ETV Bharat / bihar-polls

डीडीसी चुनाव में 'चाणक्य' बनकर उभरे अनुराग ठाकुर

डीडीसी चुनाव के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अनुराग ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी दी थी. इसे अनुराग ठाकुर ने बखूबी निभाया. जानिए, डीडीसी चुनाव को लेकर अनुराग ठाकुर ने क्या रणनीति तैयार की थी...

Anurag Thakur
अनुराग ठाकुर
author img

By

Published : Dec 23, 2020, 10:02 PM IST

Updated : Dec 23, 2020, 10:22 PM IST

शिमला : अनुराग ठाकुर विगत में भारतीय जनता युवा मोर्चा के मुखिया रहते हुए जम्मू कश्मीर में तिरंगा यात्रा निकल कर सुर्खियों में रह चुके हैं. जम्मू कश्मीर के डीडीसी चुनाव में भाजपा की सफलता का हिमाचल कनेक्शन दिलचस्प है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल के हमीरपुर से सांसद व वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर को डीडीसी चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी दी थी. जाहिर है भाजपा की जीत में हिमाचल का भी अहम रोल माना जाएगा.

खास टीम तैयार की

अनुराग ठाकुर ने चुनाव के लिए खास टीम तैयार की. हर इलाके की परिस्थितियों के अनुसार चुनाव प्रबंधन को अंतिम रूप दिया. कार्यकर्ताओं को अलग-अलग काम बांटे गए. आम जनता को मोदी सरकार की जम्मू कश्मीर के प्रति लगाव की बात बताई गई. सात दशक बाद स्थानीय चुनाव की अहमियत का जिक्र किया गया. खुद अनुराग ठाकुर ने सभी के साथ नियमित संपर्क बनाकर रोजाना के प्रचार का फीडबैक लिया. सीएम जयराम ठाकुर ने भी पूर्व में यहां किए गए काम के अनुभव के आधार पर प्रचार किया और कुछ भावनात्मक मुद्दों को छुआ. ये टीम अनुराग की रणनीति का ही कमाल था कि घाटी में भी 3 सीट के साथ कमल खिला.

सरकार के ऐतिहासिक फैसले को समर्थन

अनुराग ठाकुर के अनुसार डीडीसी चुनाव परिणाम ने यह तय कर दिया है कि जम्मू कश्मीर की जनता ने राज्य को अनुच्छेद 370 और 35A की बेड़ियों से मुक्त किए जाने के केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले को अपना समर्थन दिया है. उल्लेखनीय है कि राज्य से अनुच्छेद 370 और 35A को फिर से वापस लाने के अपने इकलौते एजेंडे के साथ इस महाभारत में कूदे गुपकार गठबंधन को केवल 6.9% वोट मिले हैं. इसमें नेशनल कांफ्रेंस को 67 सीट के साथ 2.82 लाख वोट मिले हैं.

भाजपा पड़ी भारी

महबूबा की पीडीपी को 27 सीट और मात्र 55 हजार वोट मिले हैं. इनकी साथी सहयोगी 5 पार्टियों को 14 सीटें मिलीं हैं और कुल 56.44 हजार वोट मिले हैं. कुल मिलाकर 276 सीटों में से गुपकार गठबंधन को 108 सीटें (39%) मिलीं हैं. यह कुल सीटों का 39% है और उसे कुल वोट 3.95 लाख (6.9%) वोट मिले हैं. कुल 280 सीटों के लिए हुए चुनाव के 276 परिणामों में से बीजेपी को 74 सीटें (27%) और 4.87 लाख (8.54%) वोट मिले हैं लेकिन इसमें यह तथ्य बहुत महत्वपूर्ण है कि बीजेपी कुल 183 सीटों पर ही चुनाव लड़ी थी.

बीजेपी की तुलना में गुपकार गठबंधन ने 53% ज्यादा सीटों (सभी 280) पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में केवल 118 सीटों पर चुनाव लड़ी कांग्रेस को 26 सीट (9.4%) 1.39 लाख (2.5%) वोट मिले हैं. तथ्य यह है कि पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस को कुल 4.77 लाख वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी अकेले ही इन तीनों पर भारी पड़ी है और उसे 4.87 लाख वोट मिले हैं.

ये भी पढ़ें: सरकार के तीन साल: सीएम जयराम बोले, कोविड संकट के बावजूद नहीं रुका विकास

शिमला : अनुराग ठाकुर विगत में भारतीय जनता युवा मोर्चा के मुखिया रहते हुए जम्मू कश्मीर में तिरंगा यात्रा निकल कर सुर्खियों में रह चुके हैं. जम्मू कश्मीर के डीडीसी चुनाव में भाजपा की सफलता का हिमाचल कनेक्शन दिलचस्प है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल के हमीरपुर से सांसद व वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर को डीडीसी चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी दी थी. जाहिर है भाजपा की जीत में हिमाचल का भी अहम रोल माना जाएगा.

खास टीम तैयार की

अनुराग ठाकुर ने चुनाव के लिए खास टीम तैयार की. हर इलाके की परिस्थितियों के अनुसार चुनाव प्रबंधन को अंतिम रूप दिया. कार्यकर्ताओं को अलग-अलग काम बांटे गए. आम जनता को मोदी सरकार की जम्मू कश्मीर के प्रति लगाव की बात बताई गई. सात दशक बाद स्थानीय चुनाव की अहमियत का जिक्र किया गया. खुद अनुराग ठाकुर ने सभी के साथ नियमित संपर्क बनाकर रोजाना के प्रचार का फीडबैक लिया. सीएम जयराम ठाकुर ने भी पूर्व में यहां किए गए काम के अनुभव के आधार पर प्रचार किया और कुछ भावनात्मक मुद्दों को छुआ. ये टीम अनुराग की रणनीति का ही कमाल था कि घाटी में भी 3 सीट के साथ कमल खिला.

सरकार के ऐतिहासिक फैसले को समर्थन

अनुराग ठाकुर के अनुसार डीडीसी चुनाव परिणाम ने यह तय कर दिया है कि जम्मू कश्मीर की जनता ने राज्य को अनुच्छेद 370 और 35A की बेड़ियों से मुक्त किए जाने के केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले को अपना समर्थन दिया है. उल्लेखनीय है कि राज्य से अनुच्छेद 370 और 35A को फिर से वापस लाने के अपने इकलौते एजेंडे के साथ इस महाभारत में कूदे गुपकार गठबंधन को केवल 6.9% वोट मिले हैं. इसमें नेशनल कांफ्रेंस को 67 सीट के साथ 2.82 लाख वोट मिले हैं.

भाजपा पड़ी भारी

महबूबा की पीडीपी को 27 सीट और मात्र 55 हजार वोट मिले हैं. इनकी साथी सहयोगी 5 पार्टियों को 14 सीटें मिलीं हैं और कुल 56.44 हजार वोट मिले हैं. कुल मिलाकर 276 सीटों में से गुपकार गठबंधन को 108 सीटें (39%) मिलीं हैं. यह कुल सीटों का 39% है और उसे कुल वोट 3.95 लाख (6.9%) वोट मिले हैं. कुल 280 सीटों के लिए हुए चुनाव के 276 परिणामों में से बीजेपी को 74 सीटें (27%) और 4.87 लाख (8.54%) वोट मिले हैं लेकिन इसमें यह तथ्य बहुत महत्वपूर्ण है कि बीजेपी कुल 183 सीटों पर ही चुनाव लड़ी थी.

बीजेपी की तुलना में गुपकार गठबंधन ने 53% ज्यादा सीटों (सभी 280) पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में केवल 118 सीटों पर चुनाव लड़ी कांग्रेस को 26 सीट (9.4%) 1.39 लाख (2.5%) वोट मिले हैं. तथ्य यह है कि पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस को कुल 4.77 लाख वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी अकेले ही इन तीनों पर भारी पड़ी है और उसे 4.87 लाख वोट मिले हैं.

ये भी पढ़ें: सरकार के तीन साल: सीएम जयराम बोले, कोविड संकट के बावजूद नहीं रुका विकास

Last Updated : Dec 23, 2020, 10:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.