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दुनिया के एकमात्र संस्कृत अखबार के संपादक केवी संपत कुमार का निधन, पीएम व गृहमंत्री ने जताया शोक

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Published : Jun 30, 2021, 7:16 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 9:59 PM IST

पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने से पहले, दुनिया के एकमात्र संस्कृत अखबार सुधर्मा के संपादक केवी संपत (KV Sampath) का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वे 64 वर्ष के थे.

संपत कुमार का निधन
संपत कुमार का निधन

मैसूर: पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने से पहले, दुनिया के एकमात्र संस्कृत अखबार सुधर्मा के संपादक केवी संपत कुमार (KV Sampath Kumar) का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने गहरी संवेदना व्यक्त की है.

केंद्र सरकार ने केवी संपत कुमार और उनकी पत्नी केएस जयलक्ष्मी को अखबार की सेवा को देखते हुए दो साल पहले प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार देने की घोषणा की थी. अखबार मैसूर में 50 वर्षों से संस्कृत भाषा में प्रकाशित हुआ.

संपत कुमार ने अपने पिता पंडित वरदराजा अयंगर से पदभार संभाला था, जिन्होंने 1970 में सुधर्मा का शुभारंभ किया था और यह सुनिश्चित किया था कि प्रकाशन अपने पाठकों तक पहुंचे. उन्होंने एक संपादक और प्रकाशक के रूप में काम किया. दुनियाभर में संस्कृत के विद्वानों और समर्थकों तक पहुंचने के लिए, संपत कुमार ने एक ई-पेपर लॉन्च किया था जिससे अखबार डिजिटल हो गया था.

ये भी पढ़ें - शोपियां के 16 वर्षीय छात्र को मिली ₹60 लाख की छात्रवृत्ति

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ट्वीट संदेश में कहा, ' के.वी. संपत कुमार जी एक प्रेरक व्यक्तित्व थे, जिन्होंने विशेष रूप से युवाओं के बीच संस्कृत को संरक्षित और लोकप्रिय बनाने के लिए अथक प्रयास किया. उनका जुनून और दृढ़ संकल्प प्रेरणादायक था. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना.'

गृहमंत्री अमित शाह का ट्वीट
गृहमंत्री अमित शाह का ट्वीट

वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ट्वीट में कहा, केवी संपत कुमार जी का जीवन संस्कृत भाषा के संरक्षण व संवर्धन के प्रति समर्पित रहा. संस्कृत भाषा को आम बोलचाल का हिस्सा बनाने में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. उनका निधन संस्कृत व पत्रकारिता जगत के लिए बड़ी क्षति है.

मैसूर: पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने से पहले, दुनिया के एकमात्र संस्कृत अखबार सुधर्मा के संपादक केवी संपत कुमार (KV Sampath Kumar) का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने गहरी संवेदना व्यक्त की है.

केंद्र सरकार ने केवी संपत कुमार और उनकी पत्नी केएस जयलक्ष्मी को अखबार की सेवा को देखते हुए दो साल पहले प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार देने की घोषणा की थी. अखबार मैसूर में 50 वर्षों से संस्कृत भाषा में प्रकाशित हुआ.

संपत कुमार ने अपने पिता पंडित वरदराजा अयंगर से पदभार संभाला था, जिन्होंने 1970 में सुधर्मा का शुभारंभ किया था और यह सुनिश्चित किया था कि प्रकाशन अपने पाठकों तक पहुंचे. उन्होंने एक संपादक और प्रकाशक के रूप में काम किया. दुनियाभर में संस्कृत के विद्वानों और समर्थकों तक पहुंचने के लिए, संपत कुमार ने एक ई-पेपर लॉन्च किया था जिससे अखबार डिजिटल हो गया था.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ट्वीट संदेश में कहा, ' के.वी. संपत कुमार जी एक प्रेरक व्यक्तित्व थे, जिन्होंने विशेष रूप से युवाओं के बीच संस्कृत को संरक्षित और लोकप्रिय बनाने के लिए अथक प्रयास किया. उनका जुनून और दृढ़ संकल्प प्रेरणादायक था. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना.'

गृहमंत्री अमित शाह का ट्वीट
गृहमंत्री अमित शाह का ट्वीट

वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ट्वीट में कहा, केवी संपत कुमार जी का जीवन संस्कृत भाषा के संरक्षण व संवर्धन के प्रति समर्पित रहा. संस्कृत भाषा को आम बोलचाल का हिस्सा बनाने में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. उनका निधन संस्कृत व पत्रकारिता जगत के लिए बड़ी क्षति है.

Last Updated : Jun 30, 2021, 9:59 PM IST
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