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20 साल की प्रिया कोरोना संक्रमित के शव को वाहन से ले जाने के साथ अंतिम संस्कार में करती हैं मदद

कोरोना महामारी (corona pandemic) के बीच 20 साल की प्रिया न केवल शव वाहन में ड्राइवर की भूमिका निभा रहीं हैं बल्कि कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में भी मदद करती हैं. वे बीएससी की छात्रा हैं और अभी पहला साल पूरा कर लिया है.

प्रिया
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Published : Jun 17, 2021, 10:59 PM IST

कोल्हापुर : कोरोना महामारी (corona pandemic) के इस दौर में एक युवती न केवल शव वाहन (hearse) को चलाने का काम कर रही है, बल्कि वह कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में भी मदद कर रही है.

कोल्हापुर के कदमवाड़ी के एक साधारण परिवार की प्रिया पाटिल (20 साल) पिछले एक सप्ताह से शव वाहन के ड्राइवर का काम कर रही हैं. प्रिया यह जिम्मेदारी सिर्फ एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर ली निभा रहीं हैं.

20 साल की प्रिया कोरोना संक्रमित के शव को वाहन से ले जाने के साथ अंतिम संस्कार में करती हैं मदद

प्रिया ने कहा कि वह अभी तक कई कोरोना संक्रमित शवों को श्मसान या कब्रिस्तान तक पहुंचाने के साथ उनके अंतिम संस्कार में सहयोग करती हैं. उसने कहा कि यह सब तभी संभव होगा जब हम भी समाज के लिए प्रेरणा से आगे आएंगे.

हालांकि प्रिया पाटिल कोल्हापुर के विवेकानंद कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई कर रही हैं. उनका अभी पहला साल पूरा हुआ है, लेकिन उन्होंने कोल्हापुर समेत महाराष्ट्र और देश में अपनी पहचान बना ली है.

पढ़ें - इंग्लैंड में डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के मामले 11 दिन में हुए दुगने : अध्ययन

प्रिया के मुताबिक कोरोना की वजह से कई कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार नहीं हो सका था. इतना ही नहीं प्रिया के दोस्त की कोरोना से मौत हो जाने के बाद उनके शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका था. तभी प्रिया ने अपने परिवार से कह दिया था कि उन्हें भी आगे आकर समाज के लिए कुछ करना चाहिए.

इसी के चलते प्रिया ने खुद ही शव वाहन में ड्राइवर बनने का फैसला किया, इस पर उनके परिवारवालों ने बिना किसी हिचक के अपनी सहमति दे दी. वह पिछले एक सप्ताह से कोल्हापुर के छत्रपति प्रमिला राजे अस्पताल में यह सेवा प्रदान कर रही हैं.

कोल्हापुर स्थित भवानी फाउंडेशन के 'हर्शल सुर्वे' और 'बालाजी कलेक्शन' ने इस शव वाहन को सीपीआर अस्पताल को दान में दिया था. इसी बीच प्रिया पाटिल ने गाड़ी चालक के तौर पर काम करने की इच्छा को लेकर नगर निगम में आवेदन किया था.

तभी नगर निगम को भवानी फाउंडेशन के शव वाहन के बारे में पता चला, तो अधिकारियों ने फाउंडेशन के हर्षल सुर्वे से संपर्क किया और उन्हें प्रिया के बारे में बताया.

यह सुनकर वह थोड़ा चौंक गए कि 20 वर्षीय लड़की ड्राइवर के रूप में काम करेगी, लेकिन मजबूत दिल की प्रिया ने काम शुरू करने के साथ समाजसेवा का शुभारंभ कर दिया.

कोल्हापुर : कोरोना महामारी (corona pandemic) के इस दौर में एक युवती न केवल शव वाहन (hearse) को चलाने का काम कर रही है, बल्कि वह कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में भी मदद कर रही है.

कोल्हापुर के कदमवाड़ी के एक साधारण परिवार की प्रिया पाटिल (20 साल) पिछले एक सप्ताह से शव वाहन के ड्राइवर का काम कर रही हैं. प्रिया यह जिम्मेदारी सिर्फ एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर ली निभा रहीं हैं.

20 साल की प्रिया कोरोना संक्रमित के शव को वाहन से ले जाने के साथ अंतिम संस्कार में करती हैं मदद

प्रिया ने कहा कि वह अभी तक कई कोरोना संक्रमित शवों को श्मसान या कब्रिस्तान तक पहुंचाने के साथ उनके अंतिम संस्कार में सहयोग करती हैं. उसने कहा कि यह सब तभी संभव होगा जब हम भी समाज के लिए प्रेरणा से आगे आएंगे.

हालांकि प्रिया पाटिल कोल्हापुर के विवेकानंद कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई कर रही हैं. उनका अभी पहला साल पूरा हुआ है, लेकिन उन्होंने कोल्हापुर समेत महाराष्ट्र और देश में अपनी पहचान बना ली है.

पढ़ें - इंग्लैंड में डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के मामले 11 दिन में हुए दुगने : अध्ययन

प्रिया के मुताबिक कोरोना की वजह से कई कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार नहीं हो सका था. इतना ही नहीं प्रिया के दोस्त की कोरोना से मौत हो जाने के बाद उनके शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका था. तभी प्रिया ने अपने परिवार से कह दिया था कि उन्हें भी आगे आकर समाज के लिए कुछ करना चाहिए.

इसी के चलते प्रिया ने खुद ही शव वाहन में ड्राइवर बनने का फैसला किया, इस पर उनके परिवारवालों ने बिना किसी हिचक के अपनी सहमति दे दी. वह पिछले एक सप्ताह से कोल्हापुर के छत्रपति प्रमिला राजे अस्पताल में यह सेवा प्रदान कर रही हैं.

कोल्हापुर स्थित भवानी फाउंडेशन के 'हर्शल सुर्वे' और 'बालाजी कलेक्शन' ने इस शव वाहन को सीपीआर अस्पताल को दान में दिया था. इसी बीच प्रिया पाटिल ने गाड़ी चालक के तौर पर काम करने की इच्छा को लेकर नगर निगम में आवेदन किया था.

तभी नगर निगम को भवानी फाउंडेशन के शव वाहन के बारे में पता चला, तो अधिकारियों ने फाउंडेशन के हर्षल सुर्वे से संपर्क किया और उन्हें प्रिया के बारे में बताया.

यह सुनकर वह थोड़ा चौंक गए कि 20 वर्षीय लड़की ड्राइवर के रूप में काम करेगी, लेकिन मजबूत दिल की प्रिया ने काम शुरू करने के साथ समाजसेवा का शुभारंभ कर दिया.

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