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World River Day : नदियों को मूल स्वरूप में प्रदूषण मुक्त रखना वैश्विक चुनौती, जानें आज के ही दिन क्यों मनाते हैं विश्व नदी दिवस

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 24, 2023, 12:02 AM IST

Updated : Sep 24, 2023, 9:20 AM IST

नदियों को मूल स्वरूप में प्रदूषण मुक्त रखना आज बड़ी चुनौती है. यह चुनौती एक राज्य या किसी देश की नहीं है. यह समस्या पूरी दुनिया के एक संकट भी है. नदियों मूल स्वरूप में साफ और सुरक्षित रहे इसे के प्रति जागरूकता पैदै करने के लिए हर साल सितंबर माह के चौथे रविवार को विश्व नदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. पढ़ें पूरी खबर..

World River Day
विश्व नदी दिवस

हैदराबाद : जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है. धरती पर एक प्राकृतिक स्रोत नदियां हैं. मूल स्वरूप में नदियों को स्वच्छ रखने के लिए आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल विश्व नदी दिवस (World River Day) मनाया जाता है. 1980 के दशक में ब्रिटिश कोलंबिया में थॉम्पसन नदी को साफ करने के लिए मार्क एंजेलो ने एक अभियान शुरू किया गया. इस काम में बड़ी सफलता मिली. इसके बाद से उस पल को यादगार बनाने के लिए वहां नदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

World River Day
पानी का भविष्य

मार्क एंजेलो ने नदियों की सफाई और संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ से विश्व नदी दिवस मनाने के प्रस्ताव दिया. प्रस्ताव स्वीकार किये जाने के बाद से इस अभियान को वैश्विक पहचान मिली. संयुक्त राष्ट्र संघ ने निर्णय लिया गया कि हर साल सितंबर माह के चौथे रविवार को विश्व नदी दिवस मनाया जायेगा. इसी के आधार पर इस साल 24 सितंबर को विश्व नदी दिवस मनाया जा रहा है. विश्व नदी दिवस 2023 की थीम 'नदियों का अधिकार' (World River Day 2023) है.

देश में 200 से ज्यादा नदियों हैं प्रदूषित
नदियों की जल गुणवत्ता पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board-CPCB) देश के 28 राज्यों व 7 केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित 4484 लोकेशन पर जल संसाधनों की गुणवत्ता की निगरानी करता है. इनमें 2108 लोकेशन नदियों से जुड़े होते हैं. सीपीसीबी के अनुसार साल 2022 में निगरानी की गई नदियों में से केवल 46 फीसदी (603 में से 279) को प्रदूषित रूप में चिह्वित किया गया.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नदियों की जल गुणवत्ता का विश्लेषण नियमित तौर पर किया जाता है. साल 2019 और 2021 में 1920 लोकेशनों पर 603 नदियों से लिए गये सैंपल का जल गुणवत्ता डेटा विश्लेषण किया गया. मानकों के आधार पर सीपीसीबी ने 2022 में 279 नदियों पर 311 प्रदूषित नदी के खंडों (धार) की पहचान की है. 1920 लोकेशन में से 1103 स्थान (57%) बीओडी मानकों का अनुपालन कर रहे थे. बीओडी के मानकों के आधार पर 324 नदियों के सभी लोकेशनों की निगरानी की गई. 279 नदियों के 817 लोकेशन पर बीओडी 3 मिलीग्राम/लीटर स्तर से अधिक पाया गया.

सिर्फ 6 राज्यों में है देश का 50 फीसदी जल संसाधन
आद्री (Asian Development Research Institute-ADRI) की रिपोर्ट के अनुसार 4 फीसदी जल स्रोत के साथ दुनिया में जल के मामले में अमीर हैं. पौराणिक काल से भारत के विकास में नदियों का अमूल्य योगदान रहा है. भारत में 12 मुख्य नदियों हैं. इससे 253 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र (Million Hectare Area) में जल आपूर्ति की जाती है. यह कुल 43 फीसदी जल ग्रहण क्षेत्र है. इसके अलावा 46 नदियों (मध्यम नदी) 24.6 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र के रूप में बांटा गया है. इसके अलावा कई नदियां सहायक बारहमासी नदी हैं. इनमें से कई मौसमी नदियां हैं. आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, गुजरात, कर्नाटक और गुजरात के पास 50 फीसदी से ज्यादा अंतर्देशीय जल संसाधन है.

क्या है BOD
बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड जिसे बीओडी (Bio-Chemical Oxygen Demand- BOD) कहते हैं. यह पानी में आर्गेनिक पाल्युशन का मापक है. आसान शब्दों में कहें तो बीओडी आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा का माप है. इसका उपयोग पानी से अपशिष्ट कार्बनिक पदार्थ को हटाने के लिए किया जाता है, जो एरोबिक बैक्टीरिया (Aerobic Bacteria ) को सक्रिय करता है, जिससे पानी साफ होता है. किसी भी जल श्रोत में BOD की मात्रा 3mg/L से अधिक है तो पानी प्रदूषित है.

  • देश में 255 जिले और 1597 प्रखंड जल संकटग्रस्त इलाके हैं.
  • केंद्रीय भूजल बोर्ड के डेटा के अनुसार देश में जल स्तर में गिरावट हो रही है
  • सबसे ज्यादा गिरावट पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, तेलंगाना और महाराष्ट्र में दर्ज की गई है.
  • 80 फीसदी जलापूर्ति भूगर्भ जल स्रोत से किया जाता है.
  • हर साल 4 करोड़ लोग दूषित जल से बीमार होते हैं.

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हैदराबाद : जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है. धरती पर एक प्राकृतिक स्रोत नदियां हैं. मूल स्वरूप में नदियों को स्वच्छ रखने के लिए आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल विश्व नदी दिवस (World River Day) मनाया जाता है. 1980 के दशक में ब्रिटिश कोलंबिया में थॉम्पसन नदी को साफ करने के लिए मार्क एंजेलो ने एक अभियान शुरू किया गया. इस काम में बड़ी सफलता मिली. इसके बाद से उस पल को यादगार बनाने के लिए वहां नदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

World River Day
पानी का भविष्य

मार्क एंजेलो ने नदियों की सफाई और संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ से विश्व नदी दिवस मनाने के प्रस्ताव दिया. प्रस्ताव स्वीकार किये जाने के बाद से इस अभियान को वैश्विक पहचान मिली. संयुक्त राष्ट्र संघ ने निर्णय लिया गया कि हर साल सितंबर माह के चौथे रविवार को विश्व नदी दिवस मनाया जायेगा. इसी के आधार पर इस साल 24 सितंबर को विश्व नदी दिवस मनाया जा रहा है. विश्व नदी दिवस 2023 की थीम 'नदियों का अधिकार' (World River Day 2023) है.

देश में 200 से ज्यादा नदियों हैं प्रदूषित
नदियों की जल गुणवत्ता पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board-CPCB) देश के 28 राज्यों व 7 केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित 4484 लोकेशन पर जल संसाधनों की गुणवत्ता की निगरानी करता है. इनमें 2108 लोकेशन नदियों से जुड़े होते हैं. सीपीसीबी के अनुसार साल 2022 में निगरानी की गई नदियों में से केवल 46 फीसदी (603 में से 279) को प्रदूषित रूप में चिह्वित किया गया.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नदियों की जल गुणवत्ता का विश्लेषण नियमित तौर पर किया जाता है. साल 2019 और 2021 में 1920 लोकेशनों पर 603 नदियों से लिए गये सैंपल का जल गुणवत्ता डेटा विश्लेषण किया गया. मानकों के आधार पर सीपीसीबी ने 2022 में 279 नदियों पर 311 प्रदूषित नदी के खंडों (धार) की पहचान की है. 1920 लोकेशन में से 1103 स्थान (57%) बीओडी मानकों का अनुपालन कर रहे थे. बीओडी के मानकों के आधार पर 324 नदियों के सभी लोकेशनों की निगरानी की गई. 279 नदियों के 817 लोकेशन पर बीओडी 3 मिलीग्राम/लीटर स्तर से अधिक पाया गया.

सिर्फ 6 राज्यों में है देश का 50 फीसदी जल संसाधन
आद्री (Asian Development Research Institute-ADRI) की रिपोर्ट के अनुसार 4 फीसदी जल स्रोत के साथ दुनिया में जल के मामले में अमीर हैं. पौराणिक काल से भारत के विकास में नदियों का अमूल्य योगदान रहा है. भारत में 12 मुख्य नदियों हैं. इससे 253 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र (Million Hectare Area) में जल आपूर्ति की जाती है. यह कुल 43 फीसदी जल ग्रहण क्षेत्र है. इसके अलावा 46 नदियों (मध्यम नदी) 24.6 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र के रूप में बांटा गया है. इसके अलावा कई नदियां सहायक बारहमासी नदी हैं. इनमें से कई मौसमी नदियां हैं. आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, गुजरात, कर्नाटक और गुजरात के पास 50 फीसदी से ज्यादा अंतर्देशीय जल संसाधन है.

क्या है BOD
बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड जिसे बीओडी (Bio-Chemical Oxygen Demand- BOD) कहते हैं. यह पानी में आर्गेनिक पाल्युशन का मापक है. आसान शब्दों में कहें तो बीओडी आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा का माप है. इसका उपयोग पानी से अपशिष्ट कार्बनिक पदार्थ को हटाने के लिए किया जाता है, जो एरोबिक बैक्टीरिया (Aerobic Bacteria ) को सक्रिय करता है, जिससे पानी साफ होता है. किसी भी जल श्रोत में BOD की मात्रा 3mg/L से अधिक है तो पानी प्रदूषित है.

  • देश में 255 जिले और 1597 प्रखंड जल संकटग्रस्त इलाके हैं.
  • केंद्रीय भूजल बोर्ड के डेटा के अनुसार देश में जल स्तर में गिरावट हो रही है
  • सबसे ज्यादा गिरावट पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, तेलंगाना और महाराष्ट्र में दर्ज की गई है.
  • 80 फीसदी जलापूर्ति भूगर्भ जल स्रोत से किया जाता है.
  • हर साल 4 करोड़ लोग दूषित जल से बीमार होते हैं.

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Last Updated : Sep 24, 2023, 9:20 AM IST
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