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जम्मू कश्मीर में नशे की आदी हो रही है युवा पीढ़ी : फारूक अब्दुल्ला - President of the National Conferenc

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष (President of the National Conference) और सदस्य डॉ फारूक अब्दुल्ला (Dr Farooq Abdullah) ने कहा कि कश्मीर घाटी में युवा पीढ़ी (young generation in the Kashmir Valley) नशे की आदी हो रही है.

फारूक अब्दुल्ला
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Published : Sep 29, 2021, 5:54 PM IST

श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष (President of the National Conference) और सदस्य डॉ फारूक अब्दुल्ला (Dr Farooq Abdullah) ने कहा कि कश्मीर घाटी में युवा पीढ़ी (young generation in the Kashmir Valley) नशे की आदी हो रही है, जबकि युवा लड़के और लड़कियों में आत्महत्या की प्रवृत्ति एक बड़ी समस्या बनती जा रही है.

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष ने आगे कहा कि पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन (climate change) एक महत्वपूर्ण मोड़ ले रहा है.दूसरी ओर कश्मीरी समाज में नशीली दवाओं की लत और आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं एक खतरा बनती जा रही हैं, जिसे अगर समय पर नियंत्रित नहीं किया गया, तो भविष्य में इन्हें रोकना न केवल मुश्किल बल्कि असंभव हो जाएगा.

फारूक अब्दुल्ला काबयान

जम्मू-कश्मीर ग्रामीण विकास सोसायटी (Jammu and Kashmir Rural Development Society) द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान बोलते हुए यह बात डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जहां बेमौसम बारिश, तूफान और अन्य तरह के जलवायु परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं, वहीं कश्मीर घाटी के जल संसाधन भी सिकुड़ते जा रहे हैं. यह मानव अस्तित्व ( human survival) के लिए चुनौती बनकर उभर रहा है.

इस स्थिति से निपटने के लिए हमें मानवीय हस्तक्षेप को कम करके पर्यावरण को बचाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.

पढ़ें - त्राल जाने से रोकने के लिए मुझे 'फिर से नजरबंद' किया : महबूबा मुफ्ती

इस दौरान उन्होंने इस्लामी शिक्षाओं (Stressing on Islamic teachings) पर जोर देते हुए कहा कि कश्मीर घाटी के जो युवा बुरी आदतों में फंसे हैं, उन्हें केवल नमाज और इस्लामी शिक्षाओं से बचाया जा सकता है, जिसके लिए इस्लामी विद्वानों, मस्जिदों के इमामों, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं को आगे आना चाहिए, ताकि इसे रोका जा सके.

श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष (President of the National Conference) और सदस्य डॉ फारूक अब्दुल्ला (Dr Farooq Abdullah) ने कहा कि कश्मीर घाटी में युवा पीढ़ी (young generation in the Kashmir Valley) नशे की आदी हो रही है, जबकि युवा लड़के और लड़कियों में आत्महत्या की प्रवृत्ति एक बड़ी समस्या बनती जा रही है.

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष ने आगे कहा कि पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन (climate change) एक महत्वपूर्ण मोड़ ले रहा है.दूसरी ओर कश्मीरी समाज में नशीली दवाओं की लत और आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं एक खतरा बनती जा रही हैं, जिसे अगर समय पर नियंत्रित नहीं किया गया, तो भविष्य में इन्हें रोकना न केवल मुश्किल बल्कि असंभव हो जाएगा.

फारूक अब्दुल्ला काबयान

जम्मू-कश्मीर ग्रामीण विकास सोसायटी (Jammu and Kashmir Rural Development Society) द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान बोलते हुए यह बात डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जहां बेमौसम बारिश, तूफान और अन्य तरह के जलवायु परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं, वहीं कश्मीर घाटी के जल संसाधन भी सिकुड़ते जा रहे हैं. यह मानव अस्तित्व ( human survival) के लिए चुनौती बनकर उभर रहा है.

इस स्थिति से निपटने के लिए हमें मानवीय हस्तक्षेप को कम करके पर्यावरण को बचाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.

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इस दौरान उन्होंने इस्लामी शिक्षाओं (Stressing on Islamic teachings) पर जोर देते हुए कहा कि कश्मीर घाटी के जो युवा बुरी आदतों में फंसे हैं, उन्हें केवल नमाज और इस्लामी शिक्षाओं से बचाया जा सकता है, जिसके लिए इस्लामी विद्वानों, मस्जिदों के इमामों, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं को आगे आना चाहिए, ताकि इसे रोका जा सके.

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