नई दिल्ली: राजधानी में पारा रोज एक नया रिकॉर्ड कायम कर रहा है. जिसका सीधा असर दिल्ली में बिजली की मांग पर पड़ रहा है. इस बार दिल्ली में बिजली की मांग सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ चुकी है.
दिल्ली में पहली बार बिजली की इतनी ज्यादा मांग बढ़ी है. अब इसका आंकड़ा 7241 मेगा वाट तक पहुंच चुका है जो कि दिल्ली के इतिहास में सबसे अधिक है. दिल्ली में रिकॉर्ड की गई बिजली की खपत किसी भी भारतीय शहर से अधिक है.
1 जुलाई 2019 को 15:29 पर दिल्ली में बिजली की खपत 7241 मेगावाट दर्ज की गई. 10 जुलाई 2018 को दिल्ली में बिजली की खपत 7016 मेगावाट दर्ज की गई थी.
बिजली की मांग से 250% अधिक
इस साल गर्मी के दौरान दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 7400 तक पहुंच सकती है, जो कि 2002 में दर्ज की गई बिजली की अधिकतम मांग 2879 मेगावॉट से 250% अधिक है.
बीआरपीएल और बीवाईपीएल ने अपनी संबंधित क्षेत्रों में 3132 मेगावाट और 1629 मेगावाट की अधिकतम बिजली की मांगों को सफलतापूर्वक पूरा किया.
कूलिंग लोड ने बढ़ाई बिजली की मांग
दिल्ली में बिजली लोड वृद्धि का मुख्य कारण कूलिंग लोड है, अनुमान के मुताबिक गर्मियों में दिल्ली की लगभग 50% बिजली की मांग एसी कूलर और पंखों की वजह से होती है.
पिछले 10 वर्षों की दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग
1 जुलाई 2019: 7241 मेगावाट
10 जुलाई 2018: 7016 मेगावाट
6 जून 2017 : 6526 मेगावाट
1 जुलाई 2016: 6261 मेगावाट
19 जून 2015: 5846 मेगावाट
15 जुलाई 2014: 5925 मेगावाट
6 जून 2013: 5653 मेगावाट
5 जुलाई 2012: 5642 मेगावाट
2 अगस्त 2011: 5028 मेगावाट
1 जुलाई 2010: 4720 मेगावाट
8 जुलाई 2009: 4408 मेगावाट
भीषण गर्मी से बचने के लिए एसी, कूलर और पंखों के बढ़ते प्रयोग का असर दिल्ली में बिजली की मांग पर पड़ता दिखाई दे रहा है.