नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक जेल के अंदर भूख हड़ताल पर बैठ गया था जिसकी वजह से उसकी तबियत खराब हो गई. उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसकी पुष्टि तिहाड़ जेल के बड़े अधिकारी ने की है.
यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ है. यासीन मलिक आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. वह शुक्रवार सुबह से भूख हड़ताल पर बैठा था जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ गई. उसका आरोप है कि उसके खिलाफ जो विचाराधीन मामला चल रहा है, उसकी जांच सही तरीके से नहीं की जा रही है. इसलिए वह अपनी आवाज पहुंचाने और अपनी मांग पर विचार करवाने के लिए शुक्रवार सुबह जेल के अंदर भूख हड़ताल पर बैठ गया. भूख हड़ताल पर बैठने के बाद जेल के कई ऑफिसर ने यासीन मलिक को भूख हड़ताल छोड़ने के लिए मनाया. भूख हड़ताल तुड़वाने की कोशिश की, लेकिन काफी मनाने के बाद भी पूरी तरह नाकाम रहे. जेल ऑफिसरों ने यासीन मलिक से बातचीत की उसकी बातें सुनी और भूख हड़ताल छोड़ने के लिए कहा लेकिन उसने भूख हड़ताल खत्म करने से साफ मना कर दिया. जिसके बाद जेल प्रशासन द्वारा उसकी निगरानी बढ़ा दी. जेल के डॉक्टर उसकी निगरानी कर रहे हैं. वहीं जेल प्रशासन कुछ भी कहने से बच रहा है.
मई में मिली उम्रकैद की सजा
जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक में हुई अलगाववादी हिंसा के प्रमुख सूत्रधारों में से एक था. वह जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चेयरमैन है. इसी साल मई 2022 में यासीन मलिक को आपराधिक षडयंत्र रचने और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े मामलों में दोषी ठहराया गया और उसी मामलों वो उम्रकैद की सजा काट रहा है.
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