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Zika virus : कोरोना से आफत कम थी क्या, जो अब जीका वायरस जान लेने आ गया

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Published : Jul 26, 2021, 7:53 PM IST

अभी भारत में कोरोना की टेंशन खत्म नहीं हुई है और अब केरल में जीका वायरस से लोग परेशान हो रहे हैं. मुसीबत के बीच बुरी खबर यह है कि पिछले 15 दिनों में जीका वायरस से संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है. राहत की खबर यह है कि कोरोना के कारण लोगों का घूमना-फिरना बंद है इसलिए इससे सिर्फ केरल ही परेशान है. जानिए जीका के कारण क्या प्रॉब्लम हो रही है.

zika virus
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हैदराबाद : केरल में रविवार को दो और लोगों में जीका वायरस (zika virus) की पुष्टि हुई है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से संक्रमण के कुल 48 मामले हो गए हैं. भारत में यह वायरस दोबारा एक्टिव हुआ है. इससे पहले भारत में पहला आधिकारिक केस 2017 में गुजरात में मिला था. जिसके बाद यह वायरस तमिलनाडु भी पहुंचा. 2018 में इसकी जद में मध्यप्रदेश और राजस्थान भी आ गए. फिलहाल यह केरल तक सीमित है. ड्ब्ल्यूएचओ ने 2016 में इस वायरस के लिए अलर्ट जारी किया था.

74 साल पुराना है जीका वायरस : जीका वायरस नया नहीं है. इसकी हिस्ट्री भी 74 साल पुरानी है. यह भी जानवरों के जरिये इंसान में आया. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, जीका वायरस का सबसे पहला मामला 1947 में युगांडा के बंदरों के अंदर देखा गया. 1952 में युगांडा (Uganda) के कुछ लोग इसकी चपेट में आए. इस देश में ही एक जंगल का नाम जीका है, यहीं यह वायरस पहली बार पहचाना गया, इसलिए इसका नाम जीका वायरस पड़ा. 1960 से लेकर 1980 तक इस वायरस ने दुनिया के दूसरे देशों में भी अपनी पहुंच बना ली. डब्ल्यूएचओ की स्टडी के मुताबिक, यह वायरस पाकिस्तान और इंडोनेशिया के रास्ते एशिया में पहुंचा.

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युगांडा के जीका नाम के जंगल में इस वायरस की पहचान हुई थी. उस जंगल के नाम पर ही जीका वायरस का नाम पड़ा

जीका वायरस से भी डरना जरूरी है

  • यूएस के सेंटर फॉर डिजीज एंड प्रेवेंशन (CDC) के अनुसार, यह वायरस प्रेग्नेंट महिला से उसके कोख में पल रहे बच्चे को भी इनफेक्टेड कर सकता है.
  • डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जीका वायरस यौन संबंध के द्वारा भी फैल सकता है. जिसके कारण जीका वायरस इंफेक्शन का गर्भवती महिलाओं और भ्रूण तक पहुंचने का भी खतरा बन सकता है.
  • एंटी वायरल दवाओं से भले ही बीमारी से राहत मिल जाए, मगर इससे गुलियन-बेरी सिंड्रोम और मायलाइटिस जैसी न्यूरो प्रॉब्लम हो सकती है.
  • इस वायरस के कारण मौत का रेश्यो एक प्रतिशत है. 100 में से एक मरीज के मरने की आशंका बनी रहती है.

एडीज मच्छर हैं जीका वायरस के कैरियर

जीका वायरस का संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छरों के जरिये होता है. इसी प्रजाति के एडीज एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) और एडीज एईजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छर जीका वायरस के फैलाव के लिए जिम्मेदार होते हैं. इसी मच्छर के रिश्तेदार डेंगू, चिकनगुनिया और येलो फीवर भी फैलाते हैं.

जब कोई एडीज मच्छर जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वह भी संक्रमित हो जाता है. इसके बाद वह जितने भी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, उसे भी संक्रमित कर देता है. इसके बाद संक्रमित व्यक्ति जिन इलाकों में जाता है, वहां भी इसके फैलने की आशंका बनी रहती है. एडीज मच्छर दिन और शाम के समय ही काटता है. यह अक्सर कान के नीचे, बॉडी जॉइंट्स पर हमले करता है.

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किसी भी वायरस से बचने के लिए सावधानी जरूरी है..

जीका वायरस के लक्षण : आम तौर पर इस वायरस के संक्रमित मरीज की पहचान नहीं हो पाती है, क्योंकि इसके लक्षण वायरल बुखार जैसे ही हैं. जैसे हल्का बुखार, बॉडी में रैशेज, आंख में जलन, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और बेचैनी होना, आदि. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सलाह है कि ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर ऐसे लक्षण मिलने पर तत्काल जांच होनी चाहिए. ब्लड और यूरीन टेस्ट के बाद इसकी पुष्टि होती है. जीका वायरस के संपर्क में आने 3 से 14 दिन के भीतर मरीज के लक्षण दिखने लगते हैं.

इस जीका वायरस से बचने के लिए क्या करें

  • प्रभावित क्षेत्र में यात्रा करने से बचें. डब्ल्यूएचओ गर्भवती महिलाओं को जीका प्रभावित क्षेत्र में नहीं जाने की सलाह देता है.
  • जीका वायरस सेक्स के जरिये भी संक्रमण करता है, इसलिए संक्रमित इलाके से आने वाले लोगों को कंडोम का उपयोग करना चाहिए, महिलाएं गर्भनिरोध के अन्य तरीकों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं
  • इसके अलावा घर में वह सारे उपाय करें, जो आप डेंगू-मलेरिया से बचने के लिए करते हैं. पूरी बाजू और पैरों को ढंकते हुए कपड़े पहनें. घरों में मच्छरों को मारने का इंतजाम करें.
  • अपने आसपास साफ-सफाई रखें. किसी भी खाली बर्तन या जगह पर बारिश का पानी इकट्ठा ना होने दें. अपने कूलर, पानी की टंकी, पौधों आदि को समय-समय पर साफ करें.
  • सुगंधित कॉस्मेटिक का उपयोग नहीं करें. खासकर ऐसे खुशबू वाले चीजों को खुद से दूर रखें, जिस कारण कीड़े-मकोड़े आकर्षित होते हैं

अंत में काम की बात - अगर कोई जीका वायरस से प्रभावित इलाके से आया है और उसमें बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द जैसे शुरुआती लक्षण हैं तो वह कम से कम 14 दिनों तक क्वारंटीन रहे. साथ ही ऐसे उपाय करे, जिससे उसे मच्छर नहीं काटे. मॉस्क्विटो नेट, फुल बाजू के कपड़े पहने. उसके संपर्क में आने वाले लोग भी ऐसे ही परहेज करें. एक बात और, कभी भी लक्षण दिखने पर खुद से इलाज शुरू नहीं करें. शक के आधार पर दवा नहीं खाएं. डॉक्टर के परामर्श के बाद भी एंटी वायरल दवा का उपयोग करें. जिनमें दिल या किडनी संबंधित गंभीर प्रॉब्लम है, वह तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. वरना आंकड़े बताते हैं कि जीका वायरस के कारण 1 पर्सेंट मौतें होती हैं.

हैदराबाद : केरल में रविवार को दो और लोगों में जीका वायरस (zika virus) की पुष्टि हुई है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से संक्रमण के कुल 48 मामले हो गए हैं. भारत में यह वायरस दोबारा एक्टिव हुआ है. इससे पहले भारत में पहला आधिकारिक केस 2017 में गुजरात में मिला था. जिसके बाद यह वायरस तमिलनाडु भी पहुंचा. 2018 में इसकी जद में मध्यप्रदेश और राजस्थान भी आ गए. फिलहाल यह केरल तक सीमित है. ड्ब्ल्यूएचओ ने 2016 में इस वायरस के लिए अलर्ट जारी किया था.

74 साल पुराना है जीका वायरस : जीका वायरस नया नहीं है. इसकी हिस्ट्री भी 74 साल पुरानी है. यह भी जानवरों के जरिये इंसान में आया. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, जीका वायरस का सबसे पहला मामला 1947 में युगांडा के बंदरों के अंदर देखा गया. 1952 में युगांडा (Uganda) के कुछ लोग इसकी चपेट में आए. इस देश में ही एक जंगल का नाम जीका है, यहीं यह वायरस पहली बार पहचाना गया, इसलिए इसका नाम जीका वायरस पड़ा. 1960 से लेकर 1980 तक इस वायरस ने दुनिया के दूसरे देशों में भी अपनी पहुंच बना ली. डब्ल्यूएचओ की स्टडी के मुताबिक, यह वायरस पाकिस्तान और इंडोनेशिया के रास्ते एशिया में पहुंचा.

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युगांडा के जीका नाम के जंगल में इस वायरस की पहचान हुई थी. उस जंगल के नाम पर ही जीका वायरस का नाम पड़ा

जीका वायरस से भी डरना जरूरी है

  • यूएस के सेंटर फॉर डिजीज एंड प्रेवेंशन (CDC) के अनुसार, यह वायरस प्रेग्नेंट महिला से उसके कोख में पल रहे बच्चे को भी इनफेक्टेड कर सकता है.
  • डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जीका वायरस यौन संबंध के द्वारा भी फैल सकता है. जिसके कारण जीका वायरस इंफेक्शन का गर्भवती महिलाओं और भ्रूण तक पहुंचने का भी खतरा बन सकता है.
  • एंटी वायरल दवाओं से भले ही बीमारी से राहत मिल जाए, मगर इससे गुलियन-बेरी सिंड्रोम और मायलाइटिस जैसी न्यूरो प्रॉब्लम हो सकती है.
  • इस वायरस के कारण मौत का रेश्यो एक प्रतिशत है. 100 में से एक मरीज के मरने की आशंका बनी रहती है.

एडीज मच्छर हैं जीका वायरस के कैरियर

जीका वायरस का संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छरों के जरिये होता है. इसी प्रजाति के एडीज एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) और एडीज एईजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छर जीका वायरस के फैलाव के लिए जिम्मेदार होते हैं. इसी मच्छर के रिश्तेदार डेंगू, चिकनगुनिया और येलो फीवर भी फैलाते हैं.

जब कोई एडीज मच्छर जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वह भी संक्रमित हो जाता है. इसके बाद वह जितने भी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, उसे भी संक्रमित कर देता है. इसके बाद संक्रमित व्यक्ति जिन इलाकों में जाता है, वहां भी इसके फैलने की आशंका बनी रहती है. एडीज मच्छर दिन और शाम के समय ही काटता है. यह अक्सर कान के नीचे, बॉडी जॉइंट्स पर हमले करता है.

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किसी भी वायरस से बचने के लिए सावधानी जरूरी है..

जीका वायरस के लक्षण : आम तौर पर इस वायरस के संक्रमित मरीज की पहचान नहीं हो पाती है, क्योंकि इसके लक्षण वायरल बुखार जैसे ही हैं. जैसे हल्का बुखार, बॉडी में रैशेज, आंख में जलन, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और बेचैनी होना, आदि. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सलाह है कि ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर ऐसे लक्षण मिलने पर तत्काल जांच होनी चाहिए. ब्लड और यूरीन टेस्ट के बाद इसकी पुष्टि होती है. जीका वायरस के संपर्क में आने 3 से 14 दिन के भीतर मरीज के लक्षण दिखने लगते हैं.

इस जीका वायरस से बचने के लिए क्या करें

  • प्रभावित क्षेत्र में यात्रा करने से बचें. डब्ल्यूएचओ गर्भवती महिलाओं को जीका प्रभावित क्षेत्र में नहीं जाने की सलाह देता है.
  • जीका वायरस सेक्स के जरिये भी संक्रमण करता है, इसलिए संक्रमित इलाके से आने वाले लोगों को कंडोम का उपयोग करना चाहिए, महिलाएं गर्भनिरोध के अन्य तरीकों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं
  • इसके अलावा घर में वह सारे उपाय करें, जो आप डेंगू-मलेरिया से बचने के लिए करते हैं. पूरी बाजू और पैरों को ढंकते हुए कपड़े पहनें. घरों में मच्छरों को मारने का इंतजाम करें.
  • अपने आसपास साफ-सफाई रखें. किसी भी खाली बर्तन या जगह पर बारिश का पानी इकट्ठा ना होने दें. अपने कूलर, पानी की टंकी, पौधों आदि को समय-समय पर साफ करें.
  • सुगंधित कॉस्मेटिक का उपयोग नहीं करें. खासकर ऐसे खुशबू वाले चीजों को खुद से दूर रखें, जिस कारण कीड़े-मकोड़े आकर्षित होते हैं

अंत में काम की बात - अगर कोई जीका वायरस से प्रभावित इलाके से आया है और उसमें बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द जैसे शुरुआती लक्षण हैं तो वह कम से कम 14 दिनों तक क्वारंटीन रहे. साथ ही ऐसे उपाय करे, जिससे उसे मच्छर नहीं काटे. मॉस्क्विटो नेट, फुल बाजू के कपड़े पहने. उसके संपर्क में आने वाले लोग भी ऐसे ही परहेज करें. एक बात और, कभी भी लक्षण दिखने पर खुद से इलाज शुरू नहीं करें. शक के आधार पर दवा नहीं खाएं. डॉक्टर के परामर्श के बाद भी एंटी वायरल दवा का उपयोग करें. जिनमें दिल या किडनी संबंधित गंभीर प्रॉब्लम है, वह तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. वरना आंकड़े बताते हैं कि जीका वायरस के कारण 1 पर्सेंट मौतें होती हैं.

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