जबलपुर। आईएमए हॉल में बुधवार रात 10:00 बजे कलाकारों के मंच पर अचानक से जीत की खुशी बिखर गई. जबलपुर के 100 से ज्यादा कलाकारों ने 25 घंटों से लगातार गाने गाने का रिकॉर्ड बना लिया. संस्कारधानी आर्टिस्ट ऑर्गेनाइजेशन के 100 से ज्यादा कलाकारों ने 20 जून को रात 9:00 बजे से गाना गाना शुरू किया था. यह सिलसिला मैराथन तरीके से 21 जून को रात 10:00 बजे तक लगातार चलता रहा. इस कार्यक्रम में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारी पूरे 25 घंटे तक मौजूद रहे.
25 घंटों में 800 से ज्यादा गाने गुनगुनाए: गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारी ने बताया कि ''बीच में कुछ देर के लिए बिजली बंद हो गई थी लेकिन इसके बाद भी हारमोनियम और तबले पर कलाकारों ने गाना गाना जारी रखा और 25 घंटे का अपना संकल्प टूटने नहीं दिया.'' इस रिकॉर्ड के बारे में सबसे पहले जबलपुर के कलाकार बबलू ने कल्पना की थी. उसके बाद जबलपुर के 100 से ज्यादा कलाकार एक साथ इस विश्व कीर्तिमान को बनाने के लिए सामने आए और सभी ने बीते 25 घंटों में 800 से ज्यादा गाने गाए. इन गानों में ज्यादातर की थीम पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी हुई थी. इसके साथ ही देश भक्ति और धार्मिक संगीत से जुड़े हुए गाने भी इस मंच से बीते 25 घंटों में गाये गए.
अपने पुराने विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा: विश्व संगीत दिवस के मौके पर जबलपुर के कलाकारों ने जो विश्व कीर्तिमान बनाया है उससे सभी कलाकार बहुत उत्साहित हैं. उनका कहना है कि अबकी बार वे इससे ज्यादा समय का लक्ष्य लेकर अपने ही कीर्तिमान को तोड़ने की कोशिश करेंगे. इसके पहले इन कलाकारों ने एक साथ 12 घंटे का एक कीर्तिमान बनाया था जिसे इस बार इन्हीं कलाकारों ने तोड़ दिया.
नेताओं ने की कलाकारों की हौसला अफजाई: लगातार गाने के कई विश्व रिकॉर्ड हैं. लेकिन पर्यावरण संरक्षण की थीम को लेकर लगातार गाने का यह इकलौता विश्व रिकॉर्ड है. इस बात को गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अधिकारी ने भी प्रमाणित किया है. बीते 24 घंटों में कलाकार अपने घर नहीं गए बल्कि आईएमए हॉल में ही इनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्थाएं की गई थीं. जहां एक के बाद कलाकार स्टेज पर अपना परफॉर्मेंस देते रहे. कलाकारों की अभूतपूर्व सफलता की हौसला अफजाई करने के लिए जबलपुर के महापौर और नेता प्रतिपक्ष भी कार्यक्रम के समापन के मौके पर पहुंचे और इन लोगों ने कलाकारों को उनकी सफलता पर बधाई दी.