नई दिल्ली : विश्व नारियल दिवस (World Coconut Day 2022) को मनाने का उद्देश्य नारियल की खेती और उत्पादकता को बढ़ावा देने के साथ साथ नारियल की उपयोगिता व इससे होने वाले फायदों को लोगों तक पहुंचाना है, ताकि नारियल को एक नयी पहचान मिल सके. वैसे तो हमारे देश में नारियल की फल के साथ साथ धार्मिक रुप से काफी उपयोगिता है और कोई भी धार्मिक अनुष्ठान बिना नारियल के पूर्ण नहीं माना जाता है. तभी तो हमारे देश में नारियल का उपयोग शुभ कामों से लेकर लोगों को सेहतमंद बनाने के कई कार्यों में किया जाता है. इस साल का थीम (World Coconut Day Theme) 'खुशहाल भविष्य और जीवन के लिए नारियल की खेती' (Growing Coconut For Better Future and Life) रखा गया है.
आपको बता दें कि पहली बार जब एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय (Asian Pacific Coconut Community - APCC) ने साल 2009 में मनाने का फैसला किया तो यह दिवस चर्चा में आया. तब से इस विश्व नारियल दिवस को एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय ने बड़े उत्साह के साथ मनाया करता है. इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि विश्व स्तर पर नारियल की खेती के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए नारियल उद्योग की सभी गतिविधियों को प्रोत्साहित करना. साथ ही साथ इसके लिए काम करने वाले लोगों में समन्वय और सामंजस्य स्थापित करना है.
2009 से हर साल 02 सितंबर को विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है। यह इस उष्णकटिबंधीय (tropical) फल को बढ़ावा देने और इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है। विश्व नारियल दिवस 2021 का विषय 'कोविड-19 महामारी और उससे परे एक सुरक्षित समावेशी लचीला और टिकाऊ नारियल समुदाय का निर्माण' है। डब्ल्यूसीडी (WCD) एशियाई प्रशांत नारियल समुदाय (Asian Pacific Coconut Community - APCC) के गठन का भी स्मरण करता है, जिसका उद्देश्य नारियल उद्योग की सभी गतिविधियों को बढ़ावा देना, समन्वय और सामंजस्य स्थापित करना है।
वैसे भी नारियल को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इसका उपयोग कई रुपों में किया जाता है. नारियल का पानी काफी लाभदायक होता है. इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स, अमीनो- एसिड, एंजाइम्स, विटामिन सी आदि मिलते हैं और लोग इसको पीना पसंद करते हैं.
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विश्व नारियल दिवस 2022 के अवसर पर आपको ईटीवी भारत नारियल नारियल से जुड़े फैक्ट्स और जानकारियां देने की कोशिश कर रहा है.....
- नारियल का अंग्रेजी नाम Coconut है, जिसे पुर्तगाली शब्द 'कोको' से लिया गया है. वहां पर वहां की पौराणिक कथाओं में 3 आंखों वाले चेहरे की छवि को 'कोको' कहा जाता था.
- नारियल का वैज्ञानिक नाम 'कोकस न्यूसिफेरा (Cocus Nucifera)' है और यह पाम फैमिली से संबंधित है. दुनिया के प्रमुख नारियल उत्पादक देश फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ़ माइक्रोनेशिया, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, किरिबाटी, मलेशिया, मार्शल आइलैंड, पपुआ न्यू गिनीया, फिलीपिंस, समोआ, सोलोमन आइलैंड, श्रीलंका, थाइलैंड, टोंगा, वनोतु, विएतनाम, जमैका और केन्या हैं, जिनमें सबसे ज्यादा नारियल उत्पादन इंडोनेशिया, फिलीपींस, भारत, ब्राजील और श्रीलंका में होता है. नारियल के पेड़ 82 फीट (25 मीटर) तक ऊंचे होते हैं.
- जापानियों द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध में नारियल का इस्तेमाल हथगोले के रुप में किया था. नारियल में वह ग्रेनेड को भरकर दुश्मनों पर फेंक करते थे. वहीं द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नारियल के पानी का चिकित्सकीय उपयोग भी किया गया था और डीहाइड्रेशन के उपचार के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था.
- नारियल के पानी, कच्चे नारियल, सूखे नारियल के साथ साथ नारियल के रेशों का भी तमाम तरह से उपयोग किया जाता है. किरिबाती द्वीपों के मूल निवासी नारियल के रेशे का इस्तेमाल अपने लिए सूट बनाने के लिए किया करते हैं.
- नारियल विभिन्न रूपों में एंटी-वायरल, एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-पैरासाइट होते हैं. जिसका उपयोग घरेलू खाद्य पदार्थों और अन्य औषधीय रुपों में होता है.
- औसतन साढ़े तीन कप नारियल 1 बड़ा चम्मच (25 ग्राम) फाइबर के बराबर होता है. यह एक वयस्क के लिए पर्याप्त माना जाता है.
- नारियल मालदीव का राष्ट्रीय वृक्ष है और इसको वहां काफी सम्मान दिया जाता है.
- नारियल पानी में औसतन 94% पानी होता है और एक कप में लगभग 46 कैलोरी होती है.
- एक नारियल के पेड़ में एक फसल के दौरान लगभग 180 नारियल निकलते हैं. कुछ जगहों पर यह संख्या घटती बढ़ती रहती है.
- नारियल की भूसी का उपयोग प्राकृतिक रुप से मच्छर को भगाने के लिए किया जाता है. यह काफी लोकप्रिय तरीका है. यह कार्य दुनिया के कई देशों में प्रचलन में है.
- ईवा मेंडेस और प्रियंका चोपड़ा सहित कई मशहूर हस्तियों नारियल के तेल के साथ साथ इससे बनने वाले सौंदर्य सामग्री का प्रचार करके इसकी पहचान बढ़ायी.
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