यवहार्यता का पता लगाना है.

इन महत्वपूर्ण विषयों पर भी हुई चर्चा

सदस्यों ने पार्किंग प्रबंधन एवं जाम की समस्या, कामगारों और प्लेटफार्म वर्कर्स के लिए किफायती निर्माण करने तथा सहायक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर बल दिया. इसमें महिलाओ की सुरक्षा भी शामिल है. सी एवं डी अपशिष्ट, कम्पोस्ट/रीसायकल उत्पादों जैसे वेस्ट बाई प्रोडक्ट को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए एक इको सिस्टम का भी निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा प्रस्तावित योजना के वॉल्यूम-2 में डेवलपमेंट फ्रेम वर्क, एक्शन और मॉनिटरिंग फ्रेम वर्क और मास्टरप्लान 2041 विकास संहिता पर आगामी 5 अप्रैल को होने वाली सलाहकार समिति की बैठक में चर्चा होगी.

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