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विश्व का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल CRPF, जानें स्वर्णिम इतिहास - सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ

'राष्ट्र पहले' के ध्येय वाक्य की सोच से बने विश्व के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ ने अपने 82 सालों के सफर में हमेशा ही अपनी शौर्य गाथा से नई इबारत को लिखा है. साल 2001 में संसद पर और 2005 में राम जन्मभूमि पर हुए आतंकी हमले को बखूबी नेस्तोनाबूत करके इस रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने साबित कर दिया कि यूं ही नहीं ये और से श्रेष्ठ हैं.

Anti-Naxal operation, CRPF
विश्व का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ
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Published : Jul 27, 2021, 6:00 AM IST

हैदराबाद: आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले देश ही नहीं विश्व के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (World Largest Paramilitary Force CRPF) की स्थापना का साल 1939 में तत्कालीन ब्रिटिश निवासियों को देश में महफूज रखने के लिए हुई थी. समय बदला और देश आजाद हुआ, तो सुरक्षा एजेंसी के नाम और काम में भी बदलाव आया, लेकिन असली मकसद देश की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ अब भी बखूबी निभा रही है.

जब भी कभी देश की अस्मिता और सुरक्षा खतरा हुआ और सीआरपीएफ को जिम्मेदारी मिली, तो जवानों ने अदम्य शौर्य और साहस का परिचय दिया. फिर चाहे 5 जुलाई 2005 को राम जन्मभूमि पर हुआ फिदायीन हमला हो या फिर 2001 में लोकतंत्र के मंदिर संसद पर हुआ आतंकी हमला. सीआरपीएफ के जवानों ने बता दिया कि उनके हौंसले बुलंद हैं और उनके रहते क्या मजाल कि दुश्मन कुछ कर गुजरे. आइए जानते हैं इस सुरक्षा एजेंसी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें...

82 साल पहले 27 जुलाई 1939 को इस केंद्रीय रिजर्व पुलिस (Central Reserve Police) की स्थापना क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस (CRP) के रूप में मध्य प्रदेश के नीमच में की गई थी. उस समय इसका प्रमुख कार्य भारत के संवेदनशील राज्यों में रहने वाले ब्रिटिश निवासियों की रक्षा करना था.

नीमच में स्थापना के पीछे की खास वजह ये थी कि ब्रिटिश काल में उत्तर भारत का सैन्य घुड़सवार मुख्यालय नीमच में था. बाद में देश आजाद हुआ और तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 19 मार्च 1950 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस (CRP) कर दिया और इसको बल का दर्जा देकर इसे ध्वर्ज यानी प्रेशिडेंशियल कलर ​प्रदान किया.

जानें CRPF के बारे में सबकुछ

  • सीआरपीएफ का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है 27 दिसंबर 1949 के बाद से ही इसे सीआरपीएफ का जाने लगा. 1960 के दशक के दौरान, कई राज्यों की रिजर्व पुलिस बटालियनों का सीआरपीएफ में विलय कर दिया गया था. सीआरपीएफ विदेशी आक्रमण और घरेलू विद्रोह के खिलाफ सक्रिय रही है.
  • इस सबसे पुराने रिजर्व पुलिस बल में वर्तमान में 250 बटालियन हैं. जिनमें 206 एक्सक्लूसिव और 6 महिला बटालियन, एनडीआरएफ की 2, आरएएफ की 10 और 10 कोबरा बटालियन है. साथ ही 5 सिग्नल्स, 1 स्पेशल ड्यूटी और 1 पार्लियामेंट्री ड्यूटी ग्रुप, 43 ग्रुप सेंटर्स, 20 ट्रेनिंग सेंटर, 3 सेंट्रल वेपन स्टोर और 21 कंपोजिट हॉस्पिटल को मिलाकर यह देश ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है.
  • साल 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले के समय सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवानों ने बहादुरी के साथ मोर्चा संभालते हुए सभी पांच आतंकवादियों को मार गिराया.
  • सीआरपीएफ के जवानों ने 1965 में गुजरात में पाकिस्तान की फौज को सीमा में घुसने से रोका. वहां सीआरपीएफ के केवल सौ जवान थे, जबकि पाकिस्तानी फौज के तीन हजार सैनिक हमला कर रहे थे. लेकिन हमारे जवानों ने अपनी हिम्मत और बहादुरी दिखाते हुए उनके दांत खट्टे कर दिए और 12 घंटे तक उन्हे रोके रखा. भारतीय सेना के वहां पहुंचने पर पाकिस्तानियों को खदेड़ दिया.
  • सीआपीएफ के जवानों ने अपने शौर्य का परिचय पांच जुलाई 2005 को अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में हुए आतंकी हमले के दौरान दिया. परिसर के बाहरी सुरक्षा घेरे में घुसे 5 सशस्त्र आतंकवादियों से सीआरपीएफ के श्री विजयो तिन्यी, एसी और श्री धर्मवीर सिंह, हेड कांस्टेबल ने अनुकरणीय वीरता का प्रदर्शन किया. उन्हें 'शौर्य चक्र' से सम्मानित किया गया.
  • सीआरपीएफ की एक अपनी स्पेशल फोर्स यूनिट है जिसका नाम में कोबरा स्पेशल यूनिट जिसका मतलब ( The Commando Battalion For Resolute Action)होता है. इसको देश में नक्सली हमलों से ​मुकाबले के लिए बनाया गया है.
  • राजस्थान के माउंट आबू में सीआरपीएफ एकेडमी स्थित है यहां पर ही इस बल के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है.
  • यह देश का एकमात्र केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है जिसमें 3 महिला बटालियन है सीआरपीएफ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोसोवो , हैती, श्रीलंका में तैनात किया गया है.
  • श्रीलंका में सीआरपीएफ की दो बटालियन और महिला बटालियन की एक कंपनी भारतीय शांति सेना की हिस्सा थी.
  • त्वरित कार्य बल सीआरपीएफ का ही एक भाग है जिसकी स्थापना दंगों जैसी स्थितियों में निपटने के लिए 1992 में की गई थी.
  • सीआरपीएफ की प्राथमिकी भूमिका पुलिस कार्रवाई में राज्य, संघ शासित प्रदेशों की सहायता कानून व्यवस्था और आतंकवाद विरोध में निहित है.
  • सीआरपीएफ भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है स्वतंत्रता के बाद सीआरपीएफ अधिनियम के लागू होने के बाद यह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बन गया.
  • सीआरपीएफ की एक कंपनी में 70- 80 जवान तैनात रहते हैं.
  • सीआरपीएफ भारत की सबसे पुरानी सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज में से एक है जो मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स गवर्नमेंट इंडिया के अंतर्गत आती है.
  • सीआरपीएफ प्राकृतिक आपदा तथा विशेष परिस्थितियों के सहायक दल के रूप में भी कार्य करती है.
  • सीआरपीएफ हर युद्ध में इंडियन आर्मी के साथ सहायक दल के रूप में अपनी सेवा प्रदान करती है.
  • हाल के दिनों में, केंद्र सरकार ने फैसला किया कि आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी सीआरपीएफ शामिल होगा.

हैदराबाद: आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले देश ही नहीं विश्व के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (World Largest Paramilitary Force CRPF) की स्थापना का साल 1939 में तत्कालीन ब्रिटिश निवासियों को देश में महफूज रखने के लिए हुई थी. समय बदला और देश आजाद हुआ, तो सुरक्षा एजेंसी के नाम और काम में भी बदलाव आया, लेकिन असली मकसद देश की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ अब भी बखूबी निभा रही है.

जब भी कभी देश की अस्मिता और सुरक्षा खतरा हुआ और सीआरपीएफ को जिम्मेदारी मिली, तो जवानों ने अदम्य शौर्य और साहस का परिचय दिया. फिर चाहे 5 जुलाई 2005 को राम जन्मभूमि पर हुआ फिदायीन हमला हो या फिर 2001 में लोकतंत्र के मंदिर संसद पर हुआ आतंकी हमला. सीआरपीएफ के जवानों ने बता दिया कि उनके हौंसले बुलंद हैं और उनके रहते क्या मजाल कि दुश्मन कुछ कर गुजरे. आइए जानते हैं इस सुरक्षा एजेंसी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें...

82 साल पहले 27 जुलाई 1939 को इस केंद्रीय रिजर्व पुलिस (Central Reserve Police) की स्थापना क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस (CRP) के रूप में मध्य प्रदेश के नीमच में की गई थी. उस समय इसका प्रमुख कार्य भारत के संवेदनशील राज्यों में रहने वाले ब्रिटिश निवासियों की रक्षा करना था.

नीमच में स्थापना के पीछे की खास वजह ये थी कि ब्रिटिश काल में उत्तर भारत का सैन्य घुड़सवार मुख्यालय नीमच में था. बाद में देश आजाद हुआ और तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 19 मार्च 1950 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस (CRP) कर दिया और इसको बल का दर्जा देकर इसे ध्वर्ज यानी प्रेशिडेंशियल कलर ​प्रदान किया.

जानें CRPF के बारे में सबकुछ

  • सीआरपीएफ का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है 27 दिसंबर 1949 के बाद से ही इसे सीआरपीएफ का जाने लगा. 1960 के दशक के दौरान, कई राज्यों की रिजर्व पुलिस बटालियनों का सीआरपीएफ में विलय कर दिया गया था. सीआरपीएफ विदेशी आक्रमण और घरेलू विद्रोह के खिलाफ सक्रिय रही है.
  • इस सबसे पुराने रिजर्व पुलिस बल में वर्तमान में 250 बटालियन हैं. जिनमें 206 एक्सक्लूसिव और 6 महिला बटालियन, एनडीआरएफ की 2, आरएएफ की 10 और 10 कोबरा बटालियन है. साथ ही 5 सिग्नल्स, 1 स्पेशल ड्यूटी और 1 पार्लियामेंट्री ड्यूटी ग्रुप, 43 ग्रुप सेंटर्स, 20 ट्रेनिंग सेंटर, 3 सेंट्रल वेपन स्टोर और 21 कंपोजिट हॉस्पिटल को मिलाकर यह देश ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है.
  • साल 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले के समय सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवानों ने बहादुरी के साथ मोर्चा संभालते हुए सभी पांच आतंकवादियों को मार गिराया.
  • सीआरपीएफ के जवानों ने 1965 में गुजरात में पाकिस्तान की फौज को सीमा में घुसने से रोका. वहां सीआरपीएफ के केवल सौ जवान थे, जबकि पाकिस्तानी फौज के तीन हजार सैनिक हमला कर रहे थे. लेकिन हमारे जवानों ने अपनी हिम्मत और बहादुरी दिखाते हुए उनके दांत खट्टे कर दिए और 12 घंटे तक उन्हे रोके रखा. भारतीय सेना के वहां पहुंचने पर पाकिस्तानियों को खदेड़ दिया.
  • सीआपीएफ के जवानों ने अपने शौर्य का परिचय पांच जुलाई 2005 को अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में हुए आतंकी हमले के दौरान दिया. परिसर के बाहरी सुरक्षा घेरे में घुसे 5 सशस्त्र आतंकवादियों से सीआरपीएफ के श्री विजयो तिन्यी, एसी और श्री धर्मवीर सिंह, हेड कांस्टेबल ने अनुकरणीय वीरता का प्रदर्शन किया. उन्हें 'शौर्य चक्र' से सम्मानित किया गया.
  • सीआरपीएफ की एक अपनी स्पेशल फोर्स यूनिट है जिसका नाम में कोबरा स्पेशल यूनिट जिसका मतलब ( The Commando Battalion For Resolute Action)होता है. इसको देश में नक्सली हमलों से ​मुकाबले के लिए बनाया गया है.
  • राजस्थान के माउंट आबू में सीआरपीएफ एकेडमी स्थित है यहां पर ही इस बल के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है.
  • यह देश का एकमात्र केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है जिसमें 3 महिला बटालियन है सीआरपीएफ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोसोवो , हैती, श्रीलंका में तैनात किया गया है.
  • श्रीलंका में सीआरपीएफ की दो बटालियन और महिला बटालियन की एक कंपनी भारतीय शांति सेना की हिस्सा थी.
  • त्वरित कार्य बल सीआरपीएफ का ही एक भाग है जिसकी स्थापना दंगों जैसी स्थितियों में निपटने के लिए 1992 में की गई थी.
  • सीआरपीएफ की प्राथमिकी भूमिका पुलिस कार्रवाई में राज्य, संघ शासित प्रदेशों की सहायता कानून व्यवस्था और आतंकवाद विरोध में निहित है.
  • सीआरपीएफ भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है स्वतंत्रता के बाद सीआरपीएफ अधिनियम के लागू होने के बाद यह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बन गया.
  • सीआरपीएफ की एक कंपनी में 70- 80 जवान तैनात रहते हैं.
  • सीआरपीएफ भारत की सबसे पुरानी सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज में से एक है जो मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स गवर्नमेंट इंडिया के अंतर्गत आती है.
  • सीआरपीएफ प्राकृतिक आपदा तथा विशेष परिस्थितियों के सहायक दल के रूप में भी कार्य करती है.
  • सीआरपीएफ हर युद्ध में इंडियन आर्मी के साथ सहायक दल के रूप में अपनी सेवा प्रदान करती है.
  • हाल के दिनों में, केंद्र सरकार ने फैसला किया कि आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी सीआरपीएफ शामिल होगा.
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