नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के चलते 154 बच्चों की मौत का मामला पूरे देश के लिए चिंता का विषय बन गया था. अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की रिसर्च सामने आई है. इस रिसर्च में डॉक्टरों ने दावा किया है कि ठीक तरह से उपचार ना मिलने और अस्पताल में बेहतर सुविधाओं का ना होना बच्चों की मौत के कारण बना.
'कुपोषण व सुविधाओं का अभाव है असली वजह'
रिपोर्ट में यह कहा गया है कि AES के लक्षणों का परिजनों को रात में मालूम चला था, लेकिन वह पीड़ितों को सुबह अस्पताल लेकर गए जिसके चलते यह बीमारी उनके शरीर में पूरी तरीके से फैल गई. रिसर्च में ये भी सामने आया कि जिन बच्चों की मौत हुई वो कुपोषण के शिकार थे. ऐसे में राज्य के लिए यह बेहद चिंता का विषय है कि अभी भी लोग कुपोषण के शिकार हो रहे हैं.
अस्पताल प्रशासन पर भी उठाए सवाल
एम्स की इस रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि अस्पताल पीड़ितों को इक्विपमेंट समेत दूसरी स्वास्थ्य सुविधा देने में सक्षम नहीं था. इसके बावजूद मरीजों को वहां पर भर्ती कराया गया. एम्स की रिसर्च में यह भी पाया गया है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी रूम में रोजाना 500 से ज्यादा मरीजों को देखा जाता है. वहां इतने मरीजो के लायक न तो उपकरण हैं और न ही डॉक्टर.
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आगामी दिनों में इस तरीके की स्थिति ना बने इसलिए राज्य सरकार और प्रशासन स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सक्रिय हो और उचित कदम उठाए.