नई दिल्ली: हिंदू, हिंदुत्व, राम मंदिर, धारा 370 और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों की वजह से विरोधी दल हमेशा से भाजपा को मुस्लिम विरोधी दल बता कर निशाना साधते रहे हैं. इसी छवि की वजह से भाजपा कभी यह उम्मीद भी नहीं करती थी कि मुस्लिम समुदाय उन्हें वोट भी कर सकता है.
हालांकि, इस बार भाजपा खुल कर मुस्लिम वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रही है और मुस्लिम समुदाय का समर्थन हासिल करने का दावा भी कर रही है. पार्टी किस तरह से अपने नेताओं की छवि बदलने का प्रयास कर रही है और इस अभियान में उन्हें कितनी कामयाबी मिलने की उम्मीद है, इन तमाम मुद्दों पर मुस्लिमों को भाजपा के साथ जोड़ने के मिशन में लगे भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी से प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
सवाल - आप लगातार यह दावा कर रहे हैं कि मुस्लिम मतदाता भी भाजपा के साथ जुड़ रहा है लेकिन आपके विरोधी लगातार आपके नेताओं की छवि को लेकर आपको मुस्लिम विरोधी कहते आए हैं. आम तौर पर यह कहा भी जाता है कि मुस्लिम वोटर भाजपा को वोट नहीं कर सकता, तो इस बार ऐसा क्या बदल गया जो आप मुस्लिम वोट भी हासिल करने का दावा कर रहे हैं.
जवाब- जिस तरह की गलतफहमी बनाई गई थी , उसका सच अब मुसलमान जानने लगा है. जिस भगवा से अब तक मुसलमानों को डराया जाता था, उस भगवा के बारे में भी मुसलमान अब जान गया है कि यह हमारा चिश्तिया कलर है. जिन योगी आदित्यनाथ को लेकर मुसलमानों को डराया जाता था, उनके कामकाज को देखकर मुसलमानों को भी अब समझ आ गया है कि ये तो हमारे लिए फरिश्ता है, हमारे लिए काम कर रहा है.
कोरोना काल में हमारी मदद की, गुंडाराज को खत्म किया, मुसलमानों के जमीन पर कब्जा करने वाले आजम खान जैसे बाहुबली को अंदर किया. इससे मुसलमान खुश हैं. जिन मोदी के नाम को लेकर डराया जाता थ , उनके बारे में अब देश का मुसलमान यह जान गया है कि ये देश ही नहीं दुनिया भर में हमारा नाम कर रहे हैं. वास्तव में जिस छवि को लेकर बार-बार आरोप लगाया जाता रहा है वो तो बहुत पहले ही समाप्त हो गया है. अंधेरा छंट गया, सूरज निकल गया और लोगों ने उजाले में देख लिया कि सच क्या है ? कौन, कैसा है ?
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सवाल - लेकिन जो मुस्लिम समाज आमतौर पर अब तक भाजपा को हराने के लिए ही वोट करता आया है, वो इस बार आपके पक्ष में वोट क्यों करेगा ?
जवाब- अब देश का मुस्लिम समाज भी विकास के रास्ते पर चलना चाहता है. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुसलमानों के विकास के लिए काफी काम किए हैं. कोरोना काल में भी लोगों की जमकर मदद की है. 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन दिया गया, उसमें यह नहीं देखा गया कि यह मुसलमानों के घरों में क्यों जा रहा है. किसी भी योजना में मुसलमानों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया बल्कि सच्चाई तो यह है कि भाजपा सरकार की तमाम योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ मुस्लिम समाज को ही हुआ है. हमारी सरकारों के कामकाज को मुस्लिम समाज देख रहा है. लोगों ने आजमा कर हमारे बारे में फैलाए गए भ्रम को दूर कर लिया है और मुस्लिमों की समझ में आ गया है कि भारतीय जनता पार्टी ही उनका उद्धार और उत्थान कर सकती है, इसलिए बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं, काम कर रहे हैं.
सवाल - पिछले कुछ दिनों से हिंदू और हिंदुत्व को लेकर लगातार कांग्रेस नेताओं के बयान आ रहे हैं. यह कहा जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय का समर्थन हासिल करने के लिए ही कांग्रेस इन मुद्दों के सहारे भाजपा पर हमला कर रही है. कांग्रेस की इस नीति को लेकर आपका क्या कहना है ?
जवाब - कांग्रेस एक कंफ्यूज राजनीतिक दल है. ये अधर्मी लोग हैं जो वोट के लिए धर्म बदलते रहते हैं. इस्लाम में कहा गया है कि किसी भी धर्म के बारे में बुरा नहीं बोलना चाहिए. मुसलमान तो भगवान श्रीराम को इमाम ए हिन्द कहता है. भारत का बच्चा-बच्चा भगवान श्रीराम का आदर करता है और उनके अनादर को मुसलमान कभी भी पसंद नहीं करेगा. हकीकत में, ये वोट के लालच में कुछ भी कर सकते हैं. ये वोट के सौदागर हैं. ये कभी टोपी पहनते हैं, कभी जनेऊ डालते हैं, कभी क्रास पहनते हैं. इनको सिर्फ वोट चाहिए. अब जनता यह समझ गई है कि वोट के इन सौदागरों का कोई धर्म नहीं है और न ही ये हमारे काम के हैं. ये तो आगे भी इसी तरह का बयान देते रहेंगे.
सवाल - आपके विरोधियों की भी एक छवि रही है. मुलायम सिंह यादव को तो मुसलमानों का मसीहा बताया जाता रहा है. आज भी समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव मुस्लिम समाज को अपना स्वाभाविक और सबसे भरोसेमंद वोट बैंक मानते हैं. ऐसे में आप सपा से मुस्लिम समाज को कैसे अलग कर पाएंगे ?
जवाब - मुलायम सिंह यादव ने अपने जमाने में सिर्फ वोट के लालच में टोपी पहनी, हाजी रुमाल डाला, खुद को मुल्ला मुलायम कहलवाने में गर्व महसूस किया लेकिन उन्होने मुसलमानों के लिए एक भी काम नहीं किया. सिर्फ वोट लिया, इफ्तार दिया, खजूर खिलाया, बिरयानी खिलाई और भूल गए. मुसलमानों का वोट लेकर सरकार बनाने वाले अखिलेश यादव ने इस समाज की बेहतरी के लिए एक भी ठोस काम नहीं किया. सपा सरकार के दौर में सिर्फ यादवों का ही ध्यान रखा गया जबकि मुसलमानों ने उन्हे बड़ी तादाद में वोट किया था. ये लोग अब समाप्ति की ओर हैं. मुसलमानों को अब काम चाहिए , विकास चाहिए. यह जो नई पीढ़ी आई है, उसे धर्म के साथ-साथ रोजगार भी चाहिए ताकि वो गरीबी से बाहर आ सके, आर्थिक रूप से मजबूत हो सके और यह व्यवस्था भाजपा कर रही है. अब मुसलमान किसी का वोट बैंक नहीं रहा है. अब मुसलमान पहचान कर, टटोल कर, ठोक-बजाकर काम के आधार पर ही वोट करेगा और इस पैमाने पर भाजपा सबसे आगे है.
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सवाल - जिस तरह के आरोप आप सपा और अन्य दलों पर लगा रहे हैं, उसी तरह के आरोपों की लिस्ट के साथ ओवैसी साहब भी मुस्लिम समुदाय से वोट मांग रहे हैं.
जवाब- ओवैसी पहले तेलंगाना और हैदराबाद में तो मुसलमानों की मदद कर दें. आज भी वहां मुसलमानों की जगहों पर, वफ्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा है. भाजपा उनके गढ़ में ही लगातार मजबूत हो रही है और हाल ही में हम उनके इलाके में उपचुनाव जीत कर आए हैं. जो अपना घर न बचा सके, अपने घर के लोगों को न्याय न दे सके वो बाहर क्या करेगा. शुरूआत में कुछ जगहों पर उन्हे कामयाबी जरूर मिली लेकिन बाद में लोगों को यह पता लग गया कि यह तो जिन्ना का दूसरा रूप है. देश के मुसलमानों को यह समझ आ गया कि अगर ओवैसी को मजबूत करेंगे तो यह शख्स जिन्ना की तरह फिर से देश को बांट देगा और अब देश का मुसलमान इस देश को बांटना नहीं चाहता है.
सवाल - लेकिन अखिलेश यादव तो ओवैसी साहब को भाजपा की बी टीम बताते हैं..
जवाब- कहने को तो लोग कुछ भी कह देंगे लेकिन मेरा यह मानना है उत्तर प्रदेश में ओवैसी के लिए कोई जगह नहीं है. यूपी का मुसलमान बहुत समझदार है और उसे समझ आ गया है कि उसका भला कौन कर सकता है. इसलिए विरोधी कहीं खड़े नहीं हो पा रहे हैं. आज कांग्रेस के लिए कोई जगह नहीं बची है, समाजवादी पार्टी समाप्ति की ओर है और बहुजन समाज पार्टी समाप्त हो चुकी है तो ओवैसी जैसे लोग क्या करेंगे वहां पर.
सवाल - भाजपा की तैयारी की बात की जाए तो आप लोग मुस्लिम मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने के लिए क्या कर रहे हैं ?
जवाब - उत्तर प्रदेश की बात करें तो 2017 विधान सभा चुनाव में 35-40 सीटें हम 5 हजार और इससे कम वोट के अंतर से हारे थे. इस बार हम इन सीटों पर खास फोकस कर रहे हैं. प्रदेश में 6,500 के लगभग बूथ ऐसे हैं जहां पिछड़े मुस्लिम ज्यादा रहते हैं. हम लोग बढ़ई, लोहार, नाई , धोबी और जुलाहे समेत मुस्लिम समाज के इन पिछड़े ( पसमांदा ) तबकों के लोगों के साथ टिफिन बैठक और अन्य कई तरह के कार्यक्रम कर सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश की हर विधानसभा में हम कम से कम 5 हजार मुसलमानों का वोट हासिल करने के लक्ष्य को लेकर भी काम कर रहे हैं और इसके लिए हर विधान सभा में 100 ऐसे लोगों का चयन किया जा रहा है जो सक्रिय तौर पर फिलहाल पार्टी के साथ नहीं जुड़े हैं. हमें भरोसा ही नहीं पूरा यकीन है कि मुस्लिम समाज भाजपा को वोट करेगा क्योंकि मुसलमान कांग्रेस, सपा, बसपा सबको आजमा चुका हैं और अब उन्हें सिर्फ भाजपा से ही उम्मीद है.
(आईएएनएस)