देहरादून: ऑनलाइन गेमिंग एप इन दिनों काफी चर्चाओं में हैं. वर्तमान समय में कुछ असमाजिक तत्व धर्मांतरण के मंसूबों को पूरा करने के लिए युवाओं को टारगेट कर रहे हैं. इससे पहले भी मोबाइल गेमिंग एप बच्चों के ब्रेनवॉश और अपराध के प्रति प्रेरित करने के लिए चर्चाओं में रहे हैं. इससे जुड़े तमाम मामले भी तब सामने आए थे. वहीं, अब ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए युवाओं का ब्रेनवॉश और धर्मांतरण की कोशिश की जा रही है, जो आने वाले समय में काफी खतरनाक रूप ले सकता है.
ऑनलाइन गेमिंग से ब्रेनवॉश: देश में ऑनलाइन गेमिंग के जरिए धर्मांतरण का मामला सबसे पहले उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से सामने आया. पुलिस की जांच का दायरा जैसे-जैसे इसमें आगे बढ़ता गया इसके तार उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों तक पहुंच गये. उत्तराखंड में भी ऑनलाइन गेमिंग का एक मामला सामने आया. ये मामला देहरादून के डोईवाला से सामने आया. यहां का एक युवा ऑनलाइन गेमिंग में सक्रिय था, जिसके कुछ समय बाद वो अचानक पांच वक्त की नमाज पढ़ने लगा.
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डोईवाला केस में भी ऑनलाइन गेमिंग का कनेक्शन: जब पुलिस ने इस मामले की जांच की तो पता कि ऑनलाइन गेमिंग के जरिए ही इस युवा को नमाज पढ़ने की सीख मिली. गनीमत ये रही कि मामला बढ़ने से पहले ही युवक के परिजनों को इसका अंदेशा हो गया और परिजनों ने ही पुलिस को इसकी सूचना दी. जिसके बाद ये सारा मामला खुला. पुलिस की जांच में कई तथ्य भी सामने आए, जिससे पता चलता है कि ऑनलाइन गेमिंग के जरिए ना सिर्फ युवाओं का ब्रेनवाश किया जा रहा है बल्कि ऑनलाइन गेमिंग को एक बड़ा जरिया बनाकर कम उम्र के युवाओं को टारगेट किया जा रहा है, ताकि उनका धर्मांतरण किया जा सके.
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ऑनलाइन गेमिंग हमेशा से ही खतरनाक साबित हुई है. अगर कुछ साल पहले की बात करें तो ऑनलाइन गेमिंग के जरिए तमाम युवा अपराध की राह पर निकल पड़े थे. ऐसे तमाम मामले ना सिर्फ उत्तराखंड बल्कि देश के कई राज्यों में देखे गए. जिसके बाद भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद तमाम ऐसे ऑनलाइन गेम्स को बंद करा दिया गया. उसके विकल्प में शुरू हुए तमाम ऑनलाइन गेम्स के जरिए अब नया एजेंडा शुरू होता दिखाई दे रहा है. हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई है यह तो वक्त ही बताएगा.
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पुलिस ने बढ़ाई सोशल मीडिया मॉनिटरिंग: इस पूरे मामले पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने बताया कि पुलिस प्रशासन को सतर्क करने के साथ ही सोशल मीडिया टीम भी मॉनिटरिंग कर रही है. हालांकि, उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अभी तक ऑनलाइन गेमिंग के जरिए धर्मांतरण का मामला नहीं आया है लेकिन डोईवाला केस ब्रेनवॉश की तरफ इशारा करता है. एडीजी ने कहा कि पुलिस सोशल मीडिया मॉनिटरिंग कर रही है. साथ ही साइबर स्पेस में भी ऐसी कार्रवाई की जा रही है कि जो कानून विधिक होगी. इसके अलावा जहां ऐसे किसी मामले की जानकारी मिलती है तो स्वतः संज्ञान लेकर भी कार्रवाई की जाती है. उन्होंने कहा ऐसे में सभी लोगों और परिजनों को भी जागरूक होने की जरूरत है. सभी को अपने बच्चों की एक्टिविटी पर ध्यान देने की जरूरत है.
जानें डोईवाला केस: बता दें कि, देहरादून के डोईवाला में हिंदू युवक के नमाज पढ़ने के मामला ने काफी अधिक तूल पकड़ा था. हालांकि, इस केस में अभी तक धर्मांतरण का मामला सामने नहीं आया, लेकिन बंद कमरे में पांचों टाइम का नमाज पढ़ने की बात जरूर सामने आई. युवक खुद को मुस्लिम भी बताने लगा था. इसकी शिकायत खुद परिजनों ने पुलिस को दी थी.
ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से देहरादून में ब्रेनवॉश का मामला सामने आने पर सीएम धामी ने कहा था कि ये एक बड़ी साजिश और सोची समझी रणनीति है, जिसके तहत ऐसा हुआ है. अब उत्तराखंड में सभी लोग जागरूक हुए हैं. सरकार भी इस पर सख्ती से काम करेगी. सीएम धामी ने कहा है कि ऐसी गतिविधियों को आगे बढ़ने नहीं दिया जाएगा.