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सुरक्षित सेहत के लिए टीकाकरण जरूरी, वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन डे पर जानें इसके फायदे - भारत में टीकारण

वैश्विक स्तर पर लोगों को रोगों के प्रतिरक्षा या बचाव में टीकाकरण की भूमिका के बारे में जागरूक करने के लिए वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन डे मनाया जाता है. World Immunization Day 2023, World Immunization Day History, World Immunization Day Date.

World Immunization Day 2023
विश्व टीकाकरण दिवस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 10, 2023, 2:15 PM IST

हैदराबाद : दुनिया के इतिहास में विश्व के अलग-अलग हिस्सों में हमने कई बार कई प्रकार की महामारी या ऐसे रोगों के बारें में पढ़ा तथा सुना है जिनके कारण उस समय सैकड़ों, हजारों लोगों की जान गई थी. वहीं कुछ बीमारियां ऐसी भी रही जिनके कारण पीड़ित आजीवन शारीरिक या मानसिक विकलांगता का शिकार भी बन जाते थे. इस सूची में हाल ही में वैश्विक स्तर पर फैली कोरोना महामारी का जिक्र करना भी जरूरी है.

लेकिन वर्तमान समय में चिकित्सा की एक ऐसी उन्नत शाखा है जिसे इस तरह की महामारियों तथा बीमारियों से बचाव के लिए शरीर में प्रतिरक्षा तैयार करने में काफी अहम माना जाता है. वहीं कोरोना पर रोक लगाने में भी इस शाखा की काफी अहम भूमिका रही थी. यह शाखा है टीकाकरण या वैक्सीनेशन .

वैश्विक स्तर पर ना सिर्फ बच्चों को जन्म के बाद बल्कि बड़ों को भी कई गंभीर रोगों तथा महामारियों से बचाने के लिए टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करने तथा इससे जुड़े मुद्दों व भ्रमों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 10 नवंबर को ‘वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन डे’ मनाया जाता है.

क्या है और क्यों जरूरी होता है टीकाकरण
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार टीकाकरण हर साल 2 से 30 लाख मौतों को रोकता है. वहीं बच्चों को डिप्थीरिया, टेटनस, पोलियो, खसरा और निमोनिया जैसी कई बीमारियों से बचाता है. संगठन के अनुसार टीकाकरण शरीर में जरूरी प्रतिरक्षा का निर्माण करके उन बीमारियों की संवेदनशीलता को रोकता व कम करता है जिनके परिणामस्वरूप गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं और यहां तक की मृत्यु भी हो सकती है. गौरतलब है कि बच्चों में जरूरी टीकाकरण का ही नतीजा है कि आज बच्चों में पोलियो और चेचक जैसी घातक बीमारियों का खतरा लगभग समाप्त ही हो चुका है.

टीकाकरण से एंटीबॉडी होता है विकसित
टीकाकरण दरअसल हानिकारक बीमारियों के संपर्क में आने से पहले ही उनसे बचाने का एक सरल, सुरक्षित और प्रभावी तरीका है. टीके या वैक्सीन हमारे शरीर में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को विभिन्न बीमारियों को लेकर एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रशिक्षित करते हैं. जिससे उन रोगों से बचाव होता है या उनका प्रभाव बेहद कम हो जाता है जिसका टीका लगाया जा चुका है. गौरतलब है कि अधिकांश टीके इंजेक्शन द्वारा दिए जाते हैं, लेकिन कुछ मौखिक रूप से यानी मुंह से तथा कुछ नाक में स्प्रे भी किए जाते हैं.

गर्भावस्था में माता व उसके गर्भस्थ शिशु को कई रोगों व समस्याओं से बचाने के लिए माता को टिटनेस, इन्फ्लूएंजा, टीडैप तथा हेपेटाइटिस-बी आदि टीके लगाए जाते हैं. इसके अलावा बच्चे को जन्म के तुरंत बाद से लेकर पांच सालों तक टीबी, पोलियो, रोटावायरस, दस्त, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी, खसरा, हिब-निमोनिया और मेनिनजाइटिस जैसी बीमारियों से बचाने के लिए नियमित समय पर पोलियो खुराक, चिकन पॉक्स वैक्सीन, एमएमआर, बीसीजी, ओपीवी, रोटा, एफआईपीवी, पेंटावेलेंट, एमसीवी, विटामिन-ए, डीपीटी तथा टीटी के उम्र अनुसार अलग –अलग प्रकार व मात्रा के टीके लगाए जाते हैं.

वहीं वयस्कों में इन्फ्लूएंजा (फ्लू), न्यूमोकोकल रोग, हर्पीस जोस्टर (दाद), ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी), पर्टुसिस (काली खांसी), हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियों के लिए टीकाकरण कराने की सलाह दी जाती है. कुछ विशेष परिस्थितियों में जब किसी समुदाय में किसी संक्रामक बीमारी के फैलने का खतरा हो तो ऐसे में जरूरी टीकाकरण कराने से शरीर में रोग से बचने व उससे लड़ने के लिए जरूरी इम्यूनिटी बन जाती हैं.

इतिहास तथा उद्देश्य
वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन डे वैश्विक स्तर पर सभी उम्र के व्यक्तियों विशेषकर बच्चों को कुछ आम तथा गंभीर बीमारियों से बचाने में तथा कुछ विशेष परिस्थितियों में समुदायों में फैले कम या ज्यादा घातक संक्रामक व अन्य रोगों के प्रभाव में आने से लोगों को बचाने में टीकाकरण की प्रभावी भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

गौरतलब है कि वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन डे की स्थापना विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2012 की गई थी. इस अवसर पर हर साल कई देशों में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा जागरूकता कार्यक्रमों, शिविरों, गोष्ठियों तथा सेमिनार आदि का आयोजन किया जाता है.

टीकाकरण क्यों जरूरी ?

  1. टीकाकरण जीवन बचाता है.
  2. टीकाकरण अगली पीढ़ी की रक्षा करता है.
  3. टीकाकरण से पैसे बचाने में मदद मिल सकती है.
  4. आपके परिवार और दोस्तों की सुरक्षाति करता है टीकाकरण.
  5. समय पर टीकाकरण से बच्चों को विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं से बचा जा सकता है.

कई रोगों से सुरक्षित करता है टीकाकरण

  1. ग्रीवा कैंसर (Cervical Cancer)
  2. हैजा (Cholera)
  3. कोविड-19 (COVID-19)
  4. डिप्थीरिया (Diphtheria)
  5. हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B)
  6. इंफ्लुएंजा (Influenza)
  7. जापानी मस्तिष्ककोप (Japanese Encephalitis)
  8. मलेरिया (Malaria)
  9. खसरा (Measles)
  10. मस्तिष्कावरण शोथ (Meningitis)
  11. कण्ठमाला का रोग (Mumps)
  12. काली खांसी (Pertussis)
  13. न्यूमोनिया (Pneumonia)
  14. पोलियो (Polio)
  15. रेबीज (Rabies)
  16. रोटावायरस (Rotavirus)
  17. रूबेला (Rubella)
  18. धनुस्तंभ (Tetanus)
  19. आंत्र ज्वर (Typhoid)
  20. छोटी चेचक (Varicella)
  21. पीला बुखार (Yellow Fever)

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हैदराबाद : दुनिया के इतिहास में विश्व के अलग-अलग हिस्सों में हमने कई बार कई प्रकार की महामारी या ऐसे रोगों के बारें में पढ़ा तथा सुना है जिनके कारण उस समय सैकड़ों, हजारों लोगों की जान गई थी. वहीं कुछ बीमारियां ऐसी भी रही जिनके कारण पीड़ित आजीवन शारीरिक या मानसिक विकलांगता का शिकार भी बन जाते थे. इस सूची में हाल ही में वैश्विक स्तर पर फैली कोरोना महामारी का जिक्र करना भी जरूरी है.

लेकिन वर्तमान समय में चिकित्सा की एक ऐसी उन्नत शाखा है जिसे इस तरह की महामारियों तथा बीमारियों से बचाव के लिए शरीर में प्रतिरक्षा तैयार करने में काफी अहम माना जाता है. वहीं कोरोना पर रोक लगाने में भी इस शाखा की काफी अहम भूमिका रही थी. यह शाखा है टीकाकरण या वैक्सीनेशन .

वैश्विक स्तर पर ना सिर्फ बच्चों को जन्म के बाद बल्कि बड़ों को भी कई गंभीर रोगों तथा महामारियों से बचाने के लिए टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करने तथा इससे जुड़े मुद्दों व भ्रमों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 10 नवंबर को ‘वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन डे’ मनाया जाता है.

क्या है और क्यों जरूरी होता है टीकाकरण
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार टीकाकरण हर साल 2 से 30 लाख मौतों को रोकता है. वहीं बच्चों को डिप्थीरिया, टेटनस, पोलियो, खसरा और निमोनिया जैसी कई बीमारियों से बचाता है. संगठन के अनुसार टीकाकरण शरीर में जरूरी प्रतिरक्षा का निर्माण करके उन बीमारियों की संवेदनशीलता को रोकता व कम करता है जिनके परिणामस्वरूप गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं और यहां तक की मृत्यु भी हो सकती है. गौरतलब है कि बच्चों में जरूरी टीकाकरण का ही नतीजा है कि आज बच्चों में पोलियो और चेचक जैसी घातक बीमारियों का खतरा लगभग समाप्त ही हो चुका है.

टीकाकरण से एंटीबॉडी होता है विकसित
टीकाकरण दरअसल हानिकारक बीमारियों के संपर्क में आने से पहले ही उनसे बचाने का एक सरल, सुरक्षित और प्रभावी तरीका है. टीके या वैक्सीन हमारे शरीर में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को विभिन्न बीमारियों को लेकर एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रशिक्षित करते हैं. जिससे उन रोगों से बचाव होता है या उनका प्रभाव बेहद कम हो जाता है जिसका टीका लगाया जा चुका है. गौरतलब है कि अधिकांश टीके इंजेक्शन द्वारा दिए जाते हैं, लेकिन कुछ मौखिक रूप से यानी मुंह से तथा कुछ नाक में स्प्रे भी किए जाते हैं.

गर्भावस्था में माता व उसके गर्भस्थ शिशु को कई रोगों व समस्याओं से बचाने के लिए माता को टिटनेस, इन्फ्लूएंजा, टीडैप तथा हेपेटाइटिस-बी आदि टीके लगाए जाते हैं. इसके अलावा बच्चे को जन्म के तुरंत बाद से लेकर पांच सालों तक टीबी, पोलियो, रोटावायरस, दस्त, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी, खसरा, हिब-निमोनिया और मेनिनजाइटिस जैसी बीमारियों से बचाने के लिए नियमित समय पर पोलियो खुराक, चिकन पॉक्स वैक्सीन, एमएमआर, बीसीजी, ओपीवी, रोटा, एफआईपीवी, पेंटावेलेंट, एमसीवी, विटामिन-ए, डीपीटी तथा टीटी के उम्र अनुसार अलग –अलग प्रकार व मात्रा के टीके लगाए जाते हैं.

वहीं वयस्कों में इन्फ्लूएंजा (फ्लू), न्यूमोकोकल रोग, हर्पीस जोस्टर (दाद), ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी), पर्टुसिस (काली खांसी), हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियों के लिए टीकाकरण कराने की सलाह दी जाती है. कुछ विशेष परिस्थितियों में जब किसी समुदाय में किसी संक्रामक बीमारी के फैलने का खतरा हो तो ऐसे में जरूरी टीकाकरण कराने से शरीर में रोग से बचने व उससे लड़ने के लिए जरूरी इम्यूनिटी बन जाती हैं.

इतिहास तथा उद्देश्य
वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन डे वैश्विक स्तर पर सभी उम्र के व्यक्तियों विशेषकर बच्चों को कुछ आम तथा गंभीर बीमारियों से बचाने में तथा कुछ विशेष परिस्थितियों में समुदायों में फैले कम या ज्यादा घातक संक्रामक व अन्य रोगों के प्रभाव में आने से लोगों को बचाने में टीकाकरण की प्रभावी भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

गौरतलब है कि वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन डे की स्थापना विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2012 की गई थी. इस अवसर पर हर साल कई देशों में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा जागरूकता कार्यक्रमों, शिविरों, गोष्ठियों तथा सेमिनार आदि का आयोजन किया जाता है.

टीकाकरण क्यों जरूरी ?

  1. टीकाकरण जीवन बचाता है.
  2. टीकाकरण अगली पीढ़ी की रक्षा करता है.
  3. टीकाकरण से पैसे बचाने में मदद मिल सकती है.
  4. आपके परिवार और दोस्तों की सुरक्षाति करता है टीकाकरण.
  5. समय पर टीकाकरण से बच्चों को विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं से बचा जा सकता है.

कई रोगों से सुरक्षित करता है टीकाकरण

  1. ग्रीवा कैंसर (Cervical Cancer)
  2. हैजा (Cholera)
  3. कोविड-19 (COVID-19)
  4. डिप्थीरिया (Diphtheria)
  5. हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B)
  6. इंफ्लुएंजा (Influenza)
  7. जापानी मस्तिष्ककोप (Japanese Encephalitis)
  8. मलेरिया (Malaria)
  9. खसरा (Measles)
  10. मस्तिष्कावरण शोथ (Meningitis)
  11. कण्ठमाला का रोग (Mumps)
  12. काली खांसी (Pertussis)
  13. न्यूमोनिया (Pneumonia)
  14. पोलियो (Polio)
  15. रेबीज (Rabies)
  16. रोटावायरस (Rotavirus)
  17. रूबेला (Rubella)
  18. धनुस्तंभ (Tetanus)
  19. आंत्र ज्वर (Typhoid)
  20. छोटी चेचक (Varicella)
  21. पीला बुखार (Yellow Fever)

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