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हज कमिटी के गठन में हो रही देरी, केजरीवाल सरकार पर उठे सवाल - delhi government

दिल्ली हज कमेटी में कमिटी का पुनर्गठन का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है. गौरतलब है कि दो हफ्ते बाद हज की पहली फ्लाइट दिल्ली से रवाना होने को है.

दिल्ली हज कमिटी
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Published : Jun 23, 2019, 9:31 PM IST

Updated : Jun 23, 2019, 11:49 PM IST

नई दिल्ली: हज कमिटी का पुनर्गठन करने को लेकर केजरीवाल सरकार पर आए दिन सवाल उठते रहते हैं. आम आदमी पार्टी खुद को मुस्लिम समुदाय का हिमायती बताती है. जबकि हज कमिटी का कार्यकाल खत्म हुए तीन महीने हो गए हैं लेकिन अभी तक कमिटी का गठन नहीं हो पाया है.

गौरतलब है कि दो हफ्ते बाद हज की पहली फ्लाइट दिल्ली से रवाना होने को है और बिना कमेटी के गठन के ही अधिकारी हज सफर की तैयारियां कर रहे हैं.

कमिटी का पुनर्गठन का कार्य नहीं हुआ पूरा

कमेटी की क्या है भूमिका
दिल्ली हज कमेटी की भूमिका इसलिए अहम मानी जाती है क्योंकि दिल्ली राज्य हज कमेटी केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि 6 अन्य प्रदेशों के लोगों के लिए हज सफर का इंतजाम करती है. दिल्ली से लगभग 23000 लोग हज के लिए प्रस्थान करते हैं, जिसमें लगभग 2500 लोग दिल्लीवासी होते हैं, जिनकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली राज्य हज कमेटी के ऊपर होती है.

कमेटी क्यों है जरूरी
दिल्ली राज्य हज कमेटी में 1 सांसद, 2 विधायक, 1 पार्षद, 1 सामाजिक कार्यकर्ता, 1 इस्लामिक स्कॉलर और सेक्रेट्री होते हैं. हालांकि, सेक्रेट्री को कमिटी में वोट करने का अधिकार नहीं होता है.


हज कमिटी के पास विशेष अधिकार होते हैं जो कि अधिकारी, राज्य और केंद्र सरकार के बीच तालमेल बनाए रखते हैं, जिससे काम सुचारू रूप से चालू रहता है. हालांकि हज कमेटी के ना होने से कहीं ना कहीं संवादहीनता की स्थिति पैदा हो जाती है.

नई दिल्ली: हज कमिटी का पुनर्गठन करने को लेकर केजरीवाल सरकार पर आए दिन सवाल उठते रहते हैं. आम आदमी पार्टी खुद को मुस्लिम समुदाय का हिमायती बताती है. जबकि हज कमिटी का कार्यकाल खत्म हुए तीन महीने हो गए हैं लेकिन अभी तक कमिटी का गठन नहीं हो पाया है.

गौरतलब है कि दो हफ्ते बाद हज की पहली फ्लाइट दिल्ली से रवाना होने को है और बिना कमेटी के गठन के ही अधिकारी हज सफर की तैयारियां कर रहे हैं.

कमिटी का पुनर्गठन का कार्य नहीं हुआ पूरा

कमेटी की क्या है भूमिका
दिल्ली हज कमेटी की भूमिका इसलिए अहम मानी जाती है क्योंकि दिल्ली राज्य हज कमेटी केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि 6 अन्य प्रदेशों के लोगों के लिए हज सफर का इंतजाम करती है. दिल्ली से लगभग 23000 लोग हज के लिए प्रस्थान करते हैं, जिसमें लगभग 2500 लोग दिल्लीवासी होते हैं, जिनकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली राज्य हज कमेटी के ऊपर होती है.

कमेटी क्यों है जरूरी
दिल्ली राज्य हज कमेटी में 1 सांसद, 2 विधायक, 1 पार्षद, 1 सामाजिक कार्यकर्ता, 1 इस्लामिक स्कॉलर और सेक्रेट्री होते हैं. हालांकि, सेक्रेट्री को कमिटी में वोट करने का अधिकार नहीं होता है.


हज कमिटी के पास विशेष अधिकार होते हैं जो कि अधिकारी, राज्य और केंद्र सरकार के बीच तालमेल बनाए रखते हैं, जिससे काम सुचारू रूप से चालू रहता है. हालांकि हज कमेटी के ना होने से कहीं ना कहीं संवादहीनता की स्थिति पैदा हो जाती है.

Intro:16 मार्च 2019 को दिल्ली स्टेट हज कमीटी का कार्यकाल समाप्त हो गया था , आज तीन महीने हो गए हैं, दो हफ्ते बाद हज की पहली फ्लाइट दिल्ली से रवाना होगी, लेकिन दिल्ली सरकार ने अभी तक हज कमिटी का पुनः गठन नही किया है.


Body:आम आदमी पार्टी खुद को मुस्लिम समुदाय का हिमायती बताती है लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली राज्य हज कमेटी का अभी तक गठन नहीं किया है, 16 मार्च 2019 को हज कमेटी का कार्यकाल समाप्त हो गया था, बिना कमेटी के गठन के ही अधिकारी हज सफर की तैयारियां कर रहे हैं.

दिल्ली राज्य हज कमेटी में 1 संसद, 2 विधायक, 1 पार्षद, 1 सामाजिक कार्यकर्ता, 1 इस्लामिक स्कॉलर और सेक्रेट्री होता है, हालांकि सेक्रेट्री को कमिटी में वोट करने का अधिकार नही होता है.

दिल्ली हज कमेटी की भूमिका इसलिए अहम हो जाती है क्योंकि दिल्ली राज्य हज कमेटी केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि 6 अन्य प्रदेशों के लोगों के लिए हज सफर का इंतजाम करती है. दिल्ली से लगभग 23000 लोग हज के लिए प्रस्थान करते हैं, जिसमें लगभग 2500 लोग दिल्लीवासी होते हैं, जिनकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली राज्य हज कमेटी के ऊपर होती है.

हज कमिटी के पास विशेष अधिकार होते हैं जोकि अधिकारियों, राज्य और केंद्र सरकार के बीच तालमेल बनाए रखते है, जिससे काम सुचारू रूप से चालू रहता है, हालांकि हज कमेटी के ना होने से कहीं ना कहीं संवादहीनता की स्तिथि पैदा हो जाती है.

दिल्ली राज्य हज कमेटी का कार्यकाल जब समाप्त हुआ था तब आम आदमी पार्टी के सभी नेता लोकसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त थे, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस समय कमेटी की आवश्यकता पर सरकार का ध्यान नहीं गया.


Conclusion:4 जुलाई को हाजियों की पहली फ्लाइट रवाना होगी, दिल्ली सरकार के पास अभी 2 हफ्ते का वक्त है अगर सरकार चाहे तो इन दो हफ्तों में दिल्ली राज्य हज कमेटी का गठन किया जा सकता है.
Last Updated : Jun 23, 2019, 11:49 PM IST
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