नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को तमिलनाडु में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) से प्रभावित होकर 'वर्ल्ड तमिल जस्टिस कोर्ट' (World Tamil Justice Court) बनाने वाले तीन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है (NIA chargesheet against three persons).
जांच से पता चला है कि आरोपी व्यक्तियों ने साजिश रची और खुद को प्रतिबंधित संगठन लिट्टे से जोड़ा और विश्व तमिल न्याय अदालत (डब्ल्यूटीजेसी) नामक एक संगठन बनाया. एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'उन्होंने अवैध आग्नेयास्त्रों, घातक हथियारों और विस्फोटक पदार्थों का उपयोग करके खदानों, क्रशर और TASMAC शराब की दुकानों में काम करने वाले लोगों पर हमला करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाई थी.'
जांच से पता चला है कि उन्होंने 18 मई, 2022 को हड़ताल करने का फैसला किया था, जो श्रीलंकाई तमिल लोगों और लिट्टे के समर्थकों द्वारा श्रीलंकाई गृहयुद्ध में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मुलिविक्कल स्मरण दिवस का प्रतीक है. अधिकारी ने कहा, 'आरोपी का मानना था कि इन आतंकवादी कृत्यों से लोगों में आतंक फैल जाएगा और आम जनता और सरकार को एक कड़ा संदेश जाएगा कि तमिलनाडु में लिट्टे जैसे संगठन को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया गया है.'
एनआईए ने शुक्रवार को नवीन उर्फ नवीन चक्रवर्ती एम (Naveen alias Naveen Chakravarthy M), संजय प्रकाश जे (Sanjay Prakash J) और ए काबिलर उर्फ काबिलन (A Kabilar alias Kabilan) के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया. ये सभी तमिलनाडु के हैं.
आर्म्स मामले में ओमलूर पुलिस स्टेशन में चार्जशीट दायर की गई थी. अधिकारी ने कहा, 'पुलियामपट्टी डिवीजन के पास वाहन चेकिंग के दौरान आरोपियों के पास से दो देसी पिस्तौल, गोला-बारूद, गन पाउडर आदि बरामद करने से संबंधित मामला है.'
अधिकारी ने कहा कि आरोपी लिट्टे से प्रेरित थे और सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष छेड़ने के उद्देश्य से लिट्टे जैसा संगठन बनाना चाहते थे. मामला तमिलनाडु के सलेम जिले के ओमलूर पुलिस स्टेशन में 19 मई, 2022 को एफआईआर संख्या सीआर संख्या 302/2022 के तहत दर्ज किया गया था.बाद में इसे एनआईए द्वारा आरसी-33/2022/एनआईए/डीएलआई के रूप में फिर से पंजीकृत किया गया था.
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