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Mahashivratri 2023: भांग-धतूरा के अलावा इन चीजों से भी कर सकते हैं भोलेनाथ की पूजा, मिलेगा मनचाहा फल

भगवान शिव की पूजा जल, दूध, भांग, शहद, दही जैसी चीजों से भी की जाती है. कहा जाता है कि इससे भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं. इन चीजों का भी अपना अलग महत्व है. ऐसी सामग्री अर्पित करने से भोलेनाथ हर कामना पूरी करते हैं.

Mahashivratri 2023
महाशिवरात्रि 2023
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Published : Feb 6, 2023, 11:39 AM IST

Updated : Feb 17, 2023, 10:19 PM IST

नई दिल्लीः महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. भोलेनाथ की पूजा का सबसे खास दिन महाशिवरात्रि को माना जाता है. भक्त महाशिवरात्रि पर व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं और अपने सारे कष्टों से मुक्ति के लिए आशीर्वाद मांगते हैं. मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. भक्त भगवान शिव की पूजा भांग धतूरा से करते हैं. हालांकि भगवान शिव को भांग धतूरा के अलावा भी कुछ अन्य सामग्री भी अर्पित की जाती है.

जल
भगवान शिव पर जल चढ़ाने का महत्व भी समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा है. विष पीने के बाद शिव का कंठ एकदम नीला पड़ गया था. विष की ऊष्णता को शांत करने व शिव को शीतलता प्रदान करने के लिए समस्त देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया था. इसलिए मंदिरों में शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है. कहा जाता है कि शिवालय में मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करने से मनुष्य का स्वभाव शांत होता है.

दूध
भगवान शिव को दूध भी अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव को जल्द प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर सोमवार के दिन गाय का कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए. गाय का दूध शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इसके अलावा श्रावण मास में दूध का सेवन निषेध माना जाता है. दूध इस मास में स्वास्थ्य के लिए गुणकारी के बजाय हानिकारक हो जाता है. इसीलिए सावन मास में दूध का सेवन न करते हुए भगवान शिव को अर्पित करने का विधान है.

बेलपत्र
शास्‍त्रों में बेलपत्र को भगवान शंकर की तीसरी आंख बताई गई है. इसके अवाला बेलपत्र भगवान के तीन नेत्रों का प्रतीक है. इसलिए भगवान शिव को बेलपत्र बहुत प्रिय है. ऋषियों ने कहा है, 'बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ाना और 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान का फल एक समान है. इसके अलावा अगर शिव की पूजा में बेलपत्र का प्रयोग किया जाए तो भक्‍तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. बेलपत्र गंभीर बीमारियों से भी छुटकारा दिला सकता है.

शहद, दही, घी, शक्कर
भगवान शिव को शहद, दही, घी और शक्कर भी चढ़ाया जाता है. कहा जाता है भगवान शिव को शहद और शक्कर चढ़ाने से वाणी में मिठास आती है. साथ ही शिव जी को शहद चढ़ाने से रोगों से मुक्ति मिलती है. जबकि शक्कर से अभिषेक करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है. वहीं, भगवान शिव को दही चढ़ाने से स्वभाव गंभीर होता है और जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं. जबकि भगवान शिव को घी अर्पित करने से शक्ति बढ़ती है.

भांग
माना जाता है कि भांग ध्यान केंद्रीत करने में मदद करता है और शिव हमेशा ध्यानमग्न रहते हैं. इसलिए शिव को भांग प्रिय है. समुद्र मंथन में निकले विष का सेवन भगवान शिव ने किया था. उस दौरान भांग भगवान शिव को औषधि के रूप में दी गई थी. मान्यता है कि भगवान शिव को भांग चढ़ाने से कमियां और बुराइयां दूर होती हैं. शिवलिंग पर भांग का लेप या फिर भांग की पत्तियां भी चढ़ाई जाती है. इससे जीवन से नकारात्मकता दूर होती है.
नोटः इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. ईटीवी भारत इनकी पुष्टि नहीं करता है.

ये भी पढ़ेंः Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को इन चीजों का लगाएं भोग, इनके बिना अधूरी है पूजा

नई दिल्लीः महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. भोलेनाथ की पूजा का सबसे खास दिन महाशिवरात्रि को माना जाता है. भक्त महाशिवरात्रि पर व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं और अपने सारे कष्टों से मुक्ति के लिए आशीर्वाद मांगते हैं. मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. भक्त भगवान शिव की पूजा भांग धतूरा से करते हैं. हालांकि भगवान शिव को भांग धतूरा के अलावा भी कुछ अन्य सामग्री भी अर्पित की जाती है.

जल
भगवान शिव पर जल चढ़ाने का महत्व भी समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा है. विष पीने के बाद शिव का कंठ एकदम नीला पड़ गया था. विष की ऊष्णता को शांत करने व शिव को शीतलता प्रदान करने के लिए समस्त देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया था. इसलिए मंदिरों में शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है. कहा जाता है कि शिवालय में मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करने से मनुष्य का स्वभाव शांत होता है.

दूध
भगवान शिव को दूध भी अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव को जल्द प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर सोमवार के दिन गाय का कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए. गाय का दूध शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इसके अलावा श्रावण मास में दूध का सेवन निषेध माना जाता है. दूध इस मास में स्वास्थ्य के लिए गुणकारी के बजाय हानिकारक हो जाता है. इसीलिए सावन मास में दूध का सेवन न करते हुए भगवान शिव को अर्पित करने का विधान है.

बेलपत्र
शास्‍त्रों में बेलपत्र को भगवान शंकर की तीसरी आंख बताई गई है. इसके अवाला बेलपत्र भगवान के तीन नेत्रों का प्रतीक है. इसलिए भगवान शिव को बेलपत्र बहुत प्रिय है. ऋषियों ने कहा है, 'बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ाना और 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान का फल एक समान है. इसके अलावा अगर शिव की पूजा में बेलपत्र का प्रयोग किया जाए तो भक्‍तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. बेलपत्र गंभीर बीमारियों से भी छुटकारा दिला सकता है.

शहद, दही, घी, शक्कर
भगवान शिव को शहद, दही, घी और शक्कर भी चढ़ाया जाता है. कहा जाता है भगवान शिव को शहद और शक्कर चढ़ाने से वाणी में मिठास आती है. साथ ही शिव जी को शहद चढ़ाने से रोगों से मुक्ति मिलती है. जबकि शक्कर से अभिषेक करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है. वहीं, भगवान शिव को दही चढ़ाने से स्वभाव गंभीर होता है और जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं. जबकि भगवान शिव को घी अर्पित करने से शक्ति बढ़ती है.

भांग
माना जाता है कि भांग ध्यान केंद्रीत करने में मदद करता है और शिव हमेशा ध्यानमग्न रहते हैं. इसलिए शिव को भांग प्रिय है. समुद्र मंथन में निकले विष का सेवन भगवान शिव ने किया था. उस दौरान भांग भगवान शिव को औषधि के रूप में दी गई थी. मान्यता है कि भगवान शिव को भांग चढ़ाने से कमियां और बुराइयां दूर होती हैं. शिवलिंग पर भांग का लेप या फिर भांग की पत्तियां भी चढ़ाई जाती है. इससे जीवन से नकारात्मकता दूर होती है.
नोटः इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. ईटीवी भारत इनकी पुष्टि नहीं करता है.

ये भी पढ़ेंः Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को इन चीजों का लगाएं भोग, इनके बिना अधूरी है पूजा

Last Updated : Feb 17, 2023, 10:19 PM IST
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