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येदियुरप्पा ने इस्तीफा देने से पहले मुझे मंत्री बनाने की शर्त नहीं रखी थी : विजयेंद्र

कर्नाटक भाजपा के उपाध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने कहा कि उनके पिता बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले उन्हें मंत्री बनाने के लिए कोई शर्त नहीं रखी थी.

बी. वाई. विजयेंद्र
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Published : Aug 5, 2021, 9:50 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक भाजपा के उपाध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र (Karnataka BJP vice president B Y Vijayendra ) ने कहा कि उनके पिता बीएस येदियुरप्पा (B S Yediyurappa ) ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले उन्हें मंत्री बनाने के लिए कोई शर्त नहीं रखी थी.

विजयेंद्र ने यह भी कहा कि उनकी नई कैबिनेट का हिस्सा बनने की कोई आकांक्षा नहीं थी क्योंकि वह न विधायक हैं और न विधान पार्षद.

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, 'यह कहना कि येदियुरप्पा ने इस्तीफा देते वक्त शर्त रखी थी कि उनके बेटे विजयेंद्र को मंत्री बनाया जाए... यह उनके नेतृत्व पर काला धब्बा लगाना है. येदियुरप्पा ने 40-45 साल तक संघर्ष किया, पार्टी को संगठित किया और इस मुकाम तक पहुंचाया. यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है.'

विजयेंद्र ने कहा कि येदियुरप्पा ने ऐसी शर्तें नहीं रखी थीं और वह कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने से दुखी नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें संगठन में काम करने का मौका दिया है जो वह करते रहेंगे.

ऐसी खबरें थीं कि येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और पार्टी नेतृत्व पर अपने छोटे बेटे विजयेंद्र को नए मंत्रिमंडल में शामिल करने का दबाव बनाया था.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक में कैबिनेट का विस्तार, बोम्मई की टीम में इन नेताओं को मिली जगह

विजयेंद्र को मंत्री बनाए जाने के सवाल के जवाब में बोम्मई ने कहा था कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने येदियुरप्पा से बात की थी. मुख्यमंत्री ने बुधवार को अपनी कैबिनेट का विस्तार किया था. बोम्मई ने कहा कि इसके अलावा, राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह ने भी इस मामले पर व्यक्तिगत रूप से विजयेंद्र से बात की थी.

(पीटीआई भाषा)

बेंगलुरु : कर्नाटक भाजपा के उपाध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र (Karnataka BJP vice president B Y Vijayendra ) ने कहा कि उनके पिता बीएस येदियुरप्पा (B S Yediyurappa ) ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले उन्हें मंत्री बनाने के लिए कोई शर्त नहीं रखी थी.

विजयेंद्र ने यह भी कहा कि उनकी नई कैबिनेट का हिस्सा बनने की कोई आकांक्षा नहीं थी क्योंकि वह न विधायक हैं और न विधान पार्षद.

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, 'यह कहना कि येदियुरप्पा ने इस्तीफा देते वक्त शर्त रखी थी कि उनके बेटे विजयेंद्र को मंत्री बनाया जाए... यह उनके नेतृत्व पर काला धब्बा लगाना है. येदियुरप्पा ने 40-45 साल तक संघर्ष किया, पार्टी को संगठित किया और इस मुकाम तक पहुंचाया. यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है.'

विजयेंद्र ने कहा कि येदियुरप्पा ने ऐसी शर्तें नहीं रखी थीं और वह कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने से दुखी नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें संगठन में काम करने का मौका दिया है जो वह करते रहेंगे.

ऐसी खबरें थीं कि येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और पार्टी नेतृत्व पर अपने छोटे बेटे विजयेंद्र को नए मंत्रिमंडल में शामिल करने का दबाव बनाया था.

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विजयेंद्र को मंत्री बनाए जाने के सवाल के जवाब में बोम्मई ने कहा था कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने येदियुरप्पा से बात की थी. मुख्यमंत्री ने बुधवार को अपनी कैबिनेट का विस्तार किया था. बोम्मई ने कहा कि इसके अलावा, राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह ने भी इस मामले पर व्यक्तिगत रूप से विजयेंद्र से बात की थी.

(पीटीआई भाषा)

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