नई दिल्ली: बहुप्रतीक्षित सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए चल रहे काम को रोकने का कोई मतलब नहीं है. यह कहना है भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के डॉ. केके पांडे का. उन्होंने कहा कि Covid19 के कारण सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए आवंटित धन को रोकने का कोई मतलब नहीं है.
उन्होंने कहा कि 'सरकार ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए कई अन्य कदम उठाने के अलावा टीकाकरण के लिए पहले ही बड़ी राशि आवंटित कर दी है. वास्तव में केंद्रीय विस्टा काम ने हजारों लोगों को रोजगार दिया है.'
उन्होंने कहा कि 'निर्माण कंपनियों को काम पहले ही आवंटित किया जा चुका है. अगर सरकार Covid19 के कारण काम रोक देती है, तो काम फिर से शुरू होने पर लागत बढ़ जाएगी.' डॉ. पांडे ने कहा कि लागत का असर आम करदाताओं पर होगा. नए संसद भवन के लिए काम पिछले साल 10 दिसंबर को शुरू हुआ था.
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि पिछले बजट में नरेंद्र मोदी सरकार ने टीकाकरण के प्रयोजनों के लिए 35,000 रुपये अतिरिक्त धन की घोषणा की थी. आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि सेंट्रल विस्टा की लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये है. भारत सरकार ने टीकाकरण के लिए लगभग दोगुनी राशि आवंटित की है.
पुरी ने कहा है कि इस वर्ष के लिए भारत का स्वास्थ्य बजट तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक था. अब तक केवल नए संसद भवन और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के कायाकल्प के लिए क्रमशः 862 करोड़ रुपये और 477 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नवीनीकृत लॉन, राजपथ के साथ पक्के रास्ते, बेहतर परिदृश्य, पर्याप्त सार्वजनिक सुविधाएं, वेंडिंग क्षेत्र, सार्वजनिक प्रदर्शन सुविधाएं, सुरक्षित सड़क क्रॉसिंग, सार्वजनिक आयोजनों के लिए गैर-विघटनकारी सुविधाएं आदि के साथ अधिक सार्वजनिक स्थान होगा. पुरी ने कहा, 'परियोजना भारतीय स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में गणतंत्र दिवस परेड की मेजबानी के लिए तैयार होगी.'
येचुरी ने की थी आलोचना
पुरी का बयान सीपीएम के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी द्वारा केंद्रीय विस्टा परियोजना के लिए केंद्र सरकार की आलोचना के बाद आया है. येचुरी ने कोविड-19 टीकाकरण के लिए मेगा सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए आवंटित सभी धन को डायवर्ट करने की मांग की थी.
उनका कहना है कि 'जब लोग अपने जीवन के लिए लड़ रहे हैं, केंद्र सरकार अपने स्वयं के एजेंडे के साथ आगे बढ़ रही है. वास्तव में, सरकार को एक सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम की घोषणा करनी चाहिए जिसके तहत Covid19 वैक्सीन मुफ्त दी जानी चाहिए.'
कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने भी सेंट्रल विस्टा का काम बंद करने की मांग की है.
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सेंट्रल विस्टा परियोजना का उद्देश्य 1930 के दशक में अंग्रेजों द्वारा निर्मित लुटियंस दिल्ली के केंद्र में स्थित 3.2 किलोमीटर के हिस्से को पुनर्विकास करना है. परियोजना के तहत एवेन्यू पुनर्विकास का काम, 477 करोड़ रुपये की लागत से शापूरजी पल्लोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया, जबकि टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा 862 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है.