हैदराबाद : यह वैश्विक कार्यक्रम (global advocacy event) परिवारों और समुदायों पर डूबने के दुखद और गहन प्रभाव को उजागर करने और इसे रोकने के लिए जीवन रक्षक समाधान प्रदान करने के अवसर के रूप में कार्य करता है. अनुमानित 236,000 लोग हर साल डूबते हैं और डूबना 1-24 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और युवाओं के मौत के 10 प्रमुख कारणों में से एक है. 90% से अधिक डूबने से होने वाली मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में नदियों, झीलों, कुओं और घरेलू जल भंडारण जहाजों की वजह से होती हैं.
डूबने से होने वाली माैत से जुड़ा मुख्य तथ्य
पिछले एक दशक में डूबना 2.5 मिलियन से अधिक मौतों का कारण रहा है.
डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि 2019 में 235,600 लोगों की मौत डूबने से हुई है. इसमें बाढ़ से संबंधित आपदाओं और जल परिवहन की घटनाओं के कारण डूबने से होने वाली मौत को शामिल नहीं किया गया है.
डूबना दुनिया के हर क्षेत्र में 1-24 साल की उम्र के बच्चों और युवाओं की दस प्रमुख मौत के कारणों में से एक है.
इसमें डूबने से 90% से अधिक मौतें नदियों, झीलों, कुओं में होती हैं.
सभी डूबने वाली मौतों के मामले में 60% से अधिक पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रों में मिलते हैं. प्रति 100, 000 जनसंख्या पर डूबने से होने वाली मौतों की दर पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक है, इसके बाद अफ्रीकी क्षेत्र का स्थान है.
सबसे कम और उच्चतम डूबने की दर (lowest and highest drowning rates)
विश्व डूबने से बचाव दिवस पर सभी हितधारकों को सरकारों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ( UN agencies), नागरिक समाज संगठनों (civil society organizations), निजी क्षेत्र ( private sector), शिक्षाविदों और व्यक्तियों को इससे निपटने के जरूरी उपायों की चर्चा करते हुए आमंत्रित किया जाता है, ताकि ये उपाय अपनाकर ऐसी माैतों काे कम किया जा सके.
निम्नलिखित उपाय
पानी तक पहुंच को नियंत्रित करने वाले अवरोधों को स्थापित करना.
बच्चों को पानी से दूर सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराना.
तैराकी, जल सुरक्षा और बचाव कौशल सिखाना.
सुरक्षित नौका विहार, नौवहन (shipping) और नौका विनियमों (ferry regulations)को लागू करना.
बाढ़ जोखिम प्रबंधन में सुधार करना.
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